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सिटीबस सडक पर दौडाने में बैंक रोडा

कर्ज बकाया रहने से बैंक व्यवस्थापन का कडा रुख

* मनपा आयुक्त कर सकते है मध्यस्थता
* आगामी सप्ताह तक मामला हल होने की संभावना
अमरावती/दि.17- शहर की लाइफलाईन सिटीबस का ठेका साहू टूर्स अ‍ॅन्ड ट्रैवल्स को जाने के बाद पुराने ठेकेदार द्वारा बैंक से लिया गया कर्ज बकाया रहने से नए ठेकेदार के सामने सिटीबस को सडक पर लाने परेशानी का सामना करना पड रहा है. बैंक व्यवस्थापन बकाया वसूल करने सख्त भूमिका में रहने से यह दुविधा निर्माण हुई है. सूत्रों के मुताबिक मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर द्वारा इस मामले में मध्यस्थता किए जाने की संभावना है. इस कारण आगामी सप्ताह तक हल निकलकर सिटी बस दौडने की संभावना जताई जा रही है.
अमरावती सिटी बस का ठेका विपीन चव्हाण से निकालने के बाद मनपा प्रशासन द्वारा निविदा प्रक्रिया कर साहू टूर्स अ‍ॅन्ड ट्रैवल्स के संचालक महेश साहू को दिया गया. पहले ठेकेदार का ठेका रद्द किए जाने के बाद गत 2 मार्च से शहर की बससेवा ठप है. मनपा प्रशासन द्वारा सभी 25 सिटीबस जब्त कर ली गई है और प्रशांत नगर बगीचा के पास के कार्यशाला विभाग में खडी है. आझ इस बात को एक पखवाडा पूर्ण हो गया है. शहर की लाइफलाईन के पहिए एक पखवाडे से रुके रहने के कारण शहरवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है. महेश साहू को नया ठेका मिलने के बाद संभावना जताई जा रही थी कि इस सप्ताह से सिटी बस शुरू हो जाएगी और नागरिकों को राहत मिलेंगी. लेकिन पहले के ठेकेदार द्वारा गाडगेनगर की बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा से लिया गया कर्ज बकाया रहने से और उसकी वसूली के लिए बैंक व्यवस्थापन सख्त रहने से नए ठेकेदार को लाइफलाईन को फिर से सडक पर लाने परेशानी का सामना करना पड रहा है. इस प्रकरण में मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर के मध्यस्थता कर हल निकालने की संभावना है. उसके बाद ही फिर से सिटी बस शहर की सडकों पर दौडना शुरु हो सकती है.

* बैंक का बकाया है 2.42 करोड?
सूत्रों के मुताबिक पहले ठेकेदार द्वारा सिटी बस का ठेका लेते समय जो कर्ज लिया गया था वह अभी बकाया है. छह वर्ष इस कर्ज को हो जाने और बकाया 2.42 करोड के करीब रहने से बैंक व्यवस्थापन अब इस कर्ज की वसूली के लिए सख्त है. सूत्रों के मुताबिक बैंक अधिकारियों ने नए ठेकेदार को इस संबंध में पत्र भी दिया है. इस कारण साहू टूर्स अ‍ॅन्ड ट्रैवल्स के संचालक इस प्रकरण को पहले निपटाने में जुटे है.

* सिटी बस की जब्ती का भी भय?
बैंक का कर्ज बकाया रहने से यह कर्ज नए ठेकेदार को अदा करना अनिवार्य है. बैंक व्यवस्थापन ने भी कडा रुख अपना रखा है. इस कारण नए ठेकेदार द्वारा यदि सिटी बस सडक पर लाई गई तो उसकी जब्ती कार्रवाई होने की संभावना रहने से अब तक इन बसो को शुरु नहीं किया गया है. नए ठेकेदार द्वारा जल्द से जल्द इस मामले को निपटाने के प्रयास किए जा रहे है.

* हमारी तैयारी पूर्ण
सिटी बस का ठेका मिलने के बाद हमने कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दे दिया है. केवल बैंक का मामला निपटते ही सिटी बससेवा कुछ दिनों में फिर से शुरु हो जाएगी. इसके लिए हमारे प्रयास भी जारी है.
महेश साहू, संचालक
साहू टूर्स अ‍ॅन्ड ट्रैवल्स

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