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अमरावती में हों ऑटो सेक्टर के उद्यम

किशन कोटवानी की अपेक्षा

अमरावती/दि.14- विधानमंडल का शीतसत्र शीघ्र 19 दिसंबर से नागपुर में शुरु होने वाला हैं. अमरावती मंडल ने नगर के अनेक गणमान्य से सत्र को लेकर जन अपेक्षा पर चर्चा की. इसी कडी में बिजीलैंड कपडा हब के अध्यक्ष रहे प्रमुख उद्यमी और बडनेरा पूज्य पंचायत के पूर्व अध्यक्ष किशन कोटवानी ने अमरावती और नांदगांव पेठ की एमआईडीसी में बहुुत जगह खाली पडी होने की ओर ध्यान दर्शाया तथा यहां ऑटो सेक्टर की इंडस्ट्री की चाहत बोलकर बतलाई. उसी प्रकार उद्योग धंधों को बढावा देने वाली सरकारी नीति-रीति की अपेक्षा भी व्यक्त की. कोटवानी अमरावती के प्रसिद्ध कपडा कारोबारी हैं. विविध संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं.


* उद्योगों का हो विकास
कोटवानी ने अमरावती में उद्योगों के विकास का व्यापक स्कोप होने का दावा कर कहा कि, सरकार थोडे नियमों और शर्तो में शिथिलता लाए तथा सुविधा बढाए तो अमरावती में निश्चित ही बडे प्रमाण में उद्यम स्थापित हो सकते हैं. काफी संभावना है. इसके कारण यहां रोजगार बढेगा. उसी प्रकार कोटवानी ने छोटे व्यापारी, रेडिमेट क्लस्टर की मांग भी उठाई. अमरावती में टे्रडिंग ग्रोथ की अपार संभावना की तरफ उन्होंने ध्यान खींचा. कोटवानी ने शासन से ऐसी योजनाओं की अपेक्षा व्यक्त की कि व्यापारियों को बगैर मारगेज तथा कम ब्याज पर और आसानी से ऋण मिले, उसी प्रकार नुकसान होने पर उसमें भी आर्थिक संस्था अथवा बैंक सहभागी रहें. सरकार की भीगीदारी रहे.
* सहयोगात्मक व्यवस्था
कोटवानी ने अमरावती क्षेत्र में राज्यशासन के व्यापार संबंधित नीति और व्यवस्था को कारोबार हित में सहयोगात्मक बनाने की भी अपेक्षा व्यक्त की. उनका कहना था कि अनेक व्यवसाय उधारी के कारण डूब जाते हैं. ऐसे में नकद का ही सिस्टम रहना चाहिए. जीएसटी को लेकर भी कई सुधार अपेक्षित हैं. व्यापार को प्रोत्साहन देने वाली जीएसटी की व्यवस्था होनी चाहिए. कोटवानी ने अमरावती के लिए औद्योगिक एक्सपो की जरुरत पर बल देकर उद्योग धंधों के लिए जागरुकता बढाने की भी अपेक्षा व्यक्त की.
* बसों को दें स्टॉपेज
बिजीलैंड कपडा हब में विदर्भ भर से व्यापारी और आम ग्राहकों की सुविधा हेतु बाहर गांव से आनेवाली ओर जानेवाली बसों को बिजीलैंड के सामने स्टॉपेज देने की मांग भी कोटवानी ने उठाई. उन्होेंने कहा कि अनेक योजनाएं कागज पर रहती है, साकार नहीं हो पाती. ऐसी सभी योजनाओं को शीघ्र से शीघ्र क्रियान्वित करने पर जोर रहना चाहिए.

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