अमरावती

विद्यापीठ में बालकुमार साहित्य सम्मेलन का आयोजन

16 बालकुमारों ने स्वरचित कविता,कथा,एकांकी प्रस्तुत कर श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

अमरावती/दि.20 – मराठी भाषा संवर्धन पखवाड़ा निमित्त संत गाड़गेबाबा अमरावती विद्यापीठ में महाराष्ट्र शासन के मराठी भाषा विभाग, महाराष्ट्र राज्य साहित्य एवं संस्कृति मंडल, विदर्भ साहित्य संघ शाखा अमरावती एवं संत गाड़गेबाबा अमरावती विद्यापीठ का मराठी विभाग एवं व्हर्च्युअल सी फोन के संयुक्त तत्वावधान में बालकुमार साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया था. महाराष्ट्र के विविध जिलों के कुल 16 बालकुमारों ने अपनी स्वरचित कविता,कथा, एकांकी प्रयोग प्रस्तुत कर एवं मान्यवर साहित्यिकों का श्रेष्ठ वाचन कर इस सम्मेलन को आकर्षक बनाया. इस निमित्त बालकुमारों की प्रतिभा का अनोखे दर्शन श्रोताओं को हुए.
सम्मेलन के समन्वयक प्रा. हेमंत खडके ने प्रस्ताविक किया. कविता श्रीतेज भेंडे ने मायमराठी, गायत्री कोलपककर ने स्वराज्य जननी जिजामाता, अबोली अडिकने ने गोड परी, ऋतुजा पुटवाड ने तो दिवस, ऋचा सोलंके ने सकारात्मक विचार कविता प्रस्तुत की. प्रेरमा येवले ने स्वप्न तुझ्या हाती कविता, श्रावणी पाटील ने जनीचा माळ स्वरचित कथा, श्रीवर्धन पाटोले ने प्राणी आले गावात कथा, अमृता काले ने मी मुक्ताई बोलतेय, जाई लावरे ने मी सावित्री यह एकांकी प्रयोग, श्रावणी रोटे ने मराठीचा जन्म, ना.गो. नांदापुरकर ने कथा, धनश्री चिंचोलकर ने वि.द. घाटे की शिक्षा कथा, पारस श्रीखंडे ने प्र.के.अत्रे की ठोकळ्याचे चित्र कथा का अभिवाचन किया. वल्लरी देशमुख ने तोत्तोन पुस्तिका का उतारा प्रस्तुत किया. उर्वी खडके ने पुरुषोत्तम बोरकर की मेड इन इंडिया कादंबरी का उतारा प्रस्तुत किया.
बालकुमार सम्मेलन का समापन दिव्यश्री कवठकर ने, आभार प्रदर्शन डॉ. माधव पुटवाड ने एवं निवेदन ऋतुजा पुटवाड एवं उर्वी खोडके ने किया. यह कार्यक्रम https://youtu.be/yhFqSBhGSDc इस यूट्युब पर लिंक होने के साथ ही मराठी भाषा प्रेमियों से इसका आस्वाद लेने का आवाहन विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख व मराठी विभाग प्रमुख डॉ. मोना चिमोटे ने किया है.

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