अमरावती

मानवता के पूजारी थे बाबा हरदेव सिंह जी महाराज

महात्मा राजेश अटलानी के प्रवचन

समपर्ण दिवस पर भव्य सत्संग का आयोजन
अमरावती/ दि. 18-सतगुरू बाबा हरदेव सिंह महाराज की स्मृति में समर्पण दिवस 13 मई को बडे श्रध्दा व उत्साह के साथ मनाया गया. शनिवार की रात 9 बजे विशाल निरंकारी सत्संग गणेश नगर में स्थित संत निरंकारी भवन मेंं आयोजित किया गया था. इस अवसर पर महात्मा राजेश अटलानी ने सत्संग में बाबाजी के विचारों, उपदेशों, जीवन और मानवता के लिए किए गए कार्यो को याद किया.
महात्मा जी ने बताया कि बाबाजी हमेशा निरंकारी मिशन के पांच प्रण पर सभी को चलने का उपदेश देते रहे तथा खुद ने भी इस प्रण पर चलकर दिखाया. इस तरह बाबाजी अपने जीवन के अंतिम श्वास तक मानवता की सेवा में लगे रहे. निरंकारी मिशन के पांच प्रण, तन मन धन को निरंकार प्रभु का समझना है, इस पर अभियान नहीं करना है. जाति-धर्म के नाम द्बेष नफरत नहीं फैलाना, किसी के वेश भूषा से घृणा नहीं करना, वेषधारी बनकर समाज पर बोझ नहीं बनना, बल्कि गृहस्थ में रहकर सभी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाने को कहा गया. मानव ने समाधानी होकर जीवन जीना चाहिए. जीवन में हर किसी को हर कोई सुख मिल जाए ऐसा नही होता. मगर जो भी मिले उसमें जीवन किस तरह से जीना चाहिए यह कला उन्होंने बताई.े इंसान को चाहिए की वह हर हालात में खुश रहे. जिसका उम्दा उदाहरण देते बताया कि, अगर आपके पास गाडी है तो भी खुश रहे, नहीं है तो पैदल चलकर ही खुश रहे, अगर कोई साथ है तो उसमें खुश रहें, अगर वो साथ नहीं है तो उसकी मीठी यादों में खुश रहे.
महात्मा प्रेमचंद चौधरी ने कहा कि ‘’एकत्व में सद्बाव’ और ‘दीवार रहित संसार’ की अवधारणा से मानवता को सुंदर देन देनेवाले बाबा हरदेव सिंहजी महाराज का जीवन मानव मात्र के कल्याणार्थ समर्पित रहा. जो भी एक बार उनके संपर्क में आया वह उन्हीं का होकर रह गया. उन्होंने जीवन पर्यंत प्रेम और शांति वाले प्रत्येक मानव को जागरूकता प्रदान की.
इस अवसर पर अनेक भक्तों ने बाबाजी के जीवन पर आधारित गीत गाए. जिसमें रूपेश सेवानी, अशोक आहूजा उर्फ हप्पी महाराज, कशिश धिरवानी, बालक मंडली, चिराग केवलानी, अनिल चंदनानी, बिदिंया जयसिंघानी, बाल संगत की बच्ची डॉली, मोहित आहूजा, महात्मा राजू गायकवाड ने भजन से बाबाजी को याद किया.
विनीता धर्मा ने अपने विचारों में कहा कि, बाबा की दी गई सीख को अपने जीवन में उतारना ही बाबाजी के प्रति सच्चा समर्पण है. बाबाजी ने जिस ज्ञानरूपी धागे में पिरोकर प्रेम एवं नम्रता जैसे दिव्य गुणों से परिपूर्ण किया. हम सबके जीवन में सदा बना रहे.
* भक्तों से खचाखच भरा रहा निरंकारी भवन
स्थानी निरंकारी मीडिया प्रभारी निखिल ठाकरानी ने बताया कि, समपर्ण दिन के अवसर पर आयोजित विशाल सत्संग कार्यक्रम को भक्तों ने जबरदस्त प्रतिसाद दिया. इस अवसर पर सत्संग कार्यक्रम में भक्तों ने भारी संख्या में उपस्थिति दर्शायी . गणेश नगर में स्थित संत निरंकारी भवन का पूरा हॉल खचाखच भर गया था. कुछ भक्तों को तो बाहर रास्ते पर आसन लगाकर बैठना पडा. भक्तों ने आनंद और श्रद्बा के साथ सत्संग श्रवण किया और बाबाजी के विचारां को सुना. सेवादल इंचार्ज संजय केवलानी ने बताय कि, सेवादल के महापुरूषों की सेवाएं पहले से ही सडकों पर लगा दी गई थी. भवन के बाहर लगी प्रदर्शनी भी आकर्षण् का केंद्र रही.

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