95 वर्ष से सामाजिक परंपरा का निर्वहन कर रहा आजाद हिंद मंडल
सार्वजनिक गणेशोत्सव के साथ ही कई सामाजिक उपक्रमों का भी होता है आयोजन
हर वर्ष एक से बढकर एक झांकियां होती है साकार
गणेश स्थापना व विसर्जन पर भव्य-दिव्य शोभायात्रा निकालना है विशेषता
अमरावती- /दि.25 समाज के सभी घटक एक साथ आये और सकारात्मक कार्य हो, सभी के आपसी सहयोग से राष्ट्र का निर्माण हो, लोकमान्य तिलक द्वारा तय किये गये इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक गणेशोत्सव की परंपरा शुरू हुई और कई सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल गठित व स्थापित होने शुरू हुए. जिनमें से आगे चलकर कई गणेशोत्सव मंडल बेहद नामांकित व ख्यातनाम हुए. इनमें से ही एक है अमरावती के बुधवारा परिसर का आजाद हिंद गणेशोत्सव मंडल जो विगत 94 वर्षों की शानदार परंपरा पर आगे बढते हुए अपने शतकपूर्ति वर्ष की ओर कदम बढा रहा है.
सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाने के साथ-साथ आजाद हिंद मंडल द्वारा विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक व क्रीडा उपक्रम भी चलाये जाते है और प्रतिवर्ष विभिन्न धार्मिक व ऐतिहासिक स्थानों व प्रसंगों की प्रतिकृतियां व झांकियां इस मंडल द्वारा साकार की जाती है. जिसके तहत इस वर्ष इस बार अपनी स्थापना के 95 वें वर्ष में आजाद हिंद मंडल द्वारा बारा ज्योर्तिलिंग की प्रतिकृति साकार की जा रही है. जिसमें तमिलनाडू स्थित भगवान शंकर की मूर्ति विशेष आकर्षण रहेगी. इस प्रतिकृति व मूर्ति को ख्यातनाम मूर्तिकार शिवा प्रजापति व उनके सहयोगियों द्वारा साकार किया जायेगा.
इसके अलावा इस वर्ष आजाद हिंद गणेशोत्सव मंडल में विविध समाजोपयोगी व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा. जिसके लिए बुधवारा परिसर स्थित आजाद हिंद गणेशोत्सव मंडल में तमाम आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई है.
अब तक ये झांकियां रही उल्लेखनीय
आजाद हिंद मंडल में अब तक शिर्डी दरबार, ताजमहल, संत नगरी शेगांव व तिरूपति बालाजी के साथ ही पंढरपुर के विठ्ठल-रूख्मिणी मंदिर एवं पंढरपुर वारी की झांकियां साकार की जा चुकी है. जिन्हें अमरावतीवासियों द्वारा खासा पसंद भी किया गया.
सालभर चलते हैं विभिन्न सामाजिक उपक्रम
– आजाद हिंद मंडल द्वारा प्रति वर्ष 1 मई को सोमेश्वर पुसतकर की स्मृति में रक्तदान शिबिर का आयोजन किया जाता है. कोविड काल में शुरू किये गये इस उपक्रम के तहत पहले वर्ष 185 व दूसरे वर्ष 160 बोतल रक्त का संकलन हुआ.
– इसके साथ ही दीपावली के पर्व पर मधुबन वृध्दाश्रम में फल, कम्बल व कपडे वितरित किये जाते है.
– मंडल द्वारा प्रति वर्ष कुमार गट कबड्डी स्पर्धा के साथ ही पूर्व नगराध्यक्ष स्व. हरिभाउ कलोती की स्मृति में शरीर सौष्ठव स्पर्धा आयोजीत की जाती है. साथ ही गणेशोत्सव के दौरान विभिन्न सांस्कृति व सामाजिक कार्यक्रम आयोजीत किये जाते है.
सदस्यों के आपसी सहयोग से होता है आयोजन
विशेष उल्लेखनीय है कि, आजाद हिंद मंडल के करीब 500 सदस्य है. जिनके द्वारा दिये जानेवाले आर्थिक सहयोग से दस दिवसीय सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया जाता है और इसके लिए कोई लोकवर्गणी या जनचंदा संकलित नहीं किया जाता.
ऐसी है आजाद हिंद मंडल की कार्यकारिणी
अध्यक्ष – पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, उपाध्यक्ष – विलास इंगोले व किशोर फुले, सचिव – दिलीप कलोती, कोषाध्यक्ष – दिलीप दाभाडे, सदस्य – विवेक कलोती, अनंत गुढे, प्रकाश, नंदुभाउ गुंबले, संगेकर, ज्ञानेश्वर हिवसे, संजय मुचलंबे, राजेश ढोले, प्रवीण चौधरी, मयूर जलतारे, नीलेश सराफ, राजू पिंजरकर, मनीष चौधरी, मनीष काजनेकर, नीलेश वानखडे.
बॉक्स, फोटो विलास इंगोले
आजाद हिंद मंडल की 94 वर्षों की शानदार परंपरा है. इस मंडल के प्रारंभिक दौर में समाज जागृति का कार्य करनेवाले नाटकों का मंचन किया जाता था और वर्ष 1985 से करीब 18 वर्ष तक नागरिक वाद-विवाद का उपक्रम आयोजीत किया गया. जिससे वैचारिक विमर्श को प्रोत्साहन मिला. इसके साथ ही मंडल द्वारा विभिन्न लोकोपयोगी व समाजाभिमुख उपक्रमों पर काम किया जाता है. यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी.
– विलास इंगोले
उपाध्यक्ष, आजाद हिंद मंडल