अमरावती

फुटपाथों पर दुकानदारों का निरंकुश अतिक्रमण

वाहन पार्किंग के लिए जगह ही उपलब्ध नहीं

* मनपा प्रशासन बना हुआ है ‘धृतराष्ट्र’
अमरावती/दि.27- शहर में सिमेंट के रास्ते बनाने के साथ ही रास्ते के दोनों ओर पेविंग ब्लॉक लगाते हुए वाहनों की पार्किंग के लिए जगह छोडी गई. साथ ही उसके बाद पैदल राहगिरों के चलने हेतु फुटपाथ बनाये गये, ताकि सडकों पर वाहनों की आवाजाही में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, लेकिन इन दिनों शहर के सभी प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में फुटपाथों को दूकानदारों द्वारा अतिक्रमण करते हुए अपनी दुकान का साजोसामान रखने की जगह बना लिया गया है. ऐसे में पैदल राहगिरों द्वारा चलने के लिए वाहन पार्किंगवाली जगह को प्रयोग में लाया जाता है और वाहनों को सडकों पर पार्क किया जाता है. जिससे सडकों पर वाहन चलाने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं हो पाती. ऐसे में सडकों के चौडा हो जाने के बाद भी आवाजाही की समस्या जस की तस बनी हुई है. जिसकी ओर मनपा प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है, बल्कि मनपा प्रशासन धृतराष्ट्र बनकर इस समस्या की ओर आंखे मूंदे बैठा हुआ है. ऐसे में यह सवाल पूछा जा सकता है कि, आखिर सिमेंट रास्तों के दोनों ओर फुटपाथ का निर्माण व्यापारियों के सामान रखने हेतु किया गया, या फिर लोगों के पैदल चलने हेतु.
बता दें कि, शहर में होनेवाली ट्राफिक जाम की समस्या को ध्यान में रखते हुए शहर के अधिकांश रास्तों का चौडाईकरण किया गया. साथ ही सिमेंट के रास्ते बनाते हुए सडक के दोनोें ओर पेविंग ब्लॉक लगाते हुए फुटपाथ व वाहन पार्किंग की जगह उपलब्ध करायी गई, ताकि ट्राफिक जाम की समस्या से निजात मिल सके. लेकिन इसके बावजूद ट्राफिक जाम और वाहन पार्किंग की समस्या दिनोंदिन और भी अधिक गंभीर होती जा रही है. शहर की सडकोें की ओर देखने पर लगता है, मानो ये सडकें वाहन चलाने के लिए नहीं, बल्कि वाहनों की पार्किंग के लिए बनाई गई है और फुटपाथ का निर्माण दुकानों के साजो-सामान को रखने के लिए किया गया है. शहर में रास्तों के दोनों ओर दुकानदारों द्वारा फुटपाथ पर किये जानेवाले निरंकुश अतिक्रमण और सडकों पर वाहनधारकों द्वारा की जानेवाली अस्त-व्यस्त पार्किंग की वजह से शहर की सडकों पर लोगोें का चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया है, यानी सिमेंट की सडके बनाने और सडकों को चौडा करने का कोई विशेष फायदा शहरवासियों को नहीं हुआ.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती शहर की जनसंख्या अब 10 लाख के आसपास जा पहुंची है और जिले में ग्रामीण क्षेत्रों से भी रोजाना हजारों लोग अपने विविध कामों के लिए शहर में आते है. जिसकी वजह से शहर की यातायात व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है और शहर के प्रमुख रास्तों पर सडकों पर ही दुपहिया व चारपहिया वाहन लगने और फुटपाथ पर दुकानदारों द्वारा अपना साजो-सामान रखने के चलते समस्या जस की तस है.

* इन इलाकों में सर्वाधिक समस्या
मालवीय चौक से जयस्तंभ चौक, श्याम चौक से तहसील रोड, चित्रा चौक से इतवारा बाजार, वलगांव रोड, श्याम चौक से जयस्तंभ चौक, राजकमल चौक से गांधी चौक, राजकमल से सरोज चौक, नगर वाचनालय परिसर, बापट चौक से साबनपुरा गेट, गांधी चौक से इतवारा बाजार, गौरक्षण चौक से गांधी चौक, राजापेठ रेल्वे उडानपुल के नीचे का परिसर इन इलाकों में फुटपाथ को दुकानदारों के अतिक्रमण एवं वाहनों की अस्त-व्यस्त पार्किंग ने गडप कर लिया है. विशेष उल्लेखनीय है कि, इन सभभी इलाकों को शहर का प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्र माना जाता है और यहां पर हमेशा ही अच्छी-खासी भीडभाड भी रहती है. जिसकी वजह से यहां पर सडकों पर वाहन चलाने या पैदल चलने में लोगों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है.

* अतिक्रमण निर्मूलन कार्रवाई होती ही नहीं
शहर में बढते अतिक्रमण पर अंकुश रखने की जवाबदारी महानगर पालिका के अतिक्रमण निर्मूलन विभाग की है. किंतु इन दिनों यह विभाग कहीं अस्तित्व में दिखाई ही नहीं देता. जिसका पूरा फायदा अतिक्रमणकारियों द्वारा उठाया जा रहा है और शहर के सभी प्रमुख सडकों, चौराहों, फुटपाथ, खुली जगह एवं संकुलों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा होता जा रहा है. जिसकी ओर मनपा प्रशासन का कोई ध्यान ही नहीं है.

 

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