बच्चू कडू ने ला दिया मुद्दा पटल पर

किसान कर्ज माफी का मामला

* सरकार की भूमिका को करना पडा स्पष्ट
अमरावती/ दि. 16- किसानों का सातबारा कोरा करने का वादा महायुति ने विधानसभा चुनाव में किया था. उस वादे को पूर्ण करने की मांग लेकर प्रहार जनशक्ति पक्ष के सर्वेसर्वा बच्चू कडू ने अन्न त्याग आंदोलन के जरिए पटल पर ला दिया है. सरकार को अपना रूख स्पष्ट करना पडा है. इसे कडू के आंदोलन की सफलता बताया जा रहा है. कडू आगे भी इस मुद्दे पर आक्रमक बने रहेंगे. पिछले चुनाव में परास्त होने से पहले वे चार बार विधानसभा पर चुने गये हैं. उन्हें आंदोलनों और सरकारी कामकाज की भलीभांति जानकारी है.
उच्चस्तरीय समिति
बच्चू कडू द्बारा अन्न त्याग आंदोलन शुरू करते ही उसे बडी मात्रा में समूचे राज्य से सहयोग मिला. प्रहारियों ने जगह- जगह प्रदर्शन कर आंदोलन की धार तेज कर दी थी. प्रदेश के अनेक पक्ष -विपक्ष के बडे नेताओं ने कडू से अनशन पंडाल में भेंट कर आंदोलन का सपोर्ट किया. जिससे सरकार पर दबाव बढा. आनन-फानन में राजस्व मंत्री को भेजा गया. पालकमंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे चंद्रशेखर बावनकुले ने 15 दिनों में उच्चस्तरीय समिति गठित करने का ऐलान किया. जिसमें स्वयं कडू भी होंगे.
20 मांगे मंजूर
बच्चू कडू ने दावा किया कि उनकी 25 में से 20 मांगे मंजूर हो गई है. दिव्यांगों का मानधन बढाने के वास्ते 30 जून के पूरक बजट में प्रावधान किया जायेगा. शेष मुद्दों पर संबंधित मंत्री और मुख्यमंत्री की बैठक होगी. मांगे पूर्ण करने का प्रयास होगा. इन सब दावों के साथ राजनीतिक जानकार देख रहे है कि बच्चू कडू के आंदोलन से कर्जमाफी का मुद्दा प्रकाश और चर्चा में आ गया. बच्चू कडू अपने अभियान में सफल बताए जा रहे हैं.
* अब आगे क्या ?
प्रहार जनशक्ति पार्टी के सर्वेसर्वा बच्चू कडू आक्रमक लीडर के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने सरकार को 2 अक्तूबर की डेडलाइन दी है. अन्यथा मंत्रालय में घुसने की बात कही हैं. समिति की रिपोर्ट आने पर कर्ज माफी पर निर्णय किया जायेगा. कडू के आंदोलन पर कई मंत्रियों ने सावधानी से प्रतिक्रिया दी. बल्कि सरकार के चार मंत्री उनसे मिलने भी पहुंचे. अनेक मंत्रियों ने ऑनलाइन बैठक ली.

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