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अकृषक प्रयोग करने पर कार्रवाई
अमरावती/दि.14 – चांदूर रेल्वे तहसील अंतर्गत तुलजापूर, राजना, वाई व सिरजगांव कोरडे परिसर की कृषि योग्य भूमि का सौर उर्जा प्रकल्प हेतु अकृषक कार्य के लिए प्रयोग करने के मामले में ‘आवादा’ कंपनी के व्यवस्थापक पर करीब 1 करोड 90 लाख रूपये का दंड लगाया गया है. यह आदेश चांदूर रेलवे के तहसीलदार राजेंद्र इंगले द्वारा पारित किया गया है. साथ ही अब इस बात की जांच भी शुरू की गई है कि, उत्तर प्रदेश के नोएडा से वास्ता रखनेवाली आवादा एमएच स्टेनेबल प्रा.लि. नामक कंपनी ने तहसील में और किन-किन स्थानों पर अपना यह धंधा शुरू किया है. इस आदेश व जांच की वजह से कंपनी के पैरोंतले से जमीन खिंसक गई है.
बता दें कि, तुलजापूर परिसर में सौर उर्जा प्रकल्प स्थापित करने का ठेका आवादा एमएच स्टेनेबल प्रा. लि. नामक कंपनी को दिया गया था. जिसके बाद कंपनी ने अपना काम शुरू करते हुए तुलजापूर परिसर के साथ-साथ राजना के 55.69 हेक्टेयर, वाई के 43.43 हेक्टेयर, सिरजगांव (कोरडे) के 42.06 हेक्टेयर, तुलजापूर के 35.02 हेक्टेयर ऐसे कुल 176.20 हेक्टेयर क्षेत्र कृषि भुमि का बिना किसी अनुमति के अकृषक उपयोग शुरू किया और यहां पर सोलर प्लैंट स्थापित किया गया. जिसकी रिपोर्ट तैयार करने के आधार पर कृषि भूमि का यह मामला उजागर हुआ.
ऐसे हुई कार्रवाई
पटवारी की रिपोर्ट व पंचनामे पर तहसीलदार ने नोटीस तामिल करते हुए संबंधित कंपनी को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया. जिसके बाद अकृषक प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं रहने के चलते आवादा एमएच स्टेनेबल प्रा. लि. कंपनी के व्यवस्थापक विशाल पट्टेबहादूर पर कुल 1 करोड 90 लाख 29 हजार 885 रूपयों का दंड लगाया गया है. तहसीलदार राजेश इंगले द्वारा यह आदेश जारी करने के बाद कंपनी द्वारा दंड की पहली किश्त के तौर पर 31 लाख 71 हजार रूपये अदा कर दिये गये है.
- राजस्व प्रशासन ने मौके पर प्रत्यक्ष जाकर मुआयना किया और तहसील के चार खेत परिसरों में 176.20 हेक्टेयर कृषि भूमि का अकृषक प्रयोग होने की बात सामने आयी. जिसके चलते संबंधित कंपनी पर दंड लगाया गया.
– राजेंद्र इंगले
तहसीलदार, चांदूर रेल्वे - सौर उर्जा प्रकल्प के लिए कृषि भूमि का अकृषक के तौर पर प्रयोग करने के मामले में हम पर लगाया गया 1.90 करोड रूपयों का दंड पूरी तरह से गलत है और हमने इस कार्रवाई के खिलाफ जिलाधीश के समक्ष गुहार लगायी है.
– विशाल पट्टेबहादर
व्यवस्थापक, आवादा कंपनी