अमरावती

संतुलित सोच और गहन अध्ययन सफलता की कुंजी

आईआईएमसी में पत्रकारिता विद्यार्थी संवाद कार्यक्रम में एडीजी डॉ. निमिष रस्तोगी का कथन

अमरावती/दि.06– भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के अपर महानिदेशक डॉ. निमिष रस्तोगी ने कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों में अनुसंधान की प्रवृत्ति, संतुलित सोच और गहन अध्ययन करने की क्षमता को विकसित करना होगा. यही तीनों पत्रकारिता के क्षेत्र में सफलता हासिल करने की कुंजी है.
शुक्रवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पश्चिम क्षेत्रीय परिसर अमरावती में ‘पत्रकारिता विद्यार्थी संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर आईआईएमसी के अपर महानिदेशक डॉ. निमिष रस्तोगी ने विद्यार्थियों के साथ संवाद साधा. इस अवसर पर संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती, डॉ. राजेश कुशवाह, डॉ. विनोद निताले, डॉ. आशीष दुबे प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.

डॉ. निमिष रस्तोगी ने कहा कि मीडिया क्षेत्र में स्पर्धा बढ़ गई है. इसमें बने रहने और सफल होने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता है. साथ ही बेहतर कैरियर बनाने के लिए कम से कम दो भाषा पर प्रभुत्व पाना जरूरी है. साथ ही अनुवाद करने की कला में पारंगत होना जरूरी है. मीडिया जगत के घटनाक्रमों का सुक्ष्म अध्ययन करना आवश्यक है. भाषा पर मजबूत पकड़ होने के साथ ही विद्याथियों में दूर दृष्टि का होना भी जरूरी है. कार्यक्रम में प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती ने कहा कि पत्रकारिता यह पवित्र पेशा है. इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए विविध विषयों की जानकारी होना अधिक जरूरी है. अवलोकन, वाचन और परीक्षण की प्रवृत्तितीनों कैरियर बनाने की दिशा में विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगी. उन्होंने विद्यार्थियों को कृषि पत्रकारिता के महत्व और सृजित होने वाले अवसरों की जानकारी भी दी. कार्यक्रम के प्रारंभ में आईआईएमसी के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. निमिष रस्तोगी का परिचय और स्वागत प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती ने किया. कार्यक्रम में हिंदी, मराठी और अंग्रेजी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के विद्यार्थी उपस्थित रहे.

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