बालाजी और लक्ष्मीजी की प्रभा भी होगी सोने की
गरुड ध्वज स्तंभ पर पीवर गोल्ड पतरा का काम पूरा
* इन कैमरा और सुरक्षा घेरे में हुई कारीगरी
* ट्रस्टीयों की उपस्थिति में तेजी से हुआ काम
अमरावती/दि.1 – शहर के वसंत चौक स्थित श्री व्यंकटेश बालाजी मंदिर में 1200 ग्राम शुद्ध सोने से गरुड ध्वज स्तंभ का नवनिर्माण लगभग पूर्ण हो गया. आज शाम तक गरुड स्तंभ पर स्वर्ण के पतरे चढाने का काम पूरा हो जाएंगा. सोमवार को इस स्तंभ को खडा किया जाएगा फिर शुभमुहूर्त में विधिविधान से पूजन होगा, ऐसी जानकारी आज दोपहर श्री बालाजी मंदिर के वर्तमान न्यासी मंडल ने दी. उन्होंने बताया कि, भगवान बालाजी और लक्ष्मीजी तथा पद्मावती की प्रतिमाओं की प्रभा को भी सोने से मढा जाएगा. जयपुर के इन्हीं कारीगरों को प्रभा के कार्य सुपुर्द किये गये है. एक बार फिर प्रभा को सोने का पतरा चढाने का कार्य कारीगर मंदिर में ही आकर पूर्ण करेंगे. बालाजी मूर्ति की प्रभा लगभग 5 फीट रहेगी.
उल्लेखनीय है कि, भगवान बालाजी के गरुड ध्वज स्तंभ को 4 दशक बाद नया बनाया गया है. उस पर सोने का पतरा चढाया गया है. यह बहुत सावधानी का काम होने से ठेठ राजस्थान से कारीगर का दल यहां आया और प्रत्यक्ष ट्रस्टियों की देखरेख एवं इन कैमरा यह प्रक्रिया पूर्ण की गई. पूरे विदर्भ में यह अपने आपमें अनोखी बात मानी जा रही है. बालाजी मंदिर के वर्तमान न्यासी मंडल में सर्वश्री जगदीश प्रसाद अग्रवाल, एड. रतनलालजी अटल, पंडित देवदत्त शर्मा, गोविंद दायमा, रमन दायमा, डॉ. गोविंद लाहोटी, राजेश हेडा, जगदीश राज छाबडा, विजय लढ्ढा और अन्य मान्यवरों का समावेश हैं.
* परिश्रम से आयी चमक
शुद्ध सोने के पतरे बनाकर उसे 5 स्तर में तांबे पर पारे की सहायता से चढाया गया. विशेष तौर पर जयपुर से मो. अजीज और उनके साथी गत सप्ताह भर से जुटे थे और आज उनका कार्य पूर्ण हो गया. मो. अजीज ने अमरावती मंडल को बताया कि, कारीगर पूरी इमानदारी और कैमरे की निगरानी में असल सोने के पतरे बनाने के कार्य में जुटे रहे. बडा श्रमसाध्य कार्य है. जिसमें अजीज भाई को इमरान भाई, साबिर भाई, शादाब भाई, असरार भाई, नूर अहमद, शोएब भाई आदि ने सहयोग किया. सोने की चमक कुंदन की तरह निखर आयी है. गरुड ध्वज स्तंभ की शोभा देखते ही बन रही. सोमवार स्तंभ को खडा किया जाएगा.
* 60 वर्ष टिकेगी चमक-दमक
अजीज भाई ने दावा किया कि, सोने के परत चढाने से स्तंभ की चमक-दमक निखर आयी है. अब थोडे रखरखाव से ही यह स्तंभ 60 वर्ष तक दमकता रहेगा. स्तंभ के लिए पीठम के निर्माण हेतु आंध्र-तमिलनाडु के कारीगरों को लेकर जानकी हरिबाबू की टीम आयी है. 7 फीट और 24 फीट मिलाकर 31 फीट का स्तंभ बनाया जा रहा है. सोमवार को उसे खडा किया जाएगा. उपरान्त पूजन होगा. ट्रस्टियों के इस कार्य से बालाजी के भक्त बडे प्रसन्न नजर आ रहे है. अनेक भक्तों ने मंदिर की शोभा में अभिवृद्धि के लिए ट्रस्टियों को साधुवाद दिया है.