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धर्म व साहित्य का अनूठा संगम हैं बाबा तुलसी

संपादक अनिल अग्रवाल का तुलसी जयंती पर कथन

* महेश भवन में 28 मानस मंडलों का सत्कार कर मनायी गई तुलसी जयंती
* अनिलबाबू नरेडी व परिवार का अनूठा स्तुत्य उपक्रम
* राजस्थानी हितकारक मंडल व अग्रवाल जागृति महिला मंडल के सहयोग से हुआ आयोजन
अमरावती/दि.5– गोस्वामी संत श्री तुलसीदासजी मध्य युगीन काल के एक ऐसे संत रहे, जिनकी धर्म व साहित्य के क्षेत्र में सम-समान पकड रही और उनके द्वारा रचित श्री रामचरित मानस नामक महाकाव्य आज देश सहित दुनिया में बसे सभी सनातनी के लिए पवित्र धार्मिक ग्रंथ का स्थान रखता है और इस ग्रंथ का हिस्सा रहनेवाले सुंदरकांड का पठन व श्रवण तो मानों हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. अपने 110 वर्षीय जीवनकाल के दौरान करीब 100 वर्ष का समय बाबा तुलसी ने धर्म व अध्यात्म को समर्पित कर दिया और बाल्यावस्था से ही इस हेतु समर्पित रहनेवाले बाबा तुलसी ने रामचरित मानस सहित कई अतुलनीय व अविस्मरणीय धार्मिक व साहित्यीक कृतियां रची, जो हम सभी के लिए किसी अनमोल धरोहर से कम नहीं है. इस आशय का प्रतिपादन राजस्थानी हितकारक मंडल के अध्यक्ष व दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल ने गत रोज महेश भवन में आयोजीत तुलसी जयंती समारोह में किया.
श्री रामचरित मानस के रचियता गोस्वामी श्री संत तुलसीदासजी की जयंती उपलक्ष्य में गत रोज अनिलबाबू नरेडी व परिवार द्वारा राजस्थानी हितकारक मंडल एवं अग्रवाल जागृति महिला मंडल के सहयोग से एक बडा ही अनूठा कार्यक्रम आयोजीत किया गया था. जिसमें पूरे सालभर बडे सेवाभाव के साथ सुंदरकांड पाठ की सेवा उपलब्ध करवानेवाले अमरावती शहर के अलग-अलग मानस मंडलों को एक छत के नीचे इकठ्ठा करते हुए उनका एक ही मंच पर गणमान्यों के हाथों भावपूर्ण सत्कार किया गया. साथ ही यहां पर संगीतमय सुंदरकांड का आयोजन भी किया गया. जिसमें पुणे से पधारे मीनू पोदार व संजय पारेख ने अपने सहयोगियों के साथ संगीतमय सुंदरकांड की प्रस्तुति दी. जिसे स्थानीय मानसमंडल पदाधिकारियों के साथ-साथ शहर के धर्मशील नागरिकों ने बडे भक्तिभाव के साथ सुना.
इस समय अपने संबोधन में संपादक अनिल अग्रवाल ने कहा कि, शहर में सुंदरकांड का नित्य नियम के साथ प्रति शनिवार अलग-अलग हनुमान मंदिरों में पाठ करने के अलावा शहर के धर्मप्रेमी नागरिकोें के घरों पर सुंदरकांड का पाठ करनेवाले मानस मंडलों के पदाधिकारी एक तरह से धर्मसेवाधारी है और आज उनका सत्कार करना हम सभी के लिए सम्मान की बात है और यह अवसर हमें उपलब्ध करानेवाले अनिलबाबू नरेडी अभिनंदन के पात्र है. जिस समय इस आयोजन को लेकर राजस्थानी हितकारक मंडल के समक्ष प्रस्ताव आया था, तब यह अंदाजा नहीं था कि, यह आयोजन इतने भव्य-दिव्य स्वरूप में होगा. लेकिन आज इस आयोजन की भव्यता और अलौकिकता को देखते हुए ईश्वरीय शक्ति की अनुभूति हो रही है. इस समय संपादक अनिल अग्रवाल ने इस बात की ओर भी विशेष तौर पर ध्यान दिलाया कि, हिंदी भाषी प्रदेशों में बडे पैमाने पर मानस मंडल तो होते ही है, किंतु महाराष्ट्र जैसे अहिंदी भाषी प्रदेश में भी मानस मंडलों की संख्या कम नहीं है और यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि, समूचे महाराष्ट्र में अमरावती एक ऐसा शहर व जिला है, जहां पर सबसे अधिक मानस मंडल कार्यरत है. जिनके द्वारा प्रत्येक शनिवार को अलग-अलग हनुमान मंदिरों व धर्मशील नागरिकों के आवास पर सुंदरकांड का पठन किया जाता है. जिससे हर ओर एक सकारात्मक उर्जा का निर्माण होता है.
