अमरावती/ दि.5 – मौसम विभाग का अंदाज है कि, इस वर्ष औसत 90 फीसदी बारिश हो सकती है. वहीं जलस्तर भी ठीकठाक है जानकारों का अनुमान है कि मानसून पूर्व कपास की बुआई की जाती है तो, कपास पर इल्ली का प्रकोप बढ सकता है. कपास पर रोगों का प्रकोप न बढे जिसमें सर्तकता की दृष्टि से बीटी कपास के बीज की बिक्री पर जिले में 1 जून तक प्रतिबंध लगा दिया गया है.
1 जून तक जिले में बीटी कपास के बीज की बिक्री नहीं की जाएगी ऐसे आदेश कृषि आयुक्तालय व्दारा जारी किए गए है. जानकारी के अनुसार बीटी पर गुलाबी बोंड इल्ली का संकट 2017 से जारी है. कपास पर इसका प्रादुर्भाव कम हो इसलिए कृषि विभाग की ओर से प्रतिबंधात्मक उपाय योजना के साथ किसानों को जागृत किया जा रहा है. जानकारों का मानना है कि, गुलाबी बोंड इल्ली का जीवनचक्र खंडित नहीं किया गया तो उसका प्रभाव और भी बढ जाएगा. ऐसी स्थिति में अगर मानसून के पूर्व कपास की बुआई की जाती है तो, इल्लियाेंं का प्रकोप बढ जाएगा. इसलिए किसानों को बीज ही नहीं मिलेगा तो वह बुआई नहीं कर पाएंगे इसलिए निर्णय लिया गया है.
इस प्रकार है निर्देश
* उत्पादक कंपनी से वितरक : 1 से 10 मई तक
* वितरक से फुटकर विक्रेता : 15 मई के बाद
* फुटकर विक्रेता से किसान तक : 1 जून के बाद
दर्यापुर में सर्वाधिक कपास की बुआई
इस साल जिले में कपास की बुआई 2.35 लाख हेक्टर में की जाएगी. जिसके लिए 11.75 लाख बीज के पैकेट की मांग की गई. ऐसी जानकारी कृषि विकास अधिकारी गोपाल देशमुख ने दी. दर्यापुर तहसील में सर्वाधिक 34 हजार हेक्टर में की जाएगी कपास की बुआई वहीं तिवसा तहसील में सबसे कम 4106 हेक्टर में की जाएगी बुआई. वहीं बुआई के लिए अमरावती 74750, भातकुली 43500, नांदगांव 35 हजार, चांदूर रेल्वे 37500, तिवसा 77780,धामणगांव 1 लाख, मोर्शी 142250, वरुड 164700, अंजनगांव 54390, अचलपुर 1 लाख, दर्यापुर 1.79 लाख, चांदूर बाजार 10500, धारणी 49600,चिखलदरा तहसील में 20530 बीज पॉकीट की मांग की गई.