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महायुति से अलग होने की तैयारी में दिख रहे बच्चू कडू

बैठक में जाने को लेकर दिखाई अनिच्छा

अमरावती/दि.6 – आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर इस समय सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गये है तथा गठबंधन के तहत रहने वाले दलों में सीटों के बंटवारे व उम्मीदवारी को लेकर चर्चा शुरु हो गई है. इसी को लेकर राज्य के सत्ता में रहने वाली महायुति में शामिल घटक दलों की भी बैठक हो रही है. जिसके बारे में महायुति में शामिल रहने वाले प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष व विधायक बच्चू कडू का कहना रहा कि, अव्वल तो उन्हें महायुति की बैठक का कोई निमंत्रण नहीं मिला है. साथ ही अगर निमंत्रण मिलता भी है, तो भी उनकी उस बैठक में जाने की कोई इच्छा नहीं है. इसका एक मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि, विधायक बच्चू कडू अब महायुति से अलग होने की मानसिकता बना रहे है.
यहां पर मीडिया के साथ बातचीत करते हुए विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, वैसे भी लोकसभा के चुनाव से उनका कोई खास लेना-देना नहीं है, बल्कि विधानसभा का चुनाव उनके लिए महत्वपूर्ण है. ऐसे में यदि विधानसभा चुनाव को लेकर महायुति में उनके साथ कोई बात नहीं की जाती है, तो फिर उनका भी ‘400 पार’ वाली बात से कोई संबंध नहीं है. इस समय विधायक बच्चू कडू ने यह भी स्पष्ट किया कि, फिलहाल उनकी लोकसभा का चुनाव लडने की कोई मानसिकता नहीं है. बल्कि वे इस समय अमरावती और अकोला के विधानसभा क्षेत्रों में अपना उम्मीदवार खडे करना चाहते है.

* सांसद को धमकी मिलना केंद्र सरकार पर सवालिया निशान
इस समय मीडिया द्वारा सांसद नवनीत राणा को कुछ अज्ञात लोगों की ओर से धमकी मिलने के बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, यदि केंद्र सरकार का समर्थन करने वाले किसी सांसद को इस तरह से धमकी मिलती है, तो यह सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर लगने वाला सवालिया निशान है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, नरेंद्र मोदी एक सक्षम प्रधानमंत्री है, उन्होंने सांसद नवनीत राणा को धमकी देने वालों को पाकिस्तान व अफगानिस्तान से खोजकर लाना चाहिए. साथ ही विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, इस समय चुनाव का मौसम चल रहा है. जिसके चलते एक विशेष धर्म को निशाना बनाया जा रहा है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, वैसे-वैसे भगवे, हरे व नीले झंडे भी बाहर निकलेंगे.

* हमारी किसी के साथ चुनावी युति नहीं
इस समय विधायक बच्चू कडू ने गत रोज हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अकोला जिला दौरे को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि, भाजपा अपने आप में बहुत बडा राजनीतिक दल है, जो सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी खडे कर सकता है. यहां तक की उम्मीदवार शिंदे व अजित पवार गुट के रहेंगे. लेकिन चुनावी चिन्ह कमल दिखाई देगा. ऐसे में यदि शिंदे गुट वाली शिवसेना को अपना अस्तित्व बचाये रखना है, तो शिंदे गुट को चाहिए कि, वह खुद को भाजपा की छाया से मुक्त करें. साथ ही विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, वे किसी के भी साथ चुनावी नीति के तहत बंधे हुए नहीं है, बल्कि उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट की भूमिका का समर्थन करते हुए तत्कालीन महाविकास आघाडी सरकार से बाहर निकालने का फैसला लिया था और वे आज भी अपने स्तर पर कोई भी निर्णय लेने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है. अत: किसी भी राजनीतिक दल द्वारा उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनाया जा सकता.

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