स्थानीय बडनेरा मार्ग स्थित महेश भवन में आयोजीत इस कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले मान्यवरों के हस्ते संत गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा का पूजन व दीप प्रज्वलन किया गया. इस अवसर पर आयोजक अनिल सुगनचंद अग्रवाल (नरेडी) व अग्रवाल जागृति महिला मंडल की अध्यक्षा हेमलता नरेडी, राजस्थानी हितकारक मंडल के सचिव रामेश्वर गग्गड, मार्गदर्शक देवदत्त शर्मा, राजस्थानी हितकारक महिला मंडल की अध्यक्षा उर्मिला कलंत्री, महेशभवन के अध्यक्ष आर.बी. अटल, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष डॉ. रवि खेतान तथा आर्ट ऑफ लिविंग के उमेश गिरोलकर उपस्थित थे. इस अवसर पर संगीतमय सुंदरकांड की प्रस्तुति करने हेतु पहुंची आर्ट ऑफ लिविंग (पुणे) की मीनू पोदार, सुनील पोदार व संजय पारेख सहित उनके सहयोगियों का मान्यवरों के हस्ते शाल श्रीफल देकर सत्कार किया गया.
कार्यक्रम में अग्रवाल जागृति महिला मंडल की सचिव मंजू मालेगांवकर, अग्रवाल वरिष्ठ मंच के दिलीपबाबू अग्रवाल व हरिशचंद्र गोयल, आर्ट ऑफ लिविंग के नीरज अग्रवाल, संगीता खंडेलवाल, राजेश खंडेलवाल, ममता गोयनका, घनश्याम गोयनका, चेतन लोटिया, रेखा अग्र्रवाल, दिलीप अग्रवाल, प्रकाश केडिया, अनिता केडिया, प्रमोद भरतीया, सुनिता भरतीया, घनश्याम ककरानिया, करूणा ककरानिया, विनोद चौधरी, राजश्री चौधरी, सतीश राजपुरिया, भरत चिराणिया, अलका राजपुरिया, संगीता राजपुरिया, डॉ. हरिश बाहेती, लता बाहेती, ओम बाहेती, शिरीष झंवर, देवेंद्र अग्रवाल, कलावती अग्रवाल, विजय रोहतास, राजू चूडीवाला, संजय झुनझुनवाला, नीलू झुनझुनवाला, जीतु अग्रवाल, कांति जाजोदिया, सीमा जाजोदिया, विजय अग्रवाल (बडनेरावाले), परमानंद अग्रवाल, रेणु अग्रवाल, डॉ. सुभाष काबरा, डॉ. गिरीश तापडिया, संजय नरबान, कैलाश मंगरोलिया, जुगल दवे, शिल्पा दवे, हिमेश दवे, सर्वेश अग्रवाल, कविता अग्रवाल, अशोक नरेडी, उर्मिला नरेडी, सीए पी. सी. अग्रवाल, सीए सुनील सलामपुरिया, संजय नांगलिया, प्रफुल अग्रवाल, राखी मूंधडा, राजश्री अग्रवाल, अंजु सलामपुरिया, अंबिका चौधरी, संजय गुप्ता, नेहा चौधरी, सुनील नवरंगलाल अग्रवाल, रेशु खंडेलवाल, राधिका अटल, निशा राठी, नीता काबरा, किरण मंडला, सीमा लढ्ढा, हंसा मुंधडा, अनिता चांडक, उर्मिला नरेणी, शुभा डागा, निशिता चौबे, उमा व्यास, जम्मा गायक संगीता खंडेलवाल, रूचि कंकरिया, राजश्री अग्रवाल, सरला मंत्री, कांता मंत्री, सुनीता राठी, सपना शर्मा, कैलाश शर्मा, कल्पना मालाणी, निशा जाजू, पूजा तापडिया, पूजा गोयनका, अर्चना अग्रवाल, तारा झंवर, प्रेमलता राठी, गीता लाहोटी, मंजूश्री काकाणी, संध्या कलंत्री, सरोज खंडेलवाल, नेहा शर्मा, नेहा भट्टड, मीना लाहोटी, दुर्गा जवाहर, दिव्याणी शर्मा, आशा शमार्र्, मनीषा नांगलिया, सुनीता करवा, ममता दुबे, सरोज खंडेलवाल, रश्मी मिश्रा, कौशल्या मिश्रा, मीना मिश्रा, संगीता गुप्ता, अनिता उपाध्याय, पल्लवी रायचुरा, अमित मंत्री सहित बडी संख्या में महिलाएं व पुरूष उपस्थित थे.
