अमरावती

बार मे एमआरपी की बजाय दोगुने दाम पर बिक रही शराब

एक्साइज विभाग और बार मालिक डाल रहे मदिरा प्रेमियो की जेब पर डाका

  • कलेक्टर के ‘होंम डिलीवरी ‘ आदेश को अंगूठा

  • अचलपुर एक्साइज विभाग के अधिकारियों की हफ्तखोरी

परतवाड़ा/अचलपुर दि.24 – यह एक कड़वा सच है कि राज्य सरकार को सर्वाधिक राजस्व की प्राप्ति मदिरा बिक्री से ही होती है.संकट की इस घड़ी में राज्य शासन की तिजोरी में आय भी जमा होती रहनी चाहिए इससे कोई भी इंकार नहीं करेंगा, लेकिन शासन चाहता क्या है और अधिकारी करते क्या है,इसका जीवंत उदारहण है बियर और वाइन बार से एमआरपी दाम पर शराब की घर पहुँच बिक्री का फरमान.कलेक्टर शैलेश नवाल ने बार से दारू बिक्री के आदेश क्या दिए बार मालिको और अचलपुर एक्साइज विभाग के अधिकारियों को तो महाराष्ट्र राज्य लॉटरी का पहला इनाम ही लग गया हो जैसे.अचलपुर एक्साइज विभाग बिलकुल मरघट की बगल में है इसलिए यहां कार्यरत निरीक्षक केडिया,धांडे और पूरे स्टाफ को इस बात से कोई लेना देना नही है कि कोरोना से कौन मरा और दारू पीकर कितने मर गए.इनकी आंखे रोजाना जाती हुई मय्यतो को देख देख कर पत्थर हो गई.अब सिर्फ इन्हें हफ्तखोरी में ही दिलचस्पी रहती है.तभी तो जुड़वाशहर में बार मालिक खुले आम एमआरपी की बजाय दोगुने तिगुने दाम पर शराब और बियर बेच रहे.यह सब केडिया,धांडे एंड कंपनी की छत्रछाया में निर्विघ्न हो रहा.दरअसल केडिया,धांडे ने बार मालिको के साथ मिलकर एक संघटित गिरोह तैयार कर लिया है.अब यह गिरोह रोजाना मदिरा प्राशन करते लोगो की जेब पर डाका डालने का कार्य कर रहा है.अचलपुर एक्साइज के खुले समर्थन से शराबियों के साथ छूट राहजनी की जा रही.कोई भी बार मालिक ,किसी भी प्रकार की होंम डिलीवरी नही दे रहा.बार मे से ही शराब बेची जा रही और  दोगुने पैसे देने के बाद भी यदि आपको बार मे ही बैठकर पीना है तो उसके लिए अतिरिक्त रुपये और भी देने पड़ रहे.कलेक्टर साहब यदि खुद के सूत्रों से मालूम करे तो अभी तक किसी एक व्यक्ति को भी घर पहुँच शराब नही दी गई.उलट बार मालिक और एक्साइज को ब्लैक मार्केटिंग का अघोषित लायसेंस मिल गया.शराब की कालाबाजारी के बारे में राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के अधीक्षक को भी सब मालूम है किंतु उन्हें भी उनके अथक परिश्रम का योग्य मुआवजा मिल रहा इस कारण वो भी चुप है.तेरी भी चुप मेरी भी चुप.बार से होंम डिलीवरी के नाम पर बेतहाशा लुटा जा रहा ग्राहकों को.न पीने का लाइसेंस जरूरी है और न ही सोशल डिस्टनसिंग, सिर्फ महात्मा गांधी के करारे चित्र लहराइये और मन माफिक दारू खुद ही अपने घर ले जाइए.
  • बार मालिक ताजा स्थिति में शराब की बिक्री कर रहे उसका ब्यौरा इस प्रकार है

180 रुपये एमआरपी की वाइट मिस चिप 300 रुपये में बेची जा रही.मैजिक मोमेंट 180 रुपये प्रिंट की 300 में,ब्लैक डॉग 500 की 800 रुपये में बिक्री,ब्लेंडर 340 एमआरपी की 600 रुपये,आरएस 200 की 300 में,आरसी 210 की 350 में और एमडी नंबर वन 150 की 300 रुपये में बेची जा रही है.बार मालिको के लिए कोई 11 बजे तक का निर्धारित समय भी नही है.अघोषित रूप से यह जीवनावश्यक सेवा से भी आगे अति जीवनावश्यक सेवा के माफिक 24 घंटे ग्राहकों को शराब आपूर्ति कर रहे.

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