छोटा विज्ञापन प्रकाशित कर बैक डेट नियुक्ति खतरे में
शिक्षा विभाग ने नहीं दी पद को मान्यता
* हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
अमरावती/ दि. 3- प्रदेश में कई संस्थाएं पवित्र पोर्टल को टालकर अध्यापकों की बैक डेट नियुक्ति कर रही है. ऐसा ही मामला उच्च न्यायालय द्बारा दिए गये आघात के कारण उजागर हुआ. दो वर्ष पहले एक मामूली पाक्षीक में छोटा सा विज्ञापन देने का दिखावा कर अध्यापक पद की मान्यता मांगनेवाली अर्जी बंबई उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है. न्या. रवीन्द्र घुगे और न्या अश्विन भोबे ने गत 29 नवंबर को उक्त याचिका रद्द करने का फैसला सुनाया.
मामला ऐसा है कि ठाणे जिले के कल्याण में शांति शिक्षा प्रसार मंडल ने पूजा योगेश सिंह को शिक्षा सेेविका के रूप में नियुक्त किया. उपरांत ठाणे के शिक्षाधिकारी एवं मुंबई के शिक्षा उप संचालक के पास पद मान्यता हेतु आवेदन किया. नियुक्ति को अवैध बताकर प्रशासन ने मान्यता देने से इनकार कर दिया.
पूजा सिंह और शिक्षा संस्था में हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में दावा किया गया कि 5 जून 2022 को भारतीय नागरिक इस पाक्षीक पत्रिका में पाहिजेत विज्ञापन देकर आवेदन मंगाये गये थे. चार आवेदन प्राप्त हुए. जिसमें पूजा सिंह की तीन वर्षो हेतु शिक्षण सेवक के रूप में संस्था ने नियुक्ति की. संस्था भाषिक अल्पसंख्यंक श्रेणी की होेने से टीईटी की शर्त लागू नहीं होती. शिक्षा विभाग ने विगत 25 नवंबर 2022 को पद को मान्यता देने से मना कर दिया.
संस्था के सभी मुद्दे खारिज कर शिक्षा विभाग ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा. जिसके बाद कोर्ट ने भी पद को मान्यता नहीं देने के निर्णय को सही ठहराया. न्यायालय ने कहा कि शिक्षक भर्ती का विज्ञापन अधिक प्रसार संख्या वाले कम से कम 2 समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के नियम का संस्था ने पालन नहीं किया.
इस बीच जानकारों ने बताया कि इस प्रकार की बैक डेट नियुक्तियां अनेक संस्थाओं में की गई है. विशेषकर कोरोना महामारी दौरान अनेक संस्थाओं में ऐसी नियुक्तियां करवाई गई थी.