बाजरे की रोटी हुई चपाती से महंगी
ठंड बढते ही मांग में हुआ इजाफा, आपूर्ति हो रही कम
* बाजार में अच्छे दर्जें वाली बाजरे की किल्लत
अमरावती /दि.2– सर्दियों के मौसम में उष्णता वर्धक धान्य के तौर पर बाजरे की रोटी यानि भाकरी का सेवन करने की ओर कई लोगों का रुझान रहता है. जिसके चलते ठंड का मौसम शुरु होते ही बाजरे की मांग बढ गई है. परंतु बढी हुई मांग के अनुसार बाजार में बाजरे की आपूर्ति नहीं हो रही. जिसके चलते बाजरे के साथ ही बाजरे की रोटी के दाम बढ गये है और इस समय गेहूं के आटे से बनने वाली चपाती की तुलना में बाजरे की रोटी कई गुना अधिक महंगी पड रही है.
बता दें कि, इस वर्ष बाजरे व ज्वार के दाम 4 से 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर जा पहुंचे है. साथ ही गेहूं के दामों में भी तेजी है. इस वर्ष बारिश का मौसम शुरु होने से पहले हुई बेमौसम बारिश, फिर हुई अतिवृष्टि और इसके बाद मानसून की वापसी के दौरान हुई जोरदार बारिश के चलते ज्वार व बाजरी की फसलों का काफी नुकसान हुआ. ऐसे में मोटे अनाज की उपज काफी हद तक घट गई. साथ ही इन दिनों बाजार में ज्वार व बाजरे की आवक बेहद कम है. साथ ही अच्छी गुणवत्ता वाली बाजरी मिलना काफी मुश्किल हो चला है. उल्लेखनीय है कि, ठंड का मौसम शुरु होते ही नागरिकों द्वारा उष्णता वर्धक खाद्य पदार्थों के सेवन को प्राधान्य दिया जाता है. जिसके तहत सूखे मेवे के साथ-साथ बाजरे से बनी रोटी का जमकर सेवन किया जाता है. विगत 15 दिनों से अमरावती जिले में न्यूनतम तापमान लगातार घट रहा है. जिसके चलते अब बाजरे की मांग में इजाफा होता दिखाई दे रहा है. वहीं दूसरी ओर बाजरे के दाम भी बढ रहे है.
* गेंहू व बाजरे के दाम
इस समय बाजार में मध्यम दर्जें वाला गेहूं 32 से 35 रुपए प्रति किलो, लोकवन गेहूं 35 से 38 रुपए किलो व शरबती मध्यम गेहूं 38 से 40 रुपए किलो के दाम पर बिक रहा है. वहीं बाजरे के दाम गुणवत्ता व ग्रेडनुसार 40 से 50 रुपए प्रति किलो के आसपास है.
* अन्य जिलों से होती है आवक
बाजरे की आवक नागपुर सहित अन्य जिलों से होती है. जहां पर इस वर्ष अतिवृष्टि के चलते बाजरे की फसल का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. जिसके चलते बाजार में इस समय सर्वोत्तम दर्जे वाला बाजरा दिखाई नहीं दे रहा, बल्कि मध्यम दर्जे वाला बाजरा ही विक्री हेतु उपलब्ध है.
* इस वर्ष बाजरे के दाम सबसे अधिक
पिछले वर्ष तक दर्जे के अनुसार 30 से 35 रुपए प्रति किलो तक बिकने वाले बाजरे के दाम इस वर्ष दर्जोनुसार 40 से 50 रुपए प्रति किलो के स्तर पर जा पहुंचे है. यह बाजरे के दामों का उच्चतम स्तर है.
* ठंड के बढते ही बाजरे की मांग बढी
उष्णता वर्धक रहने के चलते सर्दियों के मौसम में बाजरे का विशेष तौर पर सेवन किया जाता है और दो वक्त के भोजन में कम से कम एक समय बाजरे की रोटी यानि भाकरी का समावेश जरुर किया जाता है.
* बाजरे के सेवन का फायदा
शरीर की अंतर्गत उष्णता को टिकाए रखने हेतु बाजरा काफी फायदेमंद है. इसके साथ ही मधुमेह के मरीजों हेतु तथा रक्त शर्करा के कम करने हेतु ज्वार व बाजरे को लाभकारी माना जाता है. जिसके चलते इन दिनों मिलेंट्स यानि मोटे अनाज की मांग लगातार बढ रही है.