* नवनीत राणा की पराजय की खुद संभाली जिम्मेदारी
* यशोमति ठाकुर और कांग्रेस नेताओं पर अचानक पोलाइट रुख
* लोकसभा चुनाव में हार पश्चात पहली बार मीडिया के सामने आये रवि राणा
* दिनेश बूब को मातोश्री से भी मिली रसद
* संजय खोडके पर भी जताया रोष
अमरावती/दि.17 – युवा स्वाभिमान विधायक रवि राणा ने आज लोकसभा चुनाव में अमरावती से भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा की पराजय की जबाबदारी तो स्वयं स्वीकार की. किंतु उन्होंने महायुति के घटक प्रहार के विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू पर हमला जारी रखा. एक प्रकार से राणा की हार का ठीकरा बच्चू कडू पर फोडा. राणा ने आज दोपहर पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए बच्चू कडू पर अपने पुराने सभी आरोप दोहराये. बल्कि उससे भी आगे जाकर कहा कि, वसूलीबाज, सुपारीबाज विधायक से उसके द्वारा जमा किये गये प्रत्येक खोखे का हिसाब अचलपुर की जनता विधानसभा चुनाव में जरुर लेगी.
युवा स्वाभिमान पार्टी ने आज दोपहर होटल गे्रस इन में पत्रकार परिषद आयोजित की थी. जिसमें विधायक राणा चुनाव परिणाम के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए. आश्चर्यजनक रुप से जितने में बच्चू कडू पर आक्रामक रहे कांग्रेस नेता विधायक यशोमति ठाकुर पर उतने ही पोलाइट (नर्म) दिखाई दिये. इतना ही नहीं तो राणा ने विधायक यशोमति ठाकुर की अपनी पार्टी के प्रति प्रामाणिक रहते हुए इमानदारी से काम करने के कारण कांग्रेस की सफलता का भी उल्लेख किया. इस बारे में जब उनसे पूछा गया कि, आज वे यशोमति ठाकुर के प्रति इतना नर्म रुख क्यों अपनाएं हुए हैं. क्या बात है. तो राणा ने कहा कि, ऐसी कोई बात नहीं है. कांग्रेस के यशोमति ठाकुर, सुनील देशमुख, बबलू देशमुख और नेताओं व पदाधिकारियों ने मेहनत से अपनी सीट चुनकर लायी है.
राणा से पत्रकारों ने अनेक सवाल पूछे. राणा ने बगैर विचलित हुए उत्तर देने का प्रयास किया. उन्होंने पूर्व सांसद नवनीत राणा की भावी राजनीतिक गतिविधि के बारे में पूछने पर कहा कि, श्रीमती राणा अब भाजपा की नेता है. उनके बारे में निर्णय उनकी पार्टी अर्थात भाजपा करेगी. प्रश्नों के उत्तर में राणा ने बडनेरा विधानसभा युवा स्वाभिमान के उम्मीदवार के रुप में लडने की घोषणा कर दी.
* दिनेश बूब को मातोश्री से मदद
विधायक राणा ने आरोप लगाया कि, लोकसभा चुनाव के प्रहार के उम्मीदवार दिनेश बूब को उद्धव ठाकरे ने मातोश्री से भी रसद उपलब्ध कराई थी. किसने-किसने और कितने एवं कैसे पैसे व अन्य रुप में सहायता की, इसका सारा कच्चा चिट्ठा उनके पास होने का दावा कर राणा ने समय आने पर हिसाब करने की बात भी कही.
* सारे बेइमान मिल गये थे
रवि राणा ने अपने पुराने तेवर कायम रखते हुए एक बार फिर अमरावती के सारे नेताओं को बेइमान कह डाला. उनसे पूछा गया था कि, उन्होंने समय-समय पर अमरावती के अनेक नेताओं के बारे में भला-बुरा कहा, गालियां दी, क्या इसी वजह से नवनीत राणा के सामने सभी एकजुट हो गये और सबने बदला लिया? इस पर राणा ने पीएम नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि, मोदी के सामने भी जिस तरह सारे बेइमान लीडर एक हो गये थे. वैसा ही कुछ अमरावती में हुआ. राणा ने कडू को छोडकर किसी का नाम नहीं लिया. उनका संकेत भाजपा के भी कुछ नेताओं की ओर था.