* इन मानस मंडलों का हुआ भावपूर्ण सत्कार
इस आयोजन के प्रथम सत्र में शहर सहित जिले के विविध 28 सुंदरकांड मंडलों के पदाधिकारियों का गणमान्य अतिथियों के हाथों गोस्वामी संत श्री तुलसीदास जी की प्रतिमा प्रदान करने के साथ ही रामनामी दुपट्टा पहनाकर उनका सत्कार किया गया. इनमें रामचरित मानस परिषद मंडल के पप्पू छांगाणी व नवल चांडक, महेश रामायण मंडल के कृष्णा झंवर, श्री मानस मंडल (सक्करसाथ) के अनिल पुरवार, महारूद्र सुंदरकांड मंडल के सतीश कलंत्री, ओम आसोपा व जुगल दवे, बजरंग सुंदरकांड मंडल के पप्पु फाटे, ओम सुंदरकांड मंडल (चांदुर बाजार) के वसंत जोशी, ओम साईराम साहू मंडल के महेश साहू, गौड ब्राह्मण महिला सुंदरकांड मंडल की मनीषा दीक्षित, श्री रामचरित मानस पारायण मंडल के प्रमोदसिंह बैस, दुर्गापुर मानस मंडल (नई बस्ती बडनेरा) के बाला धामणे व मुकेश महाराज, लखदातार मंडल की कविता व्यास व अल्का शर्मा, महाकाली माता मंडल के भूषण विजयकर, संजय आष्टोलीकर, समर्पण परिवार मंडल के नयन काकाणी व जयप्रकाश जी, श्री रामार्पण सुंदरकांड मंडल परिवार के विशालजी, झूलेलाल रामचरित मानस मंडल के दीपक खत्री, स्वरश्री रोशनजी मानस मंडल के स्वरश्री व रोशन कडू, ममता हेडा मानस मंडल की ममता हेडा, कनक सुुंदरकांड महिला मंडल की सरला सिकची, जय बाबारी चांगापुर मित्र परिवार के सुमित साहू, अंजनेय सुंदरकांड महिला मंडल की नीता कौसकिया व सुधादेवी कौसकिया, श्रीराम रामायण मंडल के प्रदीप पांडे, एकवीरा सुुंदरकांड मंडल के अमोल तिवालकर, तुलसीसेवा रामायण मंडल के प्रेमचंद श्रीवास्तव व संतोष श्रीवास्तव, माहेश्वरी मंडल की पूजा तापडिया के साथ ही अंबा मंगल मंडल, रामचरित पारायण मंडल, कान्यकुब्ज महिला मंडल के पदाधिकारियोें का समावेश रहा. इसके साथ ही मानस एवं सुंदरकांड पठन की सेवा को अनवरत जारी रखने के लिए विजय हनुमान मंदिर, जहांगीरपुर हनुमान मंदिर के ओम परतानी, सतीधाम मंदिर के संजय झुनझुनवाला, पंचमुखी मंदिर के प्रमोद अग्रवाल, मोहन लढ्ढा, पांढरी हनुमान मंदिर के डॉ. खारिया, चांगापुर हनुमान मंदिर के दीपक शर्मा, रविनगर हनुमान मंदिर के सीतारामजी, अंबादेवी मंदिर, एकवीरा देवी मंदिर के एड दीपक, दशहरा मैदान मंदिर, पगडी हनुमान मंदिर के विजय खंडेलवाल, काठियावाड मंदिर, जलाराम बाप्पा मंदिर के दिलीपभाई पोपट, दुर्गापुर हनुमान मंदिर के मुकेश जोशी, जगदीश मंदिर, साईबाबा मंदिर, गौरक्षण के एड. आर.बी. अटल, गोकुलम गौरक्षण के डॉ. मुरके, रामदेवबाबा मंदिर के किशोर गट्टाणी, रामनवमी उत्सव समिति अध्यक्ष एड. प्रशांत देशपांडे, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष डॉ. रवि खेतान तथा सत्यनारायण मंदिर के किशोर गोयनका सहित कई अन्य मंदिरों के प्रमुख पदाधिकारियों व धर्मसेवकों का भी इस समय भावपूर्ण सत्कार किया गया.
