25 साल बाद कांग्रेस-एनसीपी के पोस्टर पर बालासाहब ठाकरे
महागठबंधन, महाविकास आघाडी के उम्मीदवारों द्वारा प्रचार में फोटो
अमरावती/दि.2– राज्य में 1995 में पहली बार गठबंधन हुआ. तबसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा रहे अथवा शिवसेना इन दोनों दलो के उम्मीदवारों के पोस्टर, फ्लैक्स, बैनर, पॉम्पलेट आदि पर बालासाहब ठाकरे के फोटो रहते थे. लेकिन इस बार पहली दफा 25 साल बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) उम्मीदवारों के प्रचार में बालासाहब ठाकरे के फोटो इस्तेमाल किए जा रहे है.
1995 में राज्य में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार स्थापित हुई थी. गठबंधन के पहले मुख्यमंत्री मनोहर जोशी तथा उपमुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे का नाम राज्य की राजनीति में दर्ज हुआ. लेकिन बदलते राजनीतिक समीकरण, वर्चस्व की लडाई, मतभेद के कारण 2019 में भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूट गया. उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस, एनसीपी और सहयोगी दलों की सहायता से महाविकास आघाडी की सरकार स्थापित की और खुद मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए. ढाई साल तक तीन दलों की सरकार चलाई. लेकिन कोरोनाकाल के बाद शिवसेना के विधायको ने निधी न मिलने, एनसीपी के नेता अपमानास्पद बर्ताव करने के कारण कांग्रेस-एनसीपी से अलग होने की मुहिम शुरु हो गई. इसी बात को भाजपा ने कैश किया. एकनाथ शिंदे के प्रयासो से शिवसेना के 44 विधायक और 13 सांसदो ने उद्धव ठाकरे की पार्टी छोडकर बगावत कर ली. भाजपा के इस खेल से शिवसेना-भाजपा गठबंधन में फिर 2022 में सरकार बनी. एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री तथा देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री के रुप में विराजमान हुए और सरकार चलाना शुरु किया. इसमें अजीत पवार भी 2023 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोडकर 43 विधायक और 6 सांसदो के साथ भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए. अब अजीत पवार मुख्यमंत्री के रुप में काम संभाल रहे है. भाजपा-शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस ऐसे तीन दलों की सरकार फिलहाल राज्य में अस्तित्व में है.
* शिंदे के पास शिवसेना और अजीत पवार के पास एनसीपी का नेतृत्व
राज्य में नाटकीय रुप से हुई उथलपुथल के बाद चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी और धनुष्यबाण चिन्ह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपने का निर्णय लिया. पश्चात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और घडी चिन्ह पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का दावा रहा और उनके पक्ष में निर्णय हुआ. चुनाव आयोग का यह निर्णय उद्धव ठाकरे और शरद पवार के राजनीतिक भविष्य की परीक्षा लेनेवाला साबित हुआ है. अब लोकसभा चुनाव निमित्त उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना को मशाल और शरद पवार की एनसीपी को तुतारी चिन्ह मिला है.
* उम्मीदवारी किसे भी रहे, लेकिन बालासाहब के फोटो रहेंगे
महागठबंधन और महाविकास आघाडी के उम्मीदवारों के प्रचार में फ्लैक्स, बैनर, पॉम्पलेट आदि प्रचार साहित्य पर शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के फोटो विशेष तौर पर दिखनेवाले है. शिवसेना-उबाठा अथवा शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवारों सहित महागठबंधन और महाविकास आघाडी में शामिल रहे कांग्रेस-एनसीपी के उम्मीदवार प्रचार में 25 साल बाद बालासाहब ठाकरे के छायाचित्र का इस्तेमाल करनेवाले है, यह विशेष.