* धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है गाडी
अमरावती/दि.30– कोरोना काल में लॉकडाउन में सर्वाधिक प्रभावित होने वाला व्यवसाय बैंड व्यवसाय है. सभी प्रकार के समारोह बैन रहने से बैंड कलाकारों पर भुकमरी की नौबत आयी थी. अब जाकर यह व्यवसाय धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है. ऐसे में देश में फिर एक बार कोरोना के मरीज बढने लगे है. जिससे बैंड व्यवसाय पर फिर एक बार आफत की मार पडने का डर सताने लगा है, ऐसा शहर के प्रसिद्ध भारत बैंड के संचालक अमोल थोरात ने बताया.
कोरोना के बाद विगत कुछ महीनों से बैंड व्यवसाय के अच्छे दिन शुरु हुए. लोग अब शादी व अन्य समारोह में बैंड को प्राधान्य दे रहे है. लोगों की डिमांड अनुसार बैंड टीम का नियोजन किया जाता है. इसके लिए बैंड कारागिरों का प्रबंध करना पडता है. इस क्षेत्र में अब नये लोगों का आना कम होने से पुराने कारागिरों के भरोसे पर ही यह व्यवसाय टीका है. कोरोना काल में सर्वाधिक फटका सहने के बाद अब जाकर बैंड व्यवसायी फिर से अपने व्यवसाय को बढाने का नियोजन कर रहे है. ऐसे में फिर से बंदिशे लागू हुई, तो इस व्यवसाय को बचाये रखना मुश्किल हो जाएंगा.
* अंतिम यात्रा में अब नहीं बुलाते बैंड
पहले अंतिम यात्राओं में बैंड पथक को बुलाने की रित थी. लेकिन अब लोगों ने अंतिम यात्रा में बैंड बुलाना ही बंद कर दिया है. जिसका बडा असर बैंड व्यवसाय पर पडा है. अब केवल शादी समारोह, पालकी यात्रा या छोटे-बडे कार्यक्रमों में ही बैंड दिखता है. यहीं कारण है कि, अब नये बैंड व्यवसाय से दूर होते जा रहे है. केवल शादियों के सीजन पर ही बैंड व्यवसाय निर्भर रह गया है.
* कैसिओ, बैन्जो, ढोल पार्टी की डिमांंड
बैंड व्यवसायी अमोल थोरात ने बताया कि, वर्तमान में ब्रान्झ बैंड, कैसिओ, बैन्जो पार्टी, पंजाबी ढोल, ढोलताशा, सनई-चौघडा, डोली-तुतारी आदि टीमें बैंड व्यवसाय में रहती है. प्रत्येक टीम में कम से कम 15 लोग रहते है. वर्तमान में कैसिओ, बैन्जो व ढोल पार्टी की अधिक डिमांड है. बदलते वक्त के साथ बैंड व्यवसाय भी बदलते जा रहा है.