अमरावती

ठंड में महंगी हो जाएंगी बाजरे की रोटी

सर्द मौसम में बढ जताी है बाजरे की मांग

अमरावती/दि.11– जिले में बाजरे की बुआई बेहद कम पैमाने पर होती है. जिसके चलते पुणे व मराठवाडा सहित अन्य राज्य से होने वाली बाजरे की आवक पर शहर सहित जिलावासियों को निर्भर रहना पडता है. प्रतिवर्ष ही सर्दियों के मौसम में बाजरे की मांग बढ जाती है. क्योंकि बजारे को गर्म तासिरवाला व सुपाच्य मोटा अनाज माना जाता है. जिसके चलते अब सर्दी का मौसम शुरु होते हुए बाजरी सहित ज्वार के दामों में तेजी आनी शुरु हो जाएगी. उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष बारिश कम रहने के चलते दोनों फसलों की औसत उत्पादकता में अच्छी खासी कमी रही. जिसके चलते सर्दियों के मौसम में बडे चाव के साथ भोजन में समावेश की जाने वाली बाजरी की भाकर इस वर्ष अच्छा खासा भाव खा सकती है.

* बाजरी फिलहाल 30 रुपए किलो
बाजरी के दाम फिलहाल 30 से 35 रुपए किलो के आसपास है. अभी ठंड का मौसम शुरु होने में थोडा वक्त बाकी है. जिसके चलते दामों में धीरे-धीरे तेजी आ रही है. जो आगे चलकर रफ्तार पकड सकती है. ऐसी संभावना स्थानीय व्यापारिक सूत्रों द्बारा जताई गई है.

* दीपावली के बाद होगी और अधिक महंगी
इस समय बाजरी के दामों में थोडा बहुत फर्क दिखाई दे रहा है. इस बार बाजरी का बुआई क्षेत्र और उत्पादन काफी कम रहे. जिसके चलते दीपावली पर्व के बाद बाजरी के दामों में अच्छी खासी वृद्धि होने की संभावना व्यापारियों द्बारा जताई जा रही है.

* जिले में बाजरी का बुआई क्षेत्र बेहद अत्यल्प
विगत कुछ वर्षों के दौरान बाजरी का बुआई क्षेत्र लगातार घट रहा है और जिले में विगत दो दशकों से बाजरी की बुआई नाममात्र के लिए ही होती है. कृषि विभाग के मुताबिक इस बार अमरावती जिले के कुल 436 तथा पश्चिम विदर्भ के 1100 हेक्टेअर में बाजरी का बुआई क्षेत्र रहा.

* इन जिलों से होती है आवक
अमरावती जिले में बाजरी का बुआई क्षेत्र बेहद नाममात्र है. जिसके चलते पश्चिम महाराष्ट्र, मराठवाडा व मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों से जिले में बाजरी की आवक होती है. जिसकी वजह से जिले में बाजरी के दाम अधिक है.

* कम बारिश की वजह से नुकसान
इस बार जून माह में मानसून का आगमन 3 सप्ताह के विलंब से हुआ. वहीं अगस्त माह में बारिश नदारद रही. ऐसे में बारिश ही कम रहने का असर बाजरे की फसल पर हुआ तथा इस बार औसत उत्पादन काफी हद तक घट गया है.

* विदर्भ में बाजरी का बुआई क्षेत्र हर साल घट रहा है. ऐसे में हमें अन्य जिलों से होने वाली बाजरे की आवक पर निर्भर रहना पडता है. मांग अधिक व आवक कम रहने के चलते बाजरी के दामों में प्रतिवर्ष ठंडी के मौसम दौरान तेजी आती है. जिसका असर इस बार भी दिखाई देगा और इस वर्ष भी दीपावली पर्व के आसपास बाजरी के दामों में वृद्धि दिखाई देगी.
– गोविंद सोमानी,
अध्यक्ष, होलसेल ग्रेन, शुगर एण्ड ऑइल मर्चंट

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