अमरावती

बहिरम के सीताफल कम बारिश से संकट में

संकट : उत्पादन में होगी कमी, दमदार बारिश की आवश्यकता, किसान परेशान

अचलपुर/प्रतिनिधि दि.३ – श्री क्षेत्र बहिरम परिसर में मालरान पर फैले हुए सीताफलों के बागों में इस वर्ष बडे पैमाने पर फुलोरा आया है लेकिन कम बारिश के कारण सीताफलों के उत्पादन में घट होने की संभावना जताई जा रही है.

  • फलों का उत्पादन घटने की संभावना

बहिरम ग्रामपंचायत क्षेत्र मेें श्री क्षेत्र बहिरम परिसर में ग्रामपंचायत की मालिकाना विस्तृत जमीन पर सीताफलों की बाग लगाई जाती है. काशी तालाब की ओर जानेवाले मार्ग के दोनों ओर तथा जिला परिषद के विश्रामगृह में सीताफलों के उद्यान है. पास मेें ही बतैलू सीताफल मार्ग पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के अंतर्गत सडक के दोनों और भी हजारों पेड पौधे लगाए गए हैं. प्रति वर्ष ही पेड पौधों की निलामी की जाती है. यहां के सीताफल काफी मिठे और अच्छे होने से व्यापारी भी सीताफल की खरीदी के लिए तत्पर रहते है. क्योंकि व्यापारियों को इस व्यापार में मुनाफा मिलता है. लेकिन इस वर्ष बारिश की एन्ट्री दमदार न होने से सीताफल के उद्यान बहरने लगा था, लेकिन फलों में रुपांतर होने व फलों की बढोत्तरी होने में अच्छे बारिश की आवश्यकता होने से इस वर्ष सीताफल का उत्पादन घटने की संभावना है.

  • किसान रहते हैं हिस्सेदार

बोदड के रोशन भंडागे, हरिशचंद्र धोंडे, गोवर्धन चौधरी, दिलीप दांडगे, विद्याधर चौधरी, मोसराज दांडगे, रघुनाथ इंगले, शरद चौधरी, गोलू तायडे, मानधने ने किसानों के खेत के बांध पर सीताफलों के बाग लगाए है. जिसके कारण किसानों को व्यापारियों से तय किए गए दाम के अनुसार फल दिए जाते है. इन किसानों के परिवार वाले, रिश्तेदार व मित्र मंडली को भी सीताफलों की मेजवानी दी जाती है.

  • रसायनमुक्त सीताफल

आज के दौर में अन्य प्रकार के फलों पर रासायनिक खाद व किटनाशक का छिडकाव किया जाता है. लेकिन बहिरम परिसर में 30 से 35 हेक्टेयर में फैली हुई है. यह फल पूरी तरह से नैसर्गिक है. सातपुडा के नीचे वाली इस जमीन में सुपिकता रहने से फलों मेें मिठास भरी होती है.

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