अमरावती

बाढ व बारिश से चहूंओर बर्बादी

खेती किसानी का बडे पैमाने पर नुकसान

* घरों व पशुधन की भी जमकर हानि
* जिले की 14 में से 7 तहसीलें बुरी तरह प्रभावित
* हर ओर जल जमाव की स्थिति, जनजीवन अस्तव्यस्त
अमरावती/ दि. 15- विगत 1 सप्ताह से लगातार हो रही झमाझम बारिश की वजह से इस समय जिले में हर ओर बाढ एवं जल जमाव वाली स्थिति है. जिसकी वजह से जिले की 14 में से 7 तहसीले बुरी तरह प्रभावित हुई और इन तहसीलों में जनजीवन बुरी तरह से अस्तव्यस्त हो गया है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से इस समय जिले के अधिकांश नदी नालों में जलस्तर बढा हुआ है. जिसकी वजह से बाढ का पानी लोगों के घरों और खेतों में जा घुसा है. जिसके चलते खेती किसानी के साथ-साथ घरों और पशुधन का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके अलावा नदी नालों में पानी का उफान रहने की वजह से कई इलाकों में रास्ते क्षतिग्रस्त हो गये है. जिसके चलते कई ग्रामीण इलाको के अन्य क्षेत्र से संपर्क टूट गया है. ऐसे में अब प्रशासन द्बारा बाढ व बारिश की वजह से हुए नुकसान का पंचनामा करने का काम शुरू किया गया है. साथ ही इस नुकसान की एवज में सरकार से प्राथमिक तौर पर एक करोड 70 लाख रूपये की सहायता मांगी गई है. हालाकि अभी महानगरपालिका व जिला परिषद जैसी स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं द्बारा अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है. जिसके चलते भविष्य में नुकसान भरपाई के आंकडे को लेकर मांग और भी अधिक बढ सकती है.
बता दे कि जारी सप्ताह के दौरान सोमवार की रात से लेकर मंगलवार की सुबह तक मूसलाधार पानी बरसा और जिले की 4 तहसीलों में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई. जिसके चलते 23 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टि वाली स्थिति रही. 10 घंटे तक लगातार चली इस मूसलाधार बारिश की वजह से नदी नालों व बांधों में जलस्तर अचानक ही बढ गया. जिसके चलते बाढ सदृश्य स्थिति पैदा होते ही नागरिकों को बडे पैमाने पर नुकसान का सामना करना पडा.
बाढ और बारिश की वजह से हुए नुकसान को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सरकार से 1 करोड 70 लाख रूपये की प्राथमिक स्वरूप में मांग की. जिसमें सानुग्रह अनुदान के तौर पर वितरित किए जानेवाले 51 लाख 10 हजार रूपये का भी समावेश है. यह रकम तत्काल वितरित करना जरूरी रहने के चलते जिला प्रशासन ने यह रकम तुरंत ही अपनी निधि से उपलब्ध कराई है और सरकार के निधि प्राप्त होने के बाद उसे जिला प्रशासन के फाटे में डाला जायेगा. जानकारी के मुताबिक बाढ व बारिश की वजह से सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग का 50 लाख 50 हजार रूपये महावितरण का 21 लाख 81 हजार रूपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा प्रशासन द्बारा किए गये संयुक्त सर्वेक्षण के मुताबिक घरों व जानवरों के तबेले की दुरूस्ती हेतु 42 लाख 70 हजार रूपये देने पडेंगे. इसके अलावा सरकारी व अर्धसरकारी महकमों की मदद करनेवाली बीमा एजेंसी सहित संबंधित विभागों का भी 2 लाख 60 हजार रूपयों का नुकसान हुआ है. ऐसे में इस प्राकृतिक आपदा में प्राथमिक रूप से 1 करोड 70 लाख रूपये का नुकसान होने की जानकारी सामने आयी है. वहीं जिला प्रशासन व मनपा प्रशासन द्बारा किए जानेवाले सर्वे की रिपोर्ट सामने आने के बाद नुकसान का आंकडा काफी अधिक बढ सकता है.

