इयर टैगिंग के बिना पशुधन की खरीदी-विक्री पर प्रतिबंध
पशु पालकों को नुकसान भरपाई से भी रहना पडेगा वंचित
* पशु संवर्धन विभाग ने एपीएमसी को जारी किया पत्र
अमरावती /दि.14– अब यदि किसी भी तरह की पशुधन की खरीदी-विक्री करनी है, तो इसके लिए प्रत्येक पशुधन की इयर टैगिंग करनी होगी तथा इयर टैगिंग के बिना पशुधन की खरीदी-विक्री करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा इयर टैगिंग नहीं रहने पर पशु पालकों को सरकार की ओर से दी जाने वाली नुकसान भरपाई की रकम से भी वंचित रहना पडेगा, ऐसा स्पष्ट आदेश राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया है. जिसके चलते पशु संवर्धन विभाग ने जिले की बाजार समितियों को पत्र जारी करते हुए साफ तौर पर बताया है कि, इयर टैगिंग नहीं रहने वाले पशुधन की खरीदी-विक्री का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. इस संदर्भ में सरकारी निर्णय भी जारी किया गया है. जिसके मुताबिक राज्य के सभी पशुधन का पंजीयन करते हुए उनका पंजीयन भारीतय पशुधन प्रणाली पर करना अनिवार्य किया गया है.
जिलाधीश कार्यालय द्वारा पशु संवर्धन विभाग को इस संदर्भ में आदेश दिया गया है एवं पशु संवर्धन विभाग ने 1 मई से जिले में पशुधनों की इयर टैगिंग करनी शुरु की है. सरकारी निर्णयानुसार 1 जून के बाद खरीदी-विक्री के साथ ही टैगिंग के बिना पशुधन व पशु वैद्यकीय संस्था व दवाखानों से पशु वैद्यकीय उपचार देने से भी मना किया जाएगा. साथ ही प्राकृतिक आपदा आसमानी गाज एवं वन्य पशुओं के हमले में मारे जाने वाले पशुधन की इयर टैगिंग नहीं रहने पर संबंधित पशु पालकों को सरकार की ओर से मिलने वाली नुकसान भरपाई से वंचित रहना पडेगा.
बिना इयर टैगिंग वाले पशुधन की बाजार समिति, आठवडी बाजार व गांव मेें खरीदी-विक्री करने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है. साथ ही इयर टैगिंग के बिना पशुधन की खरीदी-विक्री होने पर इसके लिए संबंधित बाजार समिति को जवाबदार हैरानी की बात कही गई है. विशेष उल्लेखनीय है कि, इयर टैगिंग पद्धति के चलते कोई भी पशुधन चोरी चले जाने पर उसकी खोजबीन करना काफी आसान रहेगा.
* अवैध ढुलाई पर लगेगा अंकुश
इयर टैगिंग नहीं रहने वाले पशु जिले में प्रवेश न कर पाये, इस बात की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा तथा अन्य राज्यों से होने वाली जानवरों की अवैध ढुलाई पर इयर टैगिंग के चलते रोक लगाई जा सकेगी. इयर टैगिंग नहीं रहने वाले पशुओं की पशु संवर्धन विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच करना बेहद अनिवार्य रहेगा.
* 1 लाख से अधिक पशुधनों की टैगिंग
जिले में पशुधन की संख्या 5 लाख 94 हजार है. जिसमें से 1 लाख से अधिक पशुधनों की इससे पहले ही टैगिंग हो चुकी है. वहीं शेष टैगिंग के लिए तहसीलस्तर पर अधिकारी व कर्मचारी नियुक्त किये गये है. जिनके द्वारा टैगिंग का काम शुरु है. किसानों ने सरकारी निर्णय का पालन करते हुए पशुधन की टैगिंग करवानी चाहिए, ताकि नुकसान भरपाई मिलने तथा पशुधन की खरीदी-विक्री करने में सुविधा हो.
– संजय कावरे,
जिला उपायुक्त,
पशु संवर्धन विभाग