* 3 को राज्य में बनेगा स्वतंत्र दिव्यांग मंत्रालय
* कडू व पटेल की सीएम शिंदे के साथ हुई चर्चा
अमरावती/दि.10- विगत कई दिनों से पूर्व राज्यमंत्री व विधायक बच्चू कडू को शिंदे मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा व प्रतिक्षा चल रही हैं, साथ ही पूर्व विधायक बच्चू कडू ने भी मंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पुख्ता तौर पर पेश करते हुए राज्य में स्वतंत्र रुप से दिव्यांग कल्याण मंत्रायल बनाए जाने और खुद को इस मंत्रालय का जिम्मा दिए जाने की मांग उठाई थी जो अब जल्द ही पूरी होती दिखाई दे रही हैं. पता चला है कि बिती शाम ही विधायक बच्चू कडू व उनकी सहयोगी विधायक राजकुमार पटेल ने दिव्यांगों की समस्याओं को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मंत्रालय में मुलाकात की और इस मुलाकात के दौरान हुई चर्चा पश्चात सीएम शिंदे ने राज्य में स्वतंत्र दिव्यांग कल्याण मंत्रालय बनाए जाने को अपनी मंजूरी दी. साथ ही यह भी कहा कि, आगामी 3 दिसंबर को विश्व दिव्यांग कल्याण दिवस का औचित्य साधते हुए दिव्यांगों हेतु स्वतंत्र रुप से मंत्रालय शुरु कर दिया जाएगा. ऐसे में अब इस बात को लेकर कयास तेज हो गए है कि शायद इस स्वतंत्र मंत्रायल का जिम्मा हमेशा ही दिव्यांगों की समस्याओं व मांगों को लेकर मुखर रहने वाले विधायक बच्चू कडू को सौंपा जा सकता हैैं और चूंकी उन्हीं की पहल पर इस मंत्रालय का गठन होने जा रहा हैं. तो उन्हें भी इस मंत्रालय का जिम्मा भी मिल सकता हैं. हांलाकि अभी इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई हैं.
जानकारी के मुताबिक गत रोज सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता के तहत मंत्रालय में हुई बैठक में दिव्यांगों के कल्याण को लेकर विविध निर्णय लिए गए. जिसके तहत राज्य में 3 दिसंबर को स्वतंत्र दिव्यांग कल्याण मंत्रालय स्थापित करने का फैसला लेने के साथ ही प्रत्येक जिले में एक दिव्यांग भवन व पुर्नवसन केंद्र स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया. इस बैठक में पूर्व राज्यमंत्री व विधायक बच्चू कडू भी उपस्थित थे. जिन्होंने बैठक के बाद मिडिया को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, अब तक दिव्यांगों का विषय सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत शामिल किया जाता था, लेकिन अब दिव्यांगों के लिए स्वतंत्र मंत्रालय स्थापित किया जाएगा. इस विभाग के लिए स्वतंत्र सचिव व प्रशासिक व्यवस्था होगी, साथ ही दिव्यांगों की विविध समस्याओ को हल करने के लिए जिलास्तर पर दिव्यांग भवन व पुर्नवसन केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे. जहां पर दिव्यांगों के लिए रहनेवाली विभिन्न योजनाओंं को एक ही छत के नीचे लाया जाएगा.
इस बैठक के बारे में दै. अमरावती मंडल को विशेष तौर पर जानकारी देते हुए पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू तथा विधायक राजकुमार पटेल ने बताया कि, राज्य सरकार व्दारा दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं जिनका लाभ पाने हेतु दिव्यांगों को सरकारी कार्यायल में जाना होता हैं. लेकिन कई दिव्यांग इस स्थिति में नहीं होते कि वे सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट सके. ऐसे में स्वतंत्र दिव्यांग मंत्रालय गठित होने के बाद दिव्यांगों का घर-घर जाकर पंजीयन किया जाएगा और दिव्यांगों के लिए रहने वाली सुविधाएं एक ही कार्ड पर देने का नियोजन भी किया जाएगा. ऐसा निर्णय भी इस बैठक में दिया गया. इसके अलावा सभी छात्रावासों की निचली मंजील पर स्थित कमरों को दिव्यांगों के लिए आरक्षित रखा जाएगा और प्रत्येक जिले में दिव्यांगों के लिए स्वतंत्र घरकुल योजना भी चलाई जाएगी. इस आशय का निर्णय भी इस बैठक में लिए जाने की जानकारी विधायकद्वय बच्चू कडू व राजकुमार पटेल व्दारा दी गई हैं.
