अमरावतीमहाराष्ट्र

जिला परिषद में ‘बैक डेट’ शिक्षक भर्ती घोटाला!

शिक्षक भर्ती में हुआ करोडों का लेन-देन

* तत्कालीन शिक्षाधिकारी खोज रहे राजनीतिक आसरा
* सांसद व विधायकों की चुप्पी पर सवालिया निशान
अमरावती/दि.1– स्थानीय जिला परिषद के शिक्षा विभाग में सन 2012 से शिक्षक भर्ती बंद रहने के बावजूद ‘बैक डेट’ में शिक्षक भर्ती करते हुए करोडों रुपए का आर्थिक व्यवहार किया गया. साथ ही अल्पसंख्यक शालाओं को दर्जा मान्यता देने में भी काफी बडा घोटाला हुआ. जिसके जरिए तत्कालीन माध्यमिक शिक्षाधिकारी ने जमकर चांदी काटी और अब यह मामला अपने उपर उलटता देख वे राजनीतिक आसरा खोज रहे है. वहीं इस मामले के सामने आने के बावजूद जिले के सांसद व विधायकों द्वारा साधी गई चुप्पी को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर स्पर्धा परीक्षा दे चुके तथा टीईटी व स्टेट की पात्रता परीक्षा देकर नियुक्ति की प्रतीक्षा करनेवाले लाखों विद्यार्थी अब भी नौकरी के इंतजार में बैठे हुए है. साथ ही शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में बोगस शिक्षकों की नियुक्ति होने के चलते अपने बच्चों के भविष्य को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावक चिंतातूर दिखाई दे रहे है.
उल्लेखनीय यह भी है कि, कई लोगों ने सरकारी नौकरी करते हुए अपनी शिक्षा संस्था ही खोल ली है और अपने-अपने रिश्तेदारों को वहां पर मुख्याध्यापक बना दिया है. सन 2012 से शिक्षक भर्ती बंद है. उस समय जो नौकरी पर लगे थे वे तो अलग ही है, परंतुु तीन वर्ष पहले पवित्र पोर्टल के जरिए शुरु हुई भर्ती को भी आगे चलकर बंद कर दिया गया. परंतु इसी दौरान कुछ दलालो ने बैक डेट में नियुक्ति दर्शाते हुए मान्यता का बोगस प्रस्ताव दाखिल कर उन्हें मंजूरी भी दिलाई. नियुक्ति भले पुरानी तारीख में की गई है, परंतु किस शिक्षक का वेतन किस दौरान शुरु हुआ इसकी जांच करने पर यह घोटाला सहज तरीके से उजागर हो सकता है. इसका लेखा-जोखा और अपडेट साफ्टवेयर शिक्षा विभाग के पास ही है. साथ ही अपर आयुक्त आदिवासी विभाग नाशिक की वर्ष 2018 में जारी भर्ती जाहिरात भी विवादों के घेरे में फंसी थी.

* अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष की शिकायत
राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने इस घोटाले को उजागर किया और इसे लेकर मुख्यमंत्री के पास शिकायत भी दर्ज कराई. जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि, इस मामले में शिक्षकों के साथ ही शिक्षाधिकारी व उपसंचालक भी दोषी है. साथ ही उन्होंने शिक्षक भर्ती हेतु बोगस डिग्री, मृत्यु प्रमाणपत्र का सहारा लेते हुए अनुकंपा नियुक्ति में घोटाला होने की बात भी कही है.

* कोलकाता हाईकोर्ट का निर्णय महाराष्ट्र पर भी लागू
शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता बैनर्जी सरकार को सरकारी शालाओं में 25 हजार शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने का आदेश कोलकाता हाईकोर्ट ने दिया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना तथा न्या. संजयकुमार व न्या. के. वि. विश्वनाथन की खंडपीठ ने कायम रखा था. शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया योग्य नहीं रहने को लेकर न्यायालय ने कडी टिप्पणी की थी. ऐसे में अब यही निर्णय महाराष्ट्र के लिए भी लागू होगा. जिसके चलते शिक्षकों में अच्छी-खासी दहशत देखी जा रही है.

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