बार कौन्सिल के सदस्यों ने पुलिस के बर्ताव का किया निषेध
गुरुवार को पूरे दिन कोर्ट का कामकाज रखा बंद
* मामला पांढरी खानमपुर के प्रवेश द्वार प्रकरण का
अंजनगांव सुर्जी/दि.15-पांढरी खानमपुर के प्रवेशद्वार प्रकरण में एड.अनुराग वानखडे पर 12 मार्च को पुलिस ने भादविं की धारा 353 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद अॅडिशनल पुलिस अधीक्षक कुमावत ने एड.अनुराग वानखडे को मारपीट कर अन्य वकिलों के साथ भी अपमानास्पद बर्ताव किया. जिससे गुरुवार को 14 मार्च को बार असोसिएशन अंजनगांव सुर्जी ने पुलिस थाना अंजनगांव के निषेधार्थ न्यायालयीन कामकाज बंद रखने का प्रस्ताव पारित किया. तथा कामबंद आंदोलन किया. अॅडिशनल एसपी ने एड.वानखडे को मारपीट की बात चिकित्सा जांच में पता चली है. एड.वानखडे को मारपीट करने की जानकारी बार असोसिएशन के सदस्यों को मिलते ही एड.एस.एस.भड, एड.ए.ए.वानखडे उन्हें मिलने जाने पर अॅडिशनल एसपी कुमावत ने दोनों वकीलों के साथ अपमानास्पद बर्ताव किया. और कहा कि, तुम यहां क्यों आए, तुम्हारा यहां कोई काम नही. तुम्हारा काम कोर्ट में है. आरोपी से कोर्ट में मिलो, यह मेरा अधिकार क्षेत्र है. मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर जाओ. कुमावत के ऐसे बर्ताव से वकिलों का अपमान हुआ. इस संबंध में उन्होंने बार असोसिएशन के अध्यक्ष एड.पी.एम.बोचरे को जानकारी दी. तब एड.बोचरे खुद उपाध्यक्ष जी.टी.आमले समेत पुलिस थाना पहुंचे तो उन्हें भी पुलिस स्टेशन से बाहर जाने कहा. इस प्रकार का बर्ताव कर वकिलों का अपमान एसपी कुमावत ने कर वकिलों के अधिकार पर गदा लाने जैसा है, ऐसा असोसिएशन का कहना है. पुलिस अधिकारी के इस कृत्य का निषेध करने के लिए गुरुवार 14 मार्च को सभी वकीलों ने कोर्ट का कामकाज दिन भर बंद रखकर निषेध किया. एक पुलिस अधिकारी का यह कृत्य दोषारोप के लिए जिम्मेदार होने से इस अधिकारी अधिकारी की जिला मुख्य न्यायाधीश, बार कौन्सिल ऑफ महाराष्ट्र अॅन्ड गोवा तथा गार्डियन जस्टीस बॉम्बे हाईकोर्ट नागपुर बेंच से शिकायत करेंगे, ऐसा वकील संघ ने ली पत्र-परिषद में बताया. फौजदारी धारा संहिता 41 ड के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को उनके चयन के वकील से मिलने का प्रावधान है. तथा धारा 50 अ सहिंता नुसार गिरफ्तार किए व्यक्ति को तुरंत उसके मित्र, रिश्तेदार, वकील को उनकी गिरफ्तारी की वजह व जानकारी देना कानून में अनिवार्य है, किंतु अॅडिशनल एसपी कुमावत ने इन दोनों फौजदारी धारा का उल्लंघन किया और इसके नुसार धारा 166 अ के तहत मामला दर्ज किया है. इसलिए वह दोषारोप के कारणीभूत है, ऐसा वकील संघ के अध्यक्ष व सदस्यों नेे जारी की विज्ञप्ति में कहा है.