* 350 नामों पर ली गई थी आपत्ति
* अनिल जेठानी ने दायर की थी याचिका
अमरावती/दि.17- स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिति के आगामी अप्रैल माह में होने जा रहे चुनाव के लिए मंडी प्रशासन व्दारा अडत व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र हेतु तैयार की गई मतदाता सूची में 350 मतदाताओं का नाम गलत तरीके से शामिल किया गया है. अत: इन नामों को तुरंत मतदाता सूची से बाहर निकाला जाए और उसके बाद ही मतदाता सूची मतदाता सूची को प्रकाशित किया जाए. इस आशय की मांग को लेकर अडत व्यापारी अनिल जेठानी व्दारा सहकार उपनिबंधक के पास आपत्ति दर्ज करने के साथ ही मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए नागपुर हाईकोर्ट ने आगामी 20 मार्च से अडत व्यापारी मतदाता सूची प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है. साथ ही इस मामले में आगे की सुनवाई 15 दिन बाद करने का फैसला सुनाया है.
उल्लेखनीय है कि मंडी प्रशासन व्दारा आगामी 20 मार्च को फसल मंडी के चुनाव हेतु सभी निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाना था. इसके लिए सभी निर्वाचन क्षेत्रों से मतदाता सूची तैयार कर ली गई है. इसके तहत अडत व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र के लिए 1100 मतदाताओं की सूची तैयार की गई है. जिस पर आपत्ति दर्ज करते हुए अनिल जेठानी ने आरोप लगाया कि, 10-10 रुपए का विलंब शुल्क लेकर 350 अडत लायसंस नियमबाह्य तरीके से नूतनीकरण करते हुए जारी किए गए. इसके साथ ही अनिल जेठानी ने फसल मंडी में उजागर हुए सेस घोटाले का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि, जिस व्यक्ति की ओर 4 करोड रुपए का सेस बकाया है, उसके भी अडत लायसेंस का नूतनीकरण किया गया और वह व्यक्ति मंडी संचालक पद का चुनाव लडने की तैयारी भी कर रहा है. ऐसे सभी लोगों के नामों को अडत व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची से काटा जाना चाहिए और नई और संशोधित मतदाता सूची घोषित की जानी चाहिए. अपनी इस आपत्ति को लेकर अनिल जेठानी ने अपने वकील एड. श्रेयस वैष्णव के जरिए नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर आज न्या. चांदवानी व न्या. चांदूरकर की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. जिसके बाद हाईकोर्ट ने 15 जून को मतदाता सूची के प्रकाशन पर रोक लगाते हुए इस मामले की सुनवाई 15 दिन बात करने का फैसला सुनाया.