अमरावती

उपविभागीय पुलिस अधिकारी के निवास पर करते  है अय्याशी

पीडब्ल्यूडी ने प्राचीन और जर्जर घोषित किया है

परतवाड़ा/अचलपुर/दी.२४- सुनसान पड़े किसी पुलिस थाने में भी सहसा कोई अवैध प्रवेश करने की जुर्रत नही करता है.पुलिस थाना अथवा कोतवाली ही एकमात्र ऐसा सरकारी विभाग है जहां पर कभी ताला नही लगाया जाता और ना ही कभी यह बंद रहता है.इसके ठीक उलट इन दिनों नेशनल हाइवे 548सी अकोला रोड पर स्थित उपविभागीय पुलिस  अधिकारी का निवास असामाजिक तत्वों और शौकीन लोगो की अय्याशी की सैरगाह बना हुआ है.
इसके लिए रंगरलिया मनाने आते शहर के युवाओं अथवा शौकीनों को कोई मुआवजा नही देना पड़ता है.फिलहाल आवास स्थान के प्रवेश द्वार पर  एसडीपीओ पोपटराव अब्दागिरे के नाम की पट्टिका लगी हुई है.
इस पुलिस बंगले के सामने ही परतवाड़ा का सुख्यात कालेज है.युवक-युवतियों के परिसर में रोजाना बड़ी संख्या में आनाजाना चलता है.कभी यह बंगला पुलिसिया शानशौकत से दमकता था.अंग्रेजो के जमाने मे इसे कप्तान साहेब का बंगला कहकर संबोधित किया जाता था.
आज बंगले के उपयोग सिर्फ रँगरलिया मनाने हो रहा है.बंगले के भीतर युवतियों और महिलाओं के अंतर्वस्त्र पड़े दिखाई देते है.वही परिवार नियोजन  और गर्भ न ठहरे इसके संसाधन, कंडोम व अन्य भी बंगले के भीतर पड़े नजर आते.शराब व बियर की बोतले,सिगरेट के खाली पैकेट,गांजे की चिलम,के साथ सभी प्रकार की पार्टी का यह बंगला ठीय्या बन चुका है.जिन्हें पता है उन सभी के लिए यह बिना किराये की होटल अथवा सराय से कम नही है.महिलाओं अथवा युवतियों संग हमबिस्तर होने के लिए यह सबसे ज्यादा सुरक्षित जगह मानी जा रही.पुलिस अधिकारी का बंगला होने से किसी भी राक्षस की वक्रदृष्टि से बचकर यहां मनचाहे काम किये जा रहे.जब सैय्या भये कोतवाल तो डर काहे का..की तर्ज पर कप्तान साहेब का बंगला अब अय्याशगाह में तब्दील हो गया है.
-पीडब्ल्यूडी ने बंगला खाली करवाया है-:
इस बंगले में अंतिम एसडीपीओ के नाम पर अब्दागिरे ने ही निवास किया है.अंग्रेजो के जमाने का यह बंगला ईट और चुने में बनाया हुआ है.असल मे इसे हैरिटेज (पुरातत्व ) बिल्डिंग की सूची में दर्ज होना चाहिए था,किन्तु ऐसा नही हुआ.पीडब्ल्यूडी ने इसे धोखादायक, जर्जर और खस्ताहाल घोषित कर एसडीपीओ इसे खाली करने का अनुरोध किया था.अब एसडीपीओ स्वयं किराये के मकान में निवास कर रहे है.

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