* सुंदरकांड की स्वरलहरियों से गूंजा महेश भवन
– मीनू पोदार व संजय पारेख ने दी मधुरवाणी में प्रस्तुति
इस आयोजन के दूसरे चरण में राजस्थानी हितकारक मंडल, अग्रवाल जागृति महिला मंडल एवं सभी धर्मप्रेमी भक्तों द्बारा संगीतमय सुंदरकांड का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर मीनू पोद्दार व संजय पारेख ने अपनी मधुरवाणी में संगीतमय सुंदरकांड प्रस्तुत कर सभी भाविको को मंत्रमुग्ध किया. इस समय सबसे पहले भगवान राम व माता सीता के सुमधुर भजनों से कार्यक्रम के दूसरे चरण का प्रारंभ किया गया. पश्चात संकटमोचन हनुमान मंडल द्वारा प्रस्तुत भजनों का भाविको ने लाभ लिया. तदोपरांत पुणे से पधारे आर्ट ऑफ लिविंग की मीनू पोदार, संजय पोदार व संजय पारेख ने अपने सहयोगियों के साथ बडे सुमधूर स्वरों में संगीतमय सुंदरकांड की प्रस्तुति देते हुए सभी उपस्थित भाविकों को मंत्रमुग्ध किया.
* अब हनुमानजी पर सबके अपने-अपने दावे
– धर्म के राजनीतिकरण पर संपादक अनिल अग्र्रवाल का तंज
इस समय अपने संबोधन में संपादक अनिल अग्रवाल ने मौजूदा दौर में चल रही राजनीति पर बडे चुटीले अंदाज में तंज कसते हुए कहा कि, यूं तो प्रभू श्रीराम और हनुमानजी महाराज सबके बेहद अपने है, लेकिन इन दिनों रामजी और हनुमानजी को लेकर भी राजनीतिक दलों और राजनेताओं के अपने-अपने दावे है. जिसके चलते धर्म का भी राजनीतिकरण हो गया है. जबकि हकीकत यह है कि, राजनीति का धर्म होना चाहिए और धर्म की राजनीति नहीं होनी चाहिए. परंतु इन दिनों स्थिति इससे बिल्कुल विपरित चल रही है, क्योंकि कुछ लोगों ने राजनीति व धर्म को आपस में गड्डमगड कर दिया है.
