बबीता की एक बेटी की मृत्यु
हुई थी एक साथ चार लड़कियां

* डॉक्टर्स पर आरोप, जावरकर ने किए खारिज
अमरावती/दि.28- धारणी के उपजिला अस्पताल में गत 16 जुलाई को आदिवासी महिला बबीता बलवंत उईके ने एक साथ चार लड़कियों को जन्म दिया. उनमें से एक नवजात की गत रात मृत्यु हो गई. उईके परिवार ने इसके लिए चिकित्सकों को जिम्मेदार बताया है. जबकि उपचार कर रहे डॉ. दयाराम जावरकर ने किसी भी प्रकार की लापरवाही से साफ इनकार किया. उन्होंने कहा कि बच्चों का वजन बहुत कम है. तीन लड़कियां 1 किलो 200 ग्राम और एक का वजन जन्म के समय 1 किलो 300 ग्राम ही था. सभी नवजात को इन्कुबेटर में रखा गया. 1 किलो 200 ग्राम वजन की एक नवजात की मृत्यु हो जाने की जानकारी धारणी उपजिला अस्पताल से चिकित्सकों ने बच्ची के पिता बलवंत उईके को दी. जब वह अपनी पत्नी बबीता को लेकर जिला अस्पताल इर्विन हेतु रवाना हुआ था.
* डॉक्टर्स के भरोसे थे बच्चे
उईके ने बताया कि बबीता की तबियत चिंताजनक होने से धारणी के चिकित्सकों ने अमरावती ले जाने की सलाह दी. चारों नवजात लड़कियां चिकित्सकों के भरोसे धारणी उपजिला अस्पताल के आइसीयू में थी. गत रात एक की मृत्यु हो जाने का दुखद समाचार उन्हें दिया गया.
* बचाने का भरसक प्रयास
उधर डॉ. जावरकर ने कहा कि चारों नवजात को बचाने का प्रयत्न सभी चिकित्सक और स्टाफ कर रहा है. एक की मृत्यु हो जाने का उन्हें भी खेद है. उसकी तबियत गत दो दिनों से लगातार बिगड़ रही थी. उसे अमरावती जिला अस्पताल में शिफ्ट करने का विचार चल रहा था. इन्क्युबेटर में होने से बहुत सावधानी बरतनी पड़ रही है. बच्चे प्री मेच्युअर हुए है. अभी तक मां का दूध नहीं पी सके. जिससे उन्हें रिल्स ट्यूब से फीडिंग का प्रयास हो रहा है. बच्चों को खून भी चढ़ाना पड़ा. बबीता की गत 16 जुलाई को धारणी अस्पताल में सामान्य प्रसूति हुई थी. उसने चार कन्याओं को जन्म दिया था. महाराष्ट्र में इसे अनोखी घटना माना गया.
* उईके का आरोप
इस बीच बलवंत उईके ने कहा कि वे बच्चों को छोड़कर पत्नी को अमरावती ले जाने तैयार नहीं थे. फिर भी डॉक्टर्स ने दबाव डाला. वेे गुरुवार देर रात 2 बजे अमरावती के लिए रवाना हुए. करीब 6 घंटे बाद उन्हें एक बच्ची की मृत्यु हो जाने की जानकारी दी गई.