अमरावती

‘उन’ सिनेट सदस्यों को ‘शो कॉज’ की प्रतिक्षा

कार्य वृत्तांत मान्य क्या हुए ही नहीं?

  • विद्यापीठ बदनामी मामला ठंडे बस्ते में

अमरावती/दि.29 – संगाबा अमरावती विद्यापीठ में 29 दिसंबर 2020 को पूर्ण हुई. सिनेट सभा में विद्यापीठ की बदनामी करने के मामले में कुछ सदस्यों को शो कॉज नोटीस देने का निर्णय हुआ किंतु एक महिने के बाद भी प्रशासन की ओर से द्गशो कॉजद्घ नोटीस नहीं दिया गया. जिससे विद्यापीठ के बदनामी का मामला ठंडे बस्ते में तो नहीं पडेगा, इस तरह की चर्चा जोर पकडने लगी है. नुटा के प्रवीण रघुवंशी, विवेक देशमुख, संतोष ठाकरे, प्रदीप देशपांडे के पुढाकार से दिसंबर महिने में कुलगुरु मुरलीधर चांदेकर के खिलाफ पत्रकार परिषद ली गई थी. सिनेट सभा ऑफ लाइन नहीं ली गई और कुछ सदस्यों के प्रश्न जानबुझकर नकारे गए, इस तरह का आरोप किया गया था. इसपर कुलगुरु विरुध्द नुटा संगठन इस तरह का चित्र तैयार हुआ. 29 दिसंबर को हुई ऑनलाइन सभा का बहिष्कार करते हुए कुछ सदस्यों ने प्रशासन का निषेध किया.
ऑनलाइन सिनेट सभा प्रारंभ होते ही कुछ सिनेट सदस्योें ने प्रश्न नकारे अथवा सभा ऑनलाइन ली. यह मुद्दा सिनेट में रखना अपेक्षित था किंतु जाहीर रुप से पत्रकार परिषद लेकर अथवा कुलगुरु पर आरोप करना और विद्यापीठ की बदनामी करना यह नियमबाह्य रहने की बात रविंद्र कडू ने उपस्थित की. इस विषय पर अनेक सदस्यों ने अपने विचार नोंद किये. उसके बाद जाहीर पत्र परिषद लेकर विद्यापीठ की बदनामी करने वाले सिनेट सदस्यों को शो कॉज नोटीस देकर खुलासा मांगने का निर्णय सिनेट में लिया गया. प्रशासन की ओर से इस मामले में अभी तक शो कॉज नोटीस नहीं दिया गया है, इस तरह का जानकारी सामने आयी है.

अभी तक विद्यापीठ ने सिनेट सदस्यों को कारण बताओ नोटीस नहीं भेजी. निश्चित कुलगुरु को क्या खुलासा चाहिए, यह नोटीस आने के बाद ही पता चलेगा. हम भी नोटीस की प्रतिक्षा में है. सिनेट खत्म होने के बाद दूसरे ही दिन नोटीस दी जाती है.
– प्रवीण रघुवंशी,
अध्यक्ष, नुटा तथा सिनेट सदस्य

हाल ही में सिनेट सभा का कार्य वृत्तांत मंजूर हुआ है. कुलगुरु के निर्णयानुसार विद्यापीठ की बदनामी करने वाले सदस्यों को कारण बताओ नोटीस दिये जाएंगे, खुलासा मांगा जाएगा और उसके बाद ही कार्रवाई निश्चित की जाएगी.
– तुषार देशमुख,
कुलसचिव संगाबा अमरावती विद्यापीठ

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