कोविड व लॉकडाउन के चलते चूडी व्यवसायियों की हालत खराब
एक वर्ष से बंद पडा है चूडीवालों का व्यवसाय
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२० – विगत एक साल से लगातार चले आ रहे कोविड संक्रमण के खतरे की वजह से बारा बलुतेदारों का व्यवसाय खतरे में आ गया है और अब उन पर भूखमरी की नौबत आ गयी है. इसमें भी चूडियों का व्यवसाय करते हुए अपनी आजीविका चलानेवाले सभी छोटे-बडे व्यवसायियों पर कोरोना का संक्रमण कहर बनकर टूटा है. एक तरफ अपना और अपने परिवार का पेट पालने की चिंता है, वहीं दूसरी ओर कोविड संक्रमण का डर भी है. ऐसे दोहरे संकट में चूडी व्यवसायी फंस गये है.
कोविड संक्रमण की वजह से सरकार एवं प्रशासन द्वारा पर्व, त्यौहार, उत्सव व सार्वजनिक कार्यक्रम सहित विवाह समारोहों पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिसकी वजह से कई बारा बलुतेदारों के काम-धंधे बंद पडे है. प्रति वर्ष अप्रैल व मई माह के दौरान बडे पैमाने पर विवाह समारोह आयोजीत होते है. किंतु लगातार दूसरे वर्ष इन्हीं दोनों महिनों मेें कोविड संक्रमण फैलने की वजह से दूसरी बार यह सीझन हाथ से निकल गया. ऐसे में इस तरह के आयोजनों पर निर्भर रहनेवाले व्यवसायियों पर भूखमरी का संकट आ गया है. शादी-ब्याह के सीझन में दो-तीन माह तक जमकर व्यापार करते हुए बाकी के समय ठीकठाक व्यवसाय भी हुआ, तो भी चूडीवालों के परिवारों का सालभर भरण-पोषण ठीकठाक ढंग से हो जाता था. वैवाहिक समारोहों में महिलाओं द्वारा नई चूडियां पहनकर ही इस आयोजन की शुरूआत की जाती है. किंतु विगत दो वर्षों से विवाह समारोह भी पहले की तरह आयोजीत नहीं हो रहे और गिनती के 15-20 रिश्तेदारों की उपस्थिति में विवाह निपटाने पड रहे है. इसमें भी कोविड संक्रमण के खतरे और सोशल डिस्टंसिंग के नियम की वजह से बारा बलुतेदारों को पहले की तरह काम नहीं मिल रहा.
उल्लेखनीय है कि, इस समय ऑनलाईन व्यवसाय करने की छूट दी गई है. किंतु इसमें कुछ चुनिंदा व्यवसायों का ही समावेश हो सकता है. लेकिन चूडी का व्यवसाय ऑनलाईन नहीं किया जा सकता और इसमें फिजीकल डिस्टंसिंग का भी पालन नहीं हो सकता. महिला ग्राहकों को चूडी पहनाते समय सोशल डिस्टंसिंग का पालन नहीं किया जा सकता. ऐसे में कोविड संक्रमण से अपनी संरक्षण करते हुए व्यवसाय करना भी चूडीवालों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है. साथ ही इस समय सरकार एवं प्रशासन द्वारा चूडीवालों को दूकान खोलकर व्यवसाय करने की छूट भी नहीं दी गई है. ऐसे में चूडी व्यवसायी इस समय काफी आर्थिक संकट में फंसे हुए है.