अमरावती/प्रतिनिधि दि.२० – शहर का प्रमुख पयर्टन स्थल बांबू गार्डन कोरोना की पार्श्वभूमि पर पिछले एक साल से बंद है. पिछले एक साल से एक भी पर्यटन यहां नहीं आए है जिसकी वजह से वनविभाग को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. हर महीने पर्यटकों द्बारा 8 से 10 लाख रुपए वनविभाग को प्राप्त होते थे. इस हिसाब से तकरीबन 1 करोड रुपए का नुकसान वनविभाग को होने का अनुमान है.
वडाली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले बांबू गार्डन में देशभर के 65 विविध प्रजातियों के बांबू है. जिसे बांसुरी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसमें मेलीसाना, बेसीफेरा बांस सबसे ऊंचा बढने वाला है. उसी प्रकार ड्रायकोकलेस, ब्रांडेसिया अंडमान की बेल का बांस, आसाम का बिना टहनियों वाला बांस, विश्व का सबसे छोटा बांस आदि वृक्ष संपदा 18 हेक्टर क्षेत्र में फैले बांबू गार्डन में है. वडाली का बांबू गार्डन देश के सबसे पहले बांबू उद्यान के नाम से जाना जाता है.
यहां हर साल बडी संख्या में पर्यटक आते है. किंतु कोरोना महामारी के चलते पिछले एक साल से बांबू गार्डन बंद कर दिया गया है. कुछ माह पहले कोरोना का प्रादुर्भाव कम होने की वजह से गार्डन खोला गया था. किंतु अब पुन: संक्रमण बढने से गार्डन बंद कर दिया गया है. हर रोज यहां हजारों पर्यटक आते थे किंतु कोरोना महामारी के चलते अब यह गार्डन सूना पडा है.
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हर महीने 8 से 10 लाख का नुकसान
कोरोना के बढते संक्रमण को देखकर जिला प्रशासन के आदेश द्बारा वडाली स्थित बांबू गार्डन पिछले एक साल से बंद है. पर्यटकों के यहां न आने से हर महीने 8 से 10 लाख रुपए का नुकसान वनविभाग को हो रहा है.
– कैलाश भुंबर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी वडाली