डेढ हजार के लाभ हेतु तीन हजार का बैंक अकाउंट
लाडली बहन योजना के लिए खाता खोलने बैंकों में लगी कतार
* ‘जनधन’ की तरह ‘जीरो बैलेंस’ अकाउंट खोलने की उठ रही मांग
अमरावती /दि.4- ‘मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहिण’ योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा पात्र लाभार्थी महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए दिये जाएंगे. जिसके चलते बैंक अकाउंट रहना आवश्यक रहने के चलते अब बैंकों में अकाउंट खोलने के लिए महिलाओं की लंबी-लंबी कतारे लगने लगी है. जहां पर उन्हें 2500 रुपए से लेकर 3 हजार रुपए भरते हुए अपना अकाउंट खोलना पड रहा है. यानि प्रतिमाह डेढ हजार रुपए का लाभ पाने हेतु बैंक अकाउंट खोलने के लिए सबसे पहले 3 हजार रुपए का इंतजाम करना पड रहा है. ऐसे में इस योजना के लाभ हेतु जनधन योजना की तरह ‘जीरो बैलेंस’ अकाउंट खोलने की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर मांग उठ रही है.
बता दें कि, विगत 28 जून को राज्य सरकार की ओर से पेश किये गये अतिरिक्त बजट में ‘मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहिण’ योजना की घोषणा की गई और उसी दिन इस योजना को लेकर शासनादेश जारी करते हुए 1 जुलाई 2024 से ही इस योजना पर अमल करने की बात कही गई. जिसके चलते इस योजना हेतु आवश्यक रहने वाले आय प्रमाणपत्र व अधिवास प्रमाणपत्र को प्राप्त करने के लिए सभी पटवारी व तहसील कार्यालयों सहित सेतू केंद्र में महिलाओं की लंबी-लंबी कतारे लग गई. वहीं इस योजना का लाभ पाने हेतु बैंक अकाउंट रहना भी आवश्यक रहने के चलते बैंक अकाउंट खोलने के लिए महिलाओं की भीड अलग-अलग बैंकों के शाखा कार्यालयों में उमडने लगी. जिसके चलते सभी बैंक कार्यालयों में भी महिलाओं की अच्छी खासी भीड दिखाई दे रही है. जहां पर उन्हें बैंक अकाउंट खोलने के लिए ढाई से तीन हजार रुपए भरने पड रहे है. ऐसे में कई महिलाओं ने लाडकी बहिण योजना का लाभ मिलने हेतु जनधन योजना की तर्ज पर ‘जीरो बैलेंस’ अकाउंट खोलने की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है.
* डिपॉझिट को लेकर सभी बैंकों की नीतियां अलग
इस बारे में लीड बैंक के अधिकारियों से जानकारी हेतु संपर्क साधने पर पता चला कि, सेंट्रल बैंक व स्टेट बैंक सहित अन्य कुछ राष्ट्रीयकृत बैंकों में खाता खोलने हेतु 2 हजार रुपयों का शुरुआती डिपॉझिट लिया जाता है. परंतु शहर की कई बैंक शाखाओं द्वारा इसके लिए ढाई से तीन हजार रुपए लिये जा रहे है. यद्यपि अकाउंट खोलने के लिए शुरुआती डिपॉझिट कितना लिया जाये. इसे लेकर प्रत्येक बैंक की स्वतंत्र नीति है. परंतु इस समय भीडभाड को देखते हुए कुछ बैंकों द्वारा मनमानी की जा रही है, ऐसा आरोप कई महिलाओं द्वारा लगाया गया है.
* ‘जीरो बैलेंस’ पर भी खुल सकता है अकाउंट
जनधन योजना के लिए बैंकों द्वारा ‘जीरो बैलेंस’ पर अकाउंट खोला जाता है. जिसके जरिए आर्थिक लेन-देन के व्यवहार भी किये जाते है, ऐसे में बैंकों द्वारा महिलाओं को इसकी जानकारी देते हुए उनके अकाउंट जनधन योजना के तहत खोले जाने की जरुरत है. परंतु बैंकों द्वारा इसकी सुविधापूर्ण अनदेखी की जा रही है. ऐसे में महिलाओं द्वारा मांग उठाई जा रही है कि, सरकार ने इसे लेकर स्वतंत्र परिपत्रक जारी करना चाहिए.
* इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक में उपलब्ध है ‘जीरो बैलेंस’ अकाउंट की सुविधा
इस बारे में जिलाधीश सौरभ कटियार ने जानकारी देते हुए बताया कि, बैंक अकाउंट खोलने हेतु लगने वाले डिपॉझिट के लिए प्रत्येक बैंक की स्वतंत्र नीति है. वहीं इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक में जीरो बैलेंस पर अकाउंट खोला जा सकता है. हालांकि इस सुविधा का लाभ केवल ग्रामीण इलाकों के लाभार्थियों को ही मिलेगा.
* 4 दिनों से चल रही दस्तावेजों की प्रक्रिया
– अब तक लाडली बहन योजना में एक भी आवेदन नहीं
वहीं इस योजना को लेकर पता चला है कि, अभी इस योजना के तहत महिलाओं द्वारा केवल आवश्यक दस्तावेजों को जुटाने के लिए एक कार्यालय से लेकर दूसरे कार्यालय तक चक्कर काटे जा रहे है, ताकि निवासी दाखिला व आय प्रमाणपत्र हासिल करने के साथ ही राशन कार्ड व आधार कार्ड सहित बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज इकठ्ठा किये जा सके. चूंकि कई महिलाओं के पास सभी आवश्यक दस्तावेज एकसाथ उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते विगत 4 दिनों के दौरान इस योजना के तहत किसी भी महिला की ओर से प्रतिमाह 1500 रुपए का लाभ मिलने हेतु आवेदन नहीं किया जा सकता है. ऐसे में अब तक इस योजना की आवेदन प्रक्रिया शुरु नहीं हो पायी है.
* अब राशन कार्ड कार्यालय में भी लगी कतारे
विशेष उल्लेखनीय है कि, पहले इस योजना का लाभ पाने हेतु आय प्रमाणपत्र व निवासी प्रमाणपत्र का रहना आवश्यक किया गया था. वहीं अब आय प्रमाणपत्र के स्थान पर पीले व केसरी राशन कार्ड को ग्राह्य मानने की बात कही गई है. साथ ही निवासी प्रमाणपत्र के स्थान पर आधार कार्ड व मतदाता पहचान पत्र को ग्राह्य माना जाएगा. जिसके चलते अब जिलाधीश कार्यालय के अन्न आपूर्ति अधिकारी कार्यालय में राशन कार्ड बनवाने हेतु नागरिकों की लंबी-लंबी कतारे लग रही है. जिसे देखते हुए अन्न आपूर्ति अधिकारी प्रवीण राउत ने सभी से शारीरिक तकलीफ व समय की बर्बादी रोकने हेतु घर बैठे महाफुड के पब्लिक लॉग इन का प्रयोग करने का आवाहन किया है. इसी तरह कई सेतू केंद्रों पर महिलाओं की भीड अपने आधार कार्ड व मतदाता पहचान पत्र को अपडेट कराने के लिए भी देखी जा रही है.
* कई लाडली बहनें लौटी मायके
– शालेय प्रमाणपत्र हासिल करने पति लगा रहे पत्नी की स्कूल के चक्कर
विशेष उल्लेखनीय है कि, लाडली बहन योजना के लिए जन्म दाखिलें सहित शाला छोडने के प्रमाणपत्र यानि टीसी जैसे दस्तावेजों की भी जरुरत पड रही है. जिसके चलते अन्य शहरों में ब्याही गई कई महिलाएं अपने पति को साथ लेकर अपने मायके लौट आयी है तथा कई महिलाओं के पति ससुराल पहुंचकर अपनी पत्नी के दस्तावेज हासिल करने हेतु पत्नी की शाला सहित संबंधित क्षेत्र के स्थानीय निकाय में चक्कर काट रहे है. उल्लेखनीय है कि, अमूमन पुरुषों द्वारा अपनी पत्नी की शाला को लेकर कभी कोई पूछताछ नहीं की जाती, ऐस में पत्नी की शाला को भेंट देने का तो सवाल ही नहीं उठता. लेकिन लाडली बहन योजना ने दामादों को अपनी ससुराल आते हुए पत्नी की शाला का चक्कर काटने पर भी मजबूर कर दिया.