अमरावती/ दि.15– एक सुशिक्षित बेरोजगार युवक को नोकरी का झांसा देकर 9 लाख रुपए ठगने के मामले में 8 आरोपियों में से आरोपी मयुर नागपुर को स्थानीय अदालत में जमानत मंजूर की. आरोपी की ओर से एड. इमरान नुरानी ने सफल पैरवी की.
विधि सूत्रों के अनुसार मुलत: मोर्शी व वर्तमान में पार्वती नगर निवासी पवन केने की यवतमाल के आरोपी मयुर से पहचान हुई. आरोपी ने उसे सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया. बदले में 9 लाख रुपए मांगे. पवन ने आरोपी मयुर को 4 लाख पश्चात बैंक के माध्यम से 1 लाख व नागपुर निवासी एक महिला को बारी-बारी 1-1 लाख और मयुर को 1 लाख ऐसे 9 लाख रुपए दिए. 2017 से 2019 तक यह व्यवहार चला. रकम देने के बावजूद नौकरी न मिलने से पवन ने अपनी रकम मांगी, तो आरोपियों ने टालमटोल की. 2021 में शहर कोतवाली पुलिस थाने में मयुर व अन्य 7 लोगों के खिलाफ धारा 420, 466, 468, 34 के तहत अपराध दर्ज किया. सभी आरोपी फरार थे. 22 मई को पुलिस ने आरोपी मयुर को गिरफ्तार किया. उसका पिसीआर भी लिया। मयुर को एमसीआर पर जेल रवाना करने के बाद एड.इमरान नुरानी ने उसकी जमानत अर्जी स्थानीय न्यायमूर्ति एस. ए. सरदार की अदालत में रखी. कोर्ट की हडताल के चलते सुनवाई में देरी हुई. सुनवाई दौरान एड. इमरान नुरानी न अदालत को बताया कि आरोपी के खिलाफ जो रकम का व्यवहार बताया गया, उसके दस्तावेज ऑन रिकॉर्ड नहीं है. सरकारी वकिल ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि धारा 466 में उम्रकैद की सजा का प्रावधान रहने से कनिष्ठ न्यायालय आरोपी को जमानत नहीं दे सकता. एड. इमरान नुरानी ने हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अवगत कराकर ऐसे मामले में जमानत का अधिकार रहने की बात स्पष्ट की. अदालत ने दोनों पक्षों की दलिले सुनने के बाद आरोपी को 25 हजार रुपयों के निजी मुचलके पर जमानत मंजूर की. इस मामले में अन्य आरोपी फरार है. आरोपी की ओर से एड. इमरान नुरानी ने सफल पैरवी की.