* कभी किसी की थाली से नहीं खाया
विधायक राणा ने कहा कि, बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से वे तीन बार चुने गये. एक हमाल का बेटा तीन बार विधायक बनता है, तो केवल जनता जनार्दन के बल पर. राणा ने कहा कि, उन्होंने सदैव लोगों को अपनी तरफ से कुछ देना ही चाहा है. अन्य नेताओं की तरह किसी की थाली से उठाकर, छीनकर नहीं खाया. जेब से पैसे खर्च कर राजनीति और समाजसेवा करने वाला व्यक्ति हूं. राणा ने बडनेरा से चुनाव लडने पर सभी मिलकर उन्हें हराने पर तुले होने के सवाल पर कहा कि, हार-जीत तो चलती रहती है. रवि राणा का जनता से सीधा नाता है. जनता चाहेगी, तो वे विधायक रहेंगे.
* खोडके पर भी निशाना
रवि राणा ने विधायक सुलभा खोडके और उनके यजमान संजय खोडके को भी अपनी पत्नी की पराजय के लपेटे में लिया. राणा ने कहा कि, खोडके ने जैसा ग्राहक, वैसा धंधा किया. कही सीटी चलाई, तो कहीं कमल. अपनी राजनीतिक रोटी खोडके दम्पति ने सेंकने का आरोप राणा ने किया.
* अमरावती में मुस्लिम होगा विधायक
रवि राणा ने कहा कि, अमरावती विधानसभा क्षेत्र से कांगे्रस प्रत्याशी को लोकसभा चुनाव में जिस अंदाज में लीड मिली है, उससे लगता है कि, भविष्य में अमरावती का विधायक मुस्लिम समुदाय का होगा. इसमें कोई दो मत नहीं.
* 20 साल पिछडा अमरावती
विधायक राणा ने अपने युवा स्वाभिमान के केंद्र में सत्तारुढ एनडीए और राज्य में सत्ताधीश महायुति का हिस्सा होने का उल्लेख बारंबार कर कहा कि, नवनीत राणा की पराजय से अमरावती विकास की डगर में 20 वर्ष पीछे हो गया है. हालांकि उन्होंने कहा कि, सांसद बलवंत वानखडे को वे और नवनीत राणा जहां भी जरुरत होगी उन्हें सहयोग करेंगे. राणा ने दावा किया कि, सांसद के रुप में नवनीत ने अमरावती जिले के विकास के लिए काफी काम किया. वर्षों से प्रलंबित कई बडे प्रकल्प लाये. उन्होंने बेलोरा विमानतल, वैगन मरम्मत कारखाना, मेडिकल कॉलेज, पीएम मित्र टेक्स्टाइल पार्क का उल्लेख किया.
* अमरावती को मिलता मंत्री पद
विधायक राणा के साथ युवा स्वाभिमान के लगभग सभी पदाधिकारी इस दौरान उनके अगल-बगल हमेशा की तरह मौजूद थे. राणा ने दावा किया कि, नवनीत राणा चुनाव में सफल रहती, तो आज मोदी कैबिनेट में मंत्री रहती. डॉ. पंजाबराव देशमुख के बाद अमरावती को केंद्र में मंत्री पद मिलता. जिससे यहां का विकास तेजी से हो सकता. राणा ने आरोप लगाया कि, विरोधियों द्वारा झूठा प्रचार किया गया, अब वे भी इस जाल में अटक गये है. अब शेष विकास करने की जिम्मेदारी उन पर है. राणा ने यह कहते हुए दावा किया कि, अमरावती की जनता चिंतित है कि, नये सांसद उतनी ही प्रखरता से संसद में अमरावती की आवाज बुलंद करेंगे, जिस आक्रामकता से नवनीत राणा संसद में अमरावती के एक-एक तालुका के प्रश्न उठाती थी.
पत्रकार परिषद में नीलकंठ कात्रे, जयंत वानखडे, शैलेंद्र कस्तुरे, कमलकिशोर मालानी, अजय गाडे, जीतू दुधाने, विनोद जायलवाल, अजय देशमुख, संजय हिंगासपुरे, ज्योति सैरिसे, सुमती ढोके, चंदा लांडे, अर्चना तालन, मंगेश इंगोले, अजय घुले, अजय जयस्वाल, योगिता कोलटके, नितिन बोरेकर, उमेश डकरे, बालू इंगोले, विनोद गुहे, समाधान वानखडे, सचिन भेंडे, विलास वाडेकर, नाना आमले, संजय मुनोत, उमेश आदि सहित बडी संख्या में युवा स्वाभिमान पदाधिकारी उपस्थित थे.