* एड. आर. बी. अटल हैं भीष्मव्रती सेवाधारी
मानस मंडलों का सत्कार करने हेतु आयोजीत इस कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए संपादक अनिल अग्रवाल ने शहर के वरिष्ठ समाजसेवी एड. आर. बी. अटल द्वारा विभिन्न संस्थाओं के जरिये और अपने व्यक्तिगत तौर पर किये जाते सामाजिक सेवाकार्यों का विशेष उल्लेख करते हुए अटलजी को भीष्मव्रती सेवाधारी निरूपित किया. साथ ही कोविड संक्रमण काल के दौरान महेश भवन में शुरू किये गये कोविड हॉस्पिटल एवं हिंदू श्मशान भूमि में अटलजी द्वारा दी गई सेवाओं व किये गये कामों का उल्लेख करते हुए उन्हें युवा पीढी के लिए आदर्श
* 35 बरस पुरानी साध और तपस्या हुई पूरी
तुलसी जयंती को बडे ही अनूठे अंदाज में मनाने हेतु इस स्तुत्य कार्यक्रम का आयोजन करनेवाले अनिलबाबू नरेडी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि, वे विगत 35 वर्षों से रोजाना बडे नित्य नियम के साथ श्री रामचरित मानस का पाठ करते है और अपने मानस पाठ में 365 विश्राम लेते हुए इस पाठ के समाप्ती प्रति वर्ष अपने जन्मदिवस पर करते है. इस दिन मानस पाठ की समाप्ती पर प्रसाद वितरण होता है और अगले दिन से दुबारा मानस पाठ का दौर शुरू होता है. कलियुग में दुनिया को श्री रामचरित मानस जैसे ग्रंथ के जरिये बेहद अनमोल व सरल भक्तिमार्ग प्रदान करनेवाले श्री संत तुलसीदासजी की जयंती धूमधाम से मनाने का विचार उनके मन में करीब दस वर्ष पहले आया था और तब से उनके भीतर इस आयोजन के लिए एक ललक और तडप बनी हुई थी, जो उस समय और भी अधिक बढ गई. जब उन्होंने किसी शहर में मीनू पोदार व संजय पारेख के संगीतमय सुंदरकांड की प्रस्तुति को सुना. उसी समय उन्होंने पोदार एवं उनके सहयोगियों को अमरावती बुलाकर तुलसी जयंती पर सुंदरकांड करवाने और इस समय अमरावती के सभी मानस मंडलों का सत्कार करने का संकल्प लिया था, जो आज मूर्त रूप में साकार हुआ है. उनके प्रयास से स्थानीय धर्मशील नागरिकों की ओर से जो प्रतिसाद मिला, उससे भी बेहद आल्हादीत है और उनका पूरा प्रयास रहेगा कि, अब ऐसा आयोजन तुलसी जयंती पर अमरावती में प्रतिवर्ष होता रहे. इसके साथ ही सुंदरकांड के नित्य पाठ का बेहद आसान तरीका बताते हुए अनिलबाबू नरेडी ने कहा कि, सुंदरकांड में कुल 60 दोहे है. ऐसे में रविवार को किष्किंधा कांड के एक पन्ने का पाठ कर लेना चाहिए. वही सोमवार से शनिवार तक सुंदरकांड के दस-दस दोहों का अर्थ सहित पठन करना चाहिए. इस जरिये हर महिने में चार बार सुंदरकांड का पाठ पूर्ण हो सकता है और ऐसा करने में रोजाना बमुश्किल तीन से चार मिनट का समय ही लगता है. इस समय मंच पर उपस्थित अन्य सभी गणमान्यों ने भी अपने समयोचित विचार व्यक्त करते हुए इस आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं दी. वही राजस्थानी समाज के मार्गदर्शक पं. देवदत्त शर्मा ने गोस्वामी संत तुलसीदासजी महाराज की जीवनी पर प्रकाश डाला. इस भावपूर्ण आयोजन का शानदार सुत्र संचालन सुनील अग्रवाल द्वारा किया गया.
* इन गणमान्यों से मिला आर्थिक सहयोग
इस भव्य-दिव्य समारोह के आयोजन हेतु डॉ. राजेंद्र कलंत्री, विजयबाबु खंडेलवाल, राठीजी सायतवाले तथा कनक सुंदरकांड महिला मंडल की ओर से यथोचित आर्थिक सहयोग भी प्राप्त हुआ. इसके अलावा कई मानस मंडलों एवं धर्मशील नागरिकों ने भी इस आयोजन को सफल बनाने हेतु गुप्तदान प्रदान किया. इसके अलावा कई धर्मशील नागरिकों ने इस आयोजन की सफलतार्थ अपने-अपने स्तर पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्रदान किया. जिनके प्रति कार्यक्रम के अंत में अनिलबाबू नरेडी व परिवार द्वारा आभार प्रदर्शित किया गया.

 

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