* संत गाडगे बाबा का दिया जाएगा नाम
ंपूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू व राजकुमार पटेल ने यह भी बताया कि, दिव्यांगो के कल्याण हेतु चलाई जानेवाली घरकुल योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं को कर्मयोगी संत श्री गाडगेबाबा का नाम दिया जाएगा और इस बात का विशेष तौर पर ख्याल रखा जाएगा कि, दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं व आरक्षण की सुविधा का लाभ प्राप्त करने हेतु सरकारी कार्यालय के चक्कर न काटने पडे, बल्कि उन्हें घर बैठे सभी योजनाओं व सुविधाओं का लाभ मिल सके. इसके अलावा सरकारी व निजी नौकरियों में भी दिव्यांगों के आरक्षण पर कडाई से अमल किए जाने की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
* रक्तदान कर खुशी जताएंगे दिव्यांग बंधु
प्रतिवर्ष विश्व दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगों हेतु विविध सामाजिक उपक्रम आयोजित किए जाते हैं. चूंकि इस वर्ष राज्य सरकार व्दारा इसी दिन का औचित्य साधते हुए स्वतंत्र रुप से दिव्यांग कल्याण मंत्रालय की स्थापना की जा रही हैं. ऐसे में 3 दिसंबर को राज्य में अलग-अलग स्थानोंं पर दिव्यांग बंधुओं व्दारा रक्तदान शिविर का आयोजन करते हुए इस फैसले को लेकर अपनी खुशियों का इजहार किया जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक इस दिन समूचे राज्य में करीब 5 से 7 हजार दिव्यांग बंधु रक्तदान करने वाले हैं.
अभी मंत्री पद को लेकर कोई बात नहीं हुई, पहली प्राथमिकता दिव्यांगों का कल्याण
राज्य मेंं नए सीरे से बनने जा रहे दिव्यांग कल्याण मंत्रालय और इसे लेकर गत रोज सीएम शिंदे के साथ हुई चर्चा के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने हेतु संपर्क किए जाने पर विधायक राजकुमार पटेल ने बताया कि, गत रोज हुई बैठक में पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने हमेशा की तरह पूरी प्रखरता के साथ दिव्यांगों से जुडे मसलों को सरकार के समक्ष उपस्थित किया और दिव्यांगों हेतु स्वतंत्र मंत्रालय स्थापित किए जाने की मांग उठाई. जिसे सीएम शिंदे ने स्वीकार किया इस मंत्रालय हेतु सरकार व्दारा 50 करोड रुपए की निधि का स्वतंत्र रुप से प्रावधान किया गया. साथ ही दिव्यांगों के कल्याण हेतु सचिवालय सहित जिला नियोजन समिति के जरिए निधि उपलब्ध कराई जाएगी. इस मंत्रालय में मंत्री पद का जिम्मा बच्चू कडू को ही मिलने की संभावना के बारे में सवाल पूछे जाने पर विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, गत रोज हुई बैठक में इस विषय को लेकर कोई भी चर्चा नहीं हैं, ऐसे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता. हांलाकि अगर विधायक बच्चू कडू को इस मंत्रालय का जिम्मा मिलता है तो यह अपने आप में बेहत अच्छी बात होगी, क्योंकि दिव्यांगोें के प्रति विधायक बच्चू कडू के कार्यो व संवेदानाओं से हर कोई परिचित हैं.
* पूरे राज्य में लागू होगा अकोला व ठाणे पैटर्न
पूर्व राज्यमंत्री व विधायक बच्चू कडू ने बताया कि, एक समय अकोला में केवल 10 हजार दिव्यांगों का पंजीकरण किया गया था, लेकिन घर-घर जाकर सर्वे करने के बाद दिव्यांगों की संख्या 45 हजार पर पहुंच गई. इस बात को ध्यान में रखते हुए इसी पैटर्न को अब पूरे राज्य में लागू किया जाएगा और दिव्यांगों का पंजीकरण करने हेतु घर-घर जाकर सर्वेक्षण कराया जाएगा. इसी तरह अब तक चले आ रहे फर्जीवाडे को रोकने हेतु दिव्यांगों को विशेष तरह के प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे और इस प्रमाणपत्र के बिना किसी को भी कोई लाभ नहीं दिया जाएगा. विधायक बच्चू कडू के मुताबिक अनुसूचित जाति व जनजाति की तर्ज पर राज्य में दिव्यांगों के लिए भी स्वधार योजना चलाई जाएगी.