* मेलघाट के पहाडी इलाकों में हालत खराब
* जगह-जगह चट्टाने खिसकी, आवाजाही अवरूध्द
* पहाडी नदियां व झरने पूरे उफान पर
उधर पर्वतीय इलाका रहनेवाले मेलघाट क्षेत्र में इस समय भारी बारिश की वजह से पहाडी नदियां व झरने पूरे उफान पर है तथा पानी के तेज बहाव की वजह से कई इलाको में पहाडी चट्टाने खिसकने की घटनाएं सामने आयी है. अकेले सेमाडोह में ही विगत 10 जुलाई को 12 घंटों के दौरान 264 मिमी पानी बरसा. जिसके चलते माना जा रहा है कि, सेमाडोह में बादल फटने वाली स्थिति रही. इसके साथ ही मेलघाट के घटांग काटकुंभ मार्ग पर गुरूवार की सुबह पहाडी चट्टान खिसककर उसका पूरा मलबा सडक पर आ गया. जिससे एकताई की ओर जानेवाला रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया. इसके अलावा इस पर्वतीय क्षेत्र में पहाडों की ढलांग से उतरनेवाले पानी की वजह से धारणी और चिखलदरा की ओर जानेवाली सडकों पर पानी ही पानी है और ये सडके किसी नदी नाले या झरने की तरह दिखाई दे रही है. ऐसे में फिलहाल इन सडको से गुजरना खतरे से खाली नहीं कहा जा सकता. जिसके चलते प्रशासन ने फिलहाल मेलघाट क्षेत्र से गुजरनेवाले रास्तों पर आवाजाही को प्रतिबंधित कर रखा है.

* बगाजी सागर के 11 दरवाजे खुले
धामणगांव रेल्वे तहसील की सीमा पर स्थित बगाजी सागर बांध के 31 में से 11 दरवाजाेंं को 60 सेमी खोल दिया गया है. जहां से प्रति सेकंड 537 घनमीटर जल विसर्ग किया जा रहा है. जुलाई माह में हुई बारिश में केवल 5 दिनों में जुलाई माह के औसत को पार कर लिया. ऐसे में तहसील के 3 राजस्व मंडलों में हुई अतिवृष्टि के चलते 14 हजार हेक्टर क्षेत्र में, 8 हजार हेक्टर क्षेत्र में कपास, 3 हजार हेक्टर क्षेत्र में तुअर की फसलें बरबाद हो गई है. जिसके चलते करीब 25 हजार हेक्टर क्षेत्र में दुबारा बुआई का संकट मंडरा रहा है. धामणगांव रेलवे तहसील क्षेत्र के मंगरूल दस्तगीर, भातकुली व चिंचोली, राजस्व मंडल के 48 गांव में करीब 23 दिन पहले ही खरीफ फसलों की बुआई हुई थी और बीजों के अंकुरित होकर पौधा बनने की प्रक्रिया के दौरान ही 5 दिनों में दो बार अतिवृष्टि हुई. इसके अलावा वर्धा व विदर्भ नदी सहित नालों में आयी बाढ के चलते खेतों में जलजमाव वाली स्थिति लगातार बनी रही. जिसकी वजह से पूरे परिसर में फसलें बरबाद हो गई है.

* राज्य में चहुंओर झमाझम, 7 जिलों के लिए रेट अलर्ट
इस समय राज्य में चहुंओर झमाझम बारिश का दौर चल रहा है और अधिकांश इलाको में बाढ सदृश्य हालात बने हुए है. करीब 6 दिनों से लगातार हो रही बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने राज्य के 7 जिलों के लिए रेट अलर्ट जारी कर दिया है. जिनमें कोंकण के पालघर, मध्य महाराष्ट्र के नाशिक व पुणे जिलों का समावेश है. इसके अलावा अमरावती सहित यवतमाल, वर्धा, नागपुर, मुंबई, ठाणे, रत्नागिरी, रायगढ, सिंधुदुर्ग, सातारा व कोल्हापुर जिलों में भी भारी बारिश होने की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इन सभी जिलों में अब भी भारी बारिश होने का खतरा बना हुआ है. जहां पर पहले ही बीते एक सप्ताह से भारी बारिश के चलते बाढ सदृश्य हालात बने हुए है. इन सभी इलाकों में बीते एक सप्ताह से आम जनजीवन बुरी तरह से अस्तव्यस्त हो गया है और बाढ व बारिश की वजह से बडे पैमाने पर नुकसान भी हुआ है.

* दो दिन में मिल सकती है थोडी राहत
मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिन के दौरान और बारिश का दौर कुछ कम हो सकता है. जिसकी वजह से राज्य के लोगों को थोडी बहुत राहत मिल सकती है. इसके चलते विगत एक सप्ताह से बाढ सदृश्य हालात का सामना कर रहे लोगबाग अब बारिश का जोर कम होने की प्रतीक्षा कर रहे है.

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