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अमरावती में बांग्लादेशी रोहिंग्या को दी जाती है शरण

भाजपा सांसद डॉ. अनिल बोंडे का सनसनीखेज आरोप

* 100 दस्तावेजों की जांच में 35 संदिग्ध पाए गए
* पुलिस आयुक्त की कार्रवाई का सांसद महोदय ने किया स्वागत
अमरावती /दि.24– अमरावती में बांग्लादेशी रोहिंग्या को शरण दी जाती है, ऐसा सनसनखेज आरोप भाजपा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने किया है. उनके इस आरोप के कारण राजनीतिक क्षेत्र में खलबली मच गई है. इस कारण अमरावती में रहनेवाले बांग्लादेशीयों को खोज निकालने की चुनौती पुलिस के सामने है. पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी द्वारा की जा रही कार्रवाई का डॉ. बोंडे ने स्वागत किया है.
सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने आरोप किया है कि, अमरावती में बांग्लादेशी रोहिंग्या को शरण दी जाती है. इस बाबत उन्होंने इसके पूर्व भी पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी और ग्रामीण एसपी से चर्चा कर बांग्लादेशियों को यहां से खदेडने की मांग की है. पिछली दफा जब अमरावती में दंगे की स्थिति निर्माण हो गई थी, उस समय भी अमरावती में बांग्लादेशियों को शरण दी जाती रहने की बात स्पष्ट की थी. पुलिस आयुक्त को इस संदर्भ में पत्र देकर कार्रवाई करने की मांग की गई थी, ऐसा भी डॉ. बोंडे ने कहा. उन्होंने कहा कि, अमरावती में रहनेवाले पश्चिम बंगाल के रहनेवाले है या बांग्लादेशी रोहिंग्या है, इस बाबत उस समय संभ्रम निर्माण हो गया था. भाजपा नेता किरीट सोमय्या ने ‘वोट जिहाद’ के रुप में यह प्रकरण बाहर निकाला. तब सभी लोग जागरुक हुए. अब तक 100 लोगों के कागजपत्रों की जांच की गई है. इनमें 35 लोग संदिग्ध पाए गए है. एमआईडीसी के छोटे-बडे कारखानों में बंगाली भाषा बोलनेवाले नागरिक (कामगार) है. उनमें अनेक लोगों के कागजपत्र संदिग्ध है. यह लोग बांग्लादेश से यहां आए रहने की बात अब महाराष्ट्र में घोषित हुई है. सैफ अली खान पर हमला करनेवाला भी बांग्लादेशी है, इस कारण ऐसे बांग्लादेशी नागरिक पर कडी कार्रवाई करने का अभियान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुरु किया है, ऐसा भी डॉ. बोंडे ने स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि, पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी द्वारा बांग्लादेशी रोहिंग्या के खिलाफ जो कार्रवाई शुरु की गई है, वह प्रशंसनीय है.

* समय आ गया उन्हें खदेडने का
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में पुलिस ने इस प्रकरण में कडे कदम उठाए है. इसके लिए पुलिस प्रशासन अभिनंदन के पात्र है, ऐसा भी सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने कहा. उन्होंने शहर के उद्योजकों से आवाहन किया कि, एमआईडीसी में विविध कारखानों में काम करनेवाले कामगारों को अपने यहां काम पर रखते समय उनके कागजपत्रों की पूर्ण जांच करें. भारत में रहकर यह किसी भी समय अराजकता निर्माण कर सकते है. इस कारण ऐसे लोगों को यहां से वापस बांग्लादेश खदेडने का समय आ गया है.

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