अमरावती/दि.29- मेलघाट बाघ प्रकल्प में सेमाडोह में वहां से गुजरने वाले याात्रियों के लिए बांस के प्रतीक्षालय का उपहार दिया है ताकि रात्रि में जब वाहनों की आवाजाही वन्यजीवों की सुरक्षार्थ रोकी जाए, तो ठहरा जा सके. प्रकल्प की मुख्य संंचालिका तथा मुख्य वनसंरक्षक जयोती बैनर्जी ने इसे मेलघाट प्रकल्प की स्थापना के 50 वें वर्ष उपलक्ष्य उपहार बताया है. एक मंजिला बांस प्रतीक्षालय में सुंदर गैलरी भी दी गई है. जहां से यात्री चाहे तो रात में गुजरने वाले वन्य जीवों को देख सकते हैं.
* रात 9 बजे से रोका जाता यातायात
उल्लेखनीय है कि बाघ प्रकल्प के कोर क्षेत्र में रात 9 बजे से वन्यजीवों की रक्षार्थ यातायात रोक दिया जाता है. विशेषकर बड़े वाहन के यहां से रात में जाने की मनाही है. सवेरे तक कई जंगली प्राणी सड़क पार करते हैं इसलिए रुग्णवाहिका को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जाती है.
* मुसाफीरों की थी मांग
जयोती बैनर्जी ने बताया कि मेलघाट से गुजरने वाले मुसाफीरों की बड़े दिनों से चेकपोस्ट के पास प्रतीक्षालय की मांग थी. अतः घंटों वहां रुकने वाले वाहन के यात्रियों हेतु प्रतीक्षालय बनाया गया है. जिसमें प्रसाधन की सुविधा है. इसी प्रकार सौर ऊर्जा के लाइव है. बांस और अन्य चीजों से बनाए गए सोफा वगैरह का मुसाफीर उपयोग कर सकते हैं. इसे बड़ा सुंदर लुक दिया गया है. दो कोरकु कलाकार अमर और मंगेश आमोडे ने इसे तैयार किया है. लगभग साढ़े तीन लाख रुपए की लागत आयी है जो बाघ परियोजना ने वहन की है.
* विधायक पटेल ने किया लोकार्पण
बांस से बने सुंदर प्रतीक्षालय का लोकार्पण मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल के हस्ते किया गया. वहां पूरे मेलघाट की जैवविविधता, संस्कृति, जनजीवन, जनजातीय कला तथा वन आदि की जानकारी से परिपूर्ण नक्शा भी लगाया गया है. इस समय सिपना की वन उपसंचालिका दिव्या भारती, क्षेत्रीय वन अधिकारी सम्राट मेश्राम, योगेश तापस, सेमाडोह की सरपंच अनिता चिमोटे, उपसरपंच राजेश सेमलकर और वनविभाग के कर्मचारी एवं स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे.