जातीगत गणना से मिलेगी पिछडे समाज को भागीदारी
अमरावती/दि.4– भागीदारी तब ही मिल सकती है जब देश में जातिगत जन गणना हो जातिगत जन गणना होंगी तब पता चलेगा की कोन से जाति की देश में कितनी भागीदारी है और उस जाति को कितनी हिस्से दारी मिलनी चाहिए आज ये हुआ है की जो समाज सिर्फ 2% है देश पर वही समाज राज कर रहा है और जो समाज 20 से 30% है वो समाज पिछड़ा हुआ है और वो समाज की कोई हिस्सेदारी नही. जैसे दलित समाज और मुस्लिम समाज आज पूरी तरह पिछड़ा हुआ है. इसकी वजह ये है की उस समाज को सांसद और विधानपरिषद से खत्म किया जा रहा है. जिसकी वजह से उस समाज का कोई प्रतिनिधित्व करने और उस समाज के विषय को उठाने वाला कोई जनप्रतिनिधि सदन में मौजूद नही है इसीलिए वो समाज आज पिछड़ा हुआ है.
भाजपा ने सिर्फ दो समाजो में हमेशा भेदभाव पैदा कर,लडाकर व एक समाज विशेष के बारे में बोल कर हमेशा राज करती रही हैं. भाजपा दलित समाज, ओबीसी समाज, भोई समाज, काठीयावाड़ी समाज और भी कई जातियां जिन्हे राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल करती है. बीजेपी इन समाजों को सिर्फ वोट लेने के लिए ही इस्तेमाल करती है. भागीदारी हिस्सेदारी देने की बात आई तो 2% विशेष समाज को अंधा बाटे रेवाड़ी उसी समाज को नौकरी और राजनीतिक हिस्सेदारी मिलती है. जिस दिन जातिगत जनगणना देश में हो जाएंगी उस दिन सभी समाज को अपने समाज की अहमियत समझने लगेंगी. तब ही हर समाज की बराबरी की हिस्सेदारी मिलेंगी मेरी ये मांग है की महाराष्ट्र सरकार जल्द से जल्द महाराष्ट्र में जातिगत जन गणना करवाए ताकि हर समाज को जाति के हिसाब से जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.
इमरान खान, शहर अध्य्क्ष समाजवादी पार्टी अमरावती