मनपा व्दारा बढाए गए हाऊस टैक्स और वसूली पर स्थगिति
विधायक सुलभा खोडके की मांग पर पहल
* शासन ने आदेश जारी किए, शहरवासियों को मिली बडी राहत
अमरावती/दि.6- अमरावती मनपा की तरफ से वर्ष 2023-24 से अमल में लाए गए नये संपत्ति कर व वसूली को शासन की तरफ से स्थगिति दी गई हैं. इस संदर्भ में विधायक सुलभा खोडके व्दारा पिछले 4-5 माह से राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार तथा देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात व पत्र व्यवहार के माध्यम से प्रयास जारी थे. ऐसे में शासन की तरफ से अमरावती मनपा के वर्ष 2024 के बढाए गए संपत्ति कर को स्थगिति देकर आदेश जारी किए जाने से शहरवासियों को बडी राहत मिली हैं. इस बाबत विधायक सुलभा खोडके व संजय खोडके ने आज शाम मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे के साथ मनपा में बैठक लेकर संबंधित आदेश का पत्र उन्हें सौंपा.
नागरिकों को दोगुने से लेकर चार गुना तक संपत्ति कर बढाकर सभी को दिए जाने से नागरिकों में तीव्र रोष निर्माण हो गया था. नई कर मुल्यांकन प्रक्रिया यह तकनीकी दृष्टि से काफी पेचिदा हैं. नियमानुरुप न रहने से यह कर वृध्दी कम करने संदर्भ में कानूनी बातों की जांच करें और अमरावती मनपा का इस संदर्भ का प्रस्ताव पूनर्विलोकन के लिए समिति गठित करने के बाबत विधायक सुलभा खोडके ने तत्कालिन मनपा आयुक्त तथा प्रशासक को पत्र के जरिए सूचित किया था. इस विषय में गत 10 मार्च को राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ज्ञापन देकर अमरावती मनपा के नये टैक्स को स्थगिति देने की मांग की थी और सभी बातो का विचार कर बेस रेट के मुताबिक ही इस वर्ष का संपत्ति कर लागू करने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने और तब तक नये संपत्ति कर को स्थगिति देकर नए आदेश जारी करने की मांग की गई थी. इस पर अमरावती मनपा आयुक्त को ‘अ’ के मुताबिक तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे. पश्चात 7 अगस्त को राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने विधायक सुलभा खोडके की मांग को गंभीरता से लेते हुए एकनाथ शिदे को पत्र देकर वर्ष 2024 में नागरिकों को दिए गए. हाऊस टैक्स को स्थगिति देने और इस बाबत आदेश देने के निर्देश निकालने का अनुरोध किया था. मुख्यमंत्री ने इसके मुताबिक नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को आदेश निगर्मित करने के निर्देश दिए थे. 16 अगस्त को इसी विषय पर फिर से सुलभा खोडके ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ज्ञापन दिया. तब मुख्यमंत्री सचिवालय की तरफ से भी नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को अ के मुताबिक आदेश निर्गमित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस पत्र निमित्त महाराष्ट्र शासन के नगर विकास विभाग की सहसचिव विद्या हम्पय्या ने अमरावती मनपा के वर्ष 2024 में बढाए गए टैक्स को स्थगिति देने के आदेश दिए हैं. इस संदर्भ में 5 सितंबर 2024 को पत्र जारी कर अमरावती मनपा आयुक्त को उक्त विषय के तहत मनपा के चालू रहे टैक्स के पूर्नमूल्यांकन प्रक्रिया को स्थगिति देने के निर्देश दिए हैं. इस कारण शहरवासियों को काफी राहत मिली हैं. विधायक सुलभा खोडके ने बढाए गए हाऊस टैक्स और वसूली को स्थगिति देने पर शासन का आभार माना हैें.
खोडके ने दिखाए पत्राचार के सबूत
इस विषय में शुक्रवार को ली गई बैठक के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गट) के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार व देवेन्द्र फडणवीस के साथ 10 मार्च 2024 के पत्राचार की कॉपी दिखाकर कहा कि हमारे प्रयासों से घर टैक्स वृध्दि को स्थगिति मिली हैं.
हम जब तक अमरावती के नागरिक तब तक नहीं बढेगे रेट
शुक्रवार को बैठक दौरान पत्रकारों से मुखातिब होते हुए संजय खोडके ने कहा कि यह स्थगिति सिर्फ चुनाव पुर्ती नहीं बल्कि हमेशा के लिए हैं और चाहे विधायक रहे या न रहेे, पद पर रहे या न रहे. हम जब तक अमरावती के नागरिक हैं, तब तक हाऊस टैक्स की दर नहीं बढने देंगे.
2005 की दर से लगेगा टैक्स
मुख्यमंत्री सचिवालय के सिक्का मोर्बत व उपमुख्यमंत्री व्दारा प्रधान सचिव नगर विकास विभाग की ओर से अमरावती महानगर पालिका को भेजे गए पत्र में लिखा हैं कि अमरावती मनपा की वर्ष 2005 से कर वृध्दि नहीं की गई थी. मनपा ने 18 वर्ष के बाद पूर्व के 90 रुपये प्रति चौरस मीटर दर से करमूल्य निर्धारण किया हैं. तत्कालिन प्रशासक तथा आयुक्त ने लिए नए ठराव व निर्णयानुसार यह करवृध्दि यह 225 चौरस मीटर यानी ढाई गुना की गई हैं. इस लिए 2024 में किए गए कर आकारणी को स्थगिति दी जाए व अमरावती मनपा व्दारा पूर्व वर्ष 2005 में निवासी व अनिवासी अकारणी की जा रही हैं. जिसके चलते अकारणी व वसूली करने बाबत आवश्यक हो कार्यवाही करें.
जिनके टैक्स भरे उनको अगले वर्ष छूट
बैठक दौरान संजय खोडके ने बताया कि कर वृध्दी को मिली स्थगिति के बाद मनपा क्षेत्र में 5 से 6 प्रतिशत लोगों ने ही टैक्स भरे थे. किंतु जिन लोगों ने अपना पूरा टैक्स भरे हैं. उसमें कटौती कर अगले वर्ष के टैक्स में छूट दी जाएगी.