अमरावती

बहिरम यात्रा की शुरूआत बुधवार से

डेढ माह चलनेवाली यात्रा में महाराष्ट्र सहित मध्यप्रदेश से सैकडों भक्त आयेंगे

* विदर्भ में सबसे अधिक समय तक चलनेवाली यात्रा

परतवाडा/ दि.15– लगभग डेढ माह तक चलनेवाली बहिरम यात्रा की शुरूआत बुधवार 20 दिसंबर से हो रही है. मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र की सीमा पर सतपुडा की श्रृंखला पर भरेनवाली यह यात्रा ग्रामीण संस्कृति का दर्शन करनेवाली विदर्भ सहित पूरे महाराष्ट्र में प्रसिध्द है. मध्यप्रदेश सहित महाराष्ट्र के भक्त यहां आते है. यह यात्रा खाने में रूचि रखने वालों के लिए मेजवानी रहती है. हंडी मटन व मांडे इस यात्रा की विशेषता है. यह यात्रा इसी के लिए पहचानी जाती है.

इस यात्रा में दोनों राज्यों से बडी संख्या में आदिवासी बांधव कुलदेवता को अपनी मन्नत पूरी करने के लिए आते है. इससे पूर्व घुंगरूओं की आवाज इस यात्रा की पहचान थी. परंतु विधायक बच्चू कडू के प्रयासों से यह यात्रा तमाशा मुक्त की गई. इसके अलावा शंकर पट सहित विविध धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम की यहां रेलचेल होती है. आज इस यात्रा को यात्रा महोत्सव का स्वरूप प्राप्त हुआ है. इस यात्रा में बडी रेलचेल होती है. अबालवृध्द भी इस यात्रा में अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं.

* गुलाबी ठंड में हंडी बांटिया बनाने की मैफिल
ऐन शीत सत्र में ही यात्रा भरती है. फिर भी भक्तों सहित यात्रियों की बडी भीड यात्रा के समय देखने को मिलती है. गुलाबी ठंड में इस यात्रा में हंडी मटन, रोडगे व मांडे का आस्वाद लेने के लिए दूर- दूर से लोग उपस्थिति दर्ज करते हैं.

* सभी प्रकार की सामग्री की दुकानें
यात्रा कहा जाए तो विविध दुकाने सजने लगती है. जिला परिषद को लाखों रूपए की आय प्राप्त कर देनेवाले इस यात्रा में मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के दुकानदार दुकाने सजाते है. जिसमें खिलौने से लेकर उपयोगी सामग्री खरीदने की रेलचेल रहती है. लकडी, लोहे, एल्युमिनियम सहित मिट्टी के विविध प्रकार के बर्तन, नई-नई खेती सामग्री व औजार तथा खेती उपयोगी साहित्य बिक्री के लिए आते है.

* बहिरम यात्रा में जगह की नीलामी
बहिरम यात्रा की तैयारी प्रशासन द्बारा की जाती है. लगभग डेढ माह चलनेवाली इस आनेवाले व्यावसायिकों के लिए 11 दिसंबर से जगह की नीलामी शुरू है. अभी तक 517 लाख का राजस्व प्रशासन की तिजोरी में जमा हुआ है. यात्रा में किसी भी प्रकार का अनर्थ न हो व यात्रा का नियोजन उचित तरीके से हो इसके लिए जिला परिषद प्रशासन की ओर से योग्य प्रारूप तैयार किया गया है. रास्ते, नालियां, कच्चे रास्ते की व्यवस्था करना 673 भूखंड का नियोजन किया गया है. नीलामी के बाद शेष प्लॉट का खुले तरीके से हर्रास किया जायेगा.

 

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