अमरावती

चार वर्ष से चल रहा है प्रतिबंधित बीजों का गोरखधंधा

बोगस बीजों के रैकेट का है ‘गुजरात कनेक्शन’

  • जिले की सीमा पर स्थित गांवों का किया जाता है चयन

  • धामणगांव व चांदूर रेल्वे से चलता है कामकाज

  • मुख्य आरोपी अब भी फरार, दो पुलिस पथक कर रहे तलाश

अमरावती/दि.16 – जिले में अवैध तरीके से बेचे जानेवाले प्रतिबंधित बीटी बीज के मामले का गुजरात कनेक्शन रहने की बात कृषि विभाग की जांच में स्पष्ट हुई है. जिसमें पता चला है कि, इन बीजों की नागपुर व यवतमाल होते हुए आपूर्ति की जाती है और इस व्यवसाय में धामणगांव व चांदूर रेल्वे के कई बडे व्यवसायी लिप्त है. पुलिस द्वारा कडाई के साथ जांच करने पर इन बडे व्यवसायियों के नाम सामने आ सकते है. पता चला है कि, इन प्रतिबंधित बीजों का गोरखधंधा विगत चार वर्ष से इस परिसर में चल रहा था और इन बीजों की आपूर्ति व बिक्री के लिए जिले के सीमावर्ती गांवों का चयन किया जाता है. साथ ही इस व्यवसाय के पूरे सुत्र चांदूर रेल्वे व धामणगांव रेल्वे से चलाये जाते है.
बता दें कि, दो दिन पूर्व धामणगांव रेल्वे के अंजनसिंगी गांव में छापा मारकर कृषि विभाग व पुलिस महकमे ने करीब 14 लाख 50 हजार 397 रूपये के प्रतिबंधित एचटीबीटी बीजों को जप्त किया था. इसके तहत कृषि विभाग के अधिकारियों ने रविवार की रात जाल बिछाते हुए तिवसा तहसील अंतर्गत दुर्गवाडा निवासी सतीश गणेश ठाकरे से बीजों की मांग की थी और उसके द्वारा बीज उपलब्ध कराते ही उससे इस बारे में पूछताछ की गई. पश्चात अंजनसिंगी गांव निवासी प्रमोद वामन देवघरे नामक आरोपी का नाम सामने आया और जांच दल ने प्रमोद देवघरे के यहां छापा मारते हुए 29 बोरों में भरकर रखे हुए 1 हजार 891 पैकेज बीज बरामद किये. इस समय सतीश ठाकरे को हिरासत में लेते हुए पुलिस के हवाले किया गया. जिसे 16 जून तक पुलिस कस्टडी में रखने का आदेश जारी किया गया है.
जानकारी के मुताबिक बुआईवाले दिनों में सीमा से लगे गांवों में फर्जी बीज बेचनेवाले एजेंटों द्वारा किसानों को अच्छी उपज का लालच दिखाते हुए इन बीजों की बिक्री की जाती है और इन लोगोें के झांसे में फंसकर कई किसान इन प्रतिबंधित बीजों की खरीदी कर उनकी बुआई भी करते है. जिनसे कई बार किसानों को नुकसान का भी सामना करना पडता है. जानकारी के मुताबिक गुजरात व आंध्रप्रदेश से लाये जानेवाले बीजों को चांदूर रेल्वे व धामणगांव रेल्वे तथा मध्यप्रदेश से लाये जानेवाले बीजों को मोर्शी व वरूड तहसीलों के जरिये पूरे जिले में भेजा जाता है. गत वर्ष भी धामणगांव रेल्वे तहसील में एक दुकानदार को प्रतिबंधित बीजों की गलाई, संग्रह व पैकिंग करते हुए पकडा गया था. इसके अलावा अन्य राज्य के कई नागरिक इस परिसर में मक्ते के आधार पर खेती करते है. उनके पास भी बडे पैमाने पर अनधिकृत बीजों का संग्रह प्राप्त हुआ था. वहीं इस बार भी इसी क्षेत्र में प्रतिबंधित बीजों की बडी खेप प्राप्त हुई है. जिससे यह स्पष्ट है कि, इस रैकेट की जडें काफी गहरी हो चुकी है.

मुख्य आरोपी का मोबाईल ट्रेसिंग पर

प्रतिबंधित बीजों की बिक्री के मामले का मुख्य आरोपी प्रमोद देवघरे इस समय फरार है. जिसकी तलाश में कुर्‍हा पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक ईश्वर वर्धे ने अलग-अलग पुलिस पथक गठित करते हुए उन्हें वर्धा व यवतमाल जिले में रवाना किया है. साथ ही प्रमोद देवघरे के मोबाईल को ट्रेसिंग पर डाला गया है.

पूरे परिसर में होती है बोगस बीजों की बिक्री

पता चला है कि, विगत चार वर्षों से अंजनसिंगी, दुर्गवाडा, पिंपलखुटा, गव्हा फरकाडे तथा गव्हानिपानी परिसर में चार वर्षों से प्रतिबंधित बीजों की बिक्री हो रही है. जिसे लेकर प्रतिवर्ष शिकायतेें भी प्राप्त होती है. जिसमें यह तथ्य सामने आया है कि, इन प्रतिबंधित बीजों में उपज क्षमता ही नहीं होती और इनकी बुआई करने के बाद फसल पैदा नहीं होती. इसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पडता है.

पर्यावरण कानून का भी उल्लंघन

एचटीबीटी यानी हर्बिसाईड टॉलरंट बीटी प्रजाति के कपास बीजों की बिक्री का राज्य में उत्पादन संग्रहण, बिक्री व बुआई करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. केंद्र सरकार की जेनेटिक इंजिनिअरींग अप्रूव्हल कमेटी (जीईसी) द्वारा इन बीजों को अनुमति प्रदान नहीं की गई है. ऐसे में इन बीजों का उत्पादन, बिक्री, संग्रहण व बुआई करने पर पर्यावरण कानून का उल्लंघन करने का मामला दर्ज होता है. इसके साथ ही महाराष्ट्र कपास बीज अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भी अपराध दर्ज किया जा सकता है.

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