अमरावती

हर ओर बस्स… पानी ही पानी…

सभी कर रहे त्राहीमाम्

* बाढ व बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त
* विद्युत आपूर्ति व जलापूर्ति भी प्रभावित
* कई स्थानों पर विद्युत पोल टूटे, जलवाहिनी फूटी
अमरावती/दि.20- बीते चार दिनों से समूचे जिले में हर ओर झमाझम और मूसलाधार बारिश हो रही है. जिससे कई इलाकों में बाढ और जलजमाववाली स्थिति लगातार बनी हुई है. बाढ और बारिश का पानी लोगों के घरों, दुकानों व खेतों में घुसा हुआ है. जिससे जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है और लोगबाग अब त्राहीमाम् करने लगे है. इस समय नदी-नालों में रहनेवाले पानी के तेज बहाव की वजह से कई स्थानों पर जमीन का कटाव हुआ है. साथ ही पानी के तेज बहाव की वजह से विद्युत पोल व जलवाहिनी को भी नुकसान पहुंचा है. जिसकी वजह से जिले में कई स्थानों पर अब जलापूर्ति व बिजली की आपूर्ति ठप्प हो गई है. ऐसे में जहां एक ओर आसमान से बरसता और जमीन पर जमा पानी की वजह से मुश्किलें पैदा हुई है. वहीं जलापूर्ति व विद्युत आपूर्ति ठप्प हो जाने की वजह से वे मुश्किलें और भी अधिक बढ गई है.
बता दें कि, इस समय जिले के कई तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ आयी हुई है और रिहायशी इलाकों सहित खेतों में पानी भरा हुआ है. साथ ही साथ नदी-नालों में आयी बाढ के चलते पानी का बहाव भी काफी तेज है. इसके अलावा तेज आंधी-तूफान का भी माहौल है और आसमान में बिजली की तेज गडगडाहटें भी हो रही है. ऐसे में कई स्थानों पर विद्युत पोल का नुकसान हुआ है और कुछ स्थानों पर विद्युत डीपी पानी में डूबने के साथ-साथ विद्युत तार भी टूटे है. इसके अलावा कई स्थानों पर पानी के तेज बहाव की वजह से जलवाहिनियां भी क्षतिग्रस्त हुई है. जिसकी वजह से कई ग्रामीण इलाकों में जलापूर्ति का काम भी बाधित हुआ है.

* येवदा में घुसा शहानूर का पानी, जलवाहिनी बही
– 36 गांवों की जलापूर्ति ठप्प, जनजीवन अस्त-व्यस्त
दर्यापुर तहसील अंतर्गत येवदा गांव में शहानूर नदी की बाढ का पानी घूस जाने की वजह से पूरा गांव जलमग्न हो गया और गांव के पेठपुरा व खाटिकपुरा जैसे इलाकों में रहनेवाले लोगोें के घरों व दुकानों का साजो-सामान बाढ के पानी में बह गया. इसके साथ ही गांव से होकर गुजरनेवाले लेंडी नाले में भी बाढ आ गई. ऐसे में नाले के आसपास रहनेवाले सभी लोगों को सावधान व सतर्क रहने के लिए अलर्ट जारी किया गया. गांव की विद्युत डीपी भी बाढ के पानी में डूब जाने की वजह से इस गांव की विद्युत आपूर्ति को बंद कर दिया गया. वहीं शहानूर नदी के पास स्थित जलवाहिनी की पाईपलाईन पानी के तेज बहाव की वजह से फूट गई. ऐसे में येवदा गांव सहित आसपास के 36 गांवों की जलापूर्ति ठप्प हो गई. जिसके चलते पूरा परिसर बिजली और पानी की सुविधा से वंचित हो गया है. यद्यपि गांव में चारों ओर पानी ही पानी है, लेकिन लोगबाग पीने के लिए दो घूट साफ-सुथरे पानी की सुविधा से वंचित हो गये है. जिससे लोगों को काफी तकलीफों व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.
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* बाढ प्रभावित क्षेत्रों का तत्काल सर्वे कर नुकसान भरपाई दें
– पूर्व पालकमंत्री पोटे ने उठाई मांग
– जिलाधीश के जरिये सीएम व डेप्यूटी सीएम को भेजा पत्र
इस समय जिले में कई स्थानों पर अतिवृष्टि हुई है और बाढ व बारिश की वजह से कई स्थानों पर घरों व खेती-किसानी का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. ऐसे में बाढ प्रभावित क्षेत्रों का जल्द से जल्द सर्वेक्षण करते हुए प्रभावितों को नुकसान भरपाई का मुआवजा दिया जाना चाहिए. इस आशय की मांग पूर्व पालकमंत्री व विधायक प्रवीण पोटे पाटील ने जिलाधीश के जरिये मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजे गये पत्र में की है.
अपने इस पत्र में पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने कहा कि, जिले की लगभग सभी तहसीलों में मूसलाधार बारिश और बाढ की वजह से खरीफ फसलें बर्बाद हुई है. जमीन का कटाव होने की वजह से रास्ते बह गये है और मकानों व दुकानों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. जिससे आम लोगों को काफी परेशानियों व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. ऐसे में बाढ प्रभावितों को जल्द से जल्द सरकारी सहायता प्रदान की जानी चाहिए. जिसके लिए सर्वे का काम गांव एवं तहसील स्तर पर तुरंत ही शुरू करते हुए नुकसान की तहसीलनिहाय रिपोर्ट बनायी जानी चाहिए और इस रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा सरकार को अपनी सहायता मिलने हेतु प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए. साथ ही सरकार द्वारा भी इस रिपोर्ट के आधार पर जल्द से जल्द सहायता राशि उपलब्ध करायी जानी चाहिए, ताकि बाढ प्रभावितों को जल्द से जल्द सहायता राशि उपलब्ध करायी जा सके.

सापन नदी की बाढ में बही जलवाहिनी
* अचलपुर व परतवाडा की जलापूर्ति खंडित
उधर अचलपुर व परतवाडा शहर को जलापूर्ति करनेवाली मुख्य पाईप लाईन धोतरखेडा के निकट सापन नदी की बाढ में बह गई. पानी के तेज बहाव में इस जलवाहिनी के बह जाने की वजह से अचलपुर व परतवाडा शहर की जलापूर्ति खंडित हो गई है. यह स्थिति अगले चार दिनों तक ऐसे ही बनी रहेगी.
बता दें कि, अचलपुर व परतवाडा शहर को जलापूर्ति करनेवाली पाईपलाईन देवगांव के पास स्थित धामणगांव गढी-धोतरखेडा मार्ग से होते हुए जुडवां शहर तक पहुंचती है और धोतरखेडा में यह पाईपलाईन सापन नदी के जलपात्र के एक छोर से दूसरे छोर के बीच डाली गई है, जो तकनीकी रूप से पूरी तरह गलत है. नदी के जलपात्र में डाली गई यह जलवाहिनी नदी में आयी बाढ की वजह से पानी के तेज बहाव को बर्दाश्त नहीं कर पायी और फूटकर पानी में बह गई. इस समय जलवाहिनी की पाईपलाईन के कई टुकडे सिपना नदी के जलपात्र में इधर-उधर बिखरे दिखाई दे रहे है. इस पाईपलाईन के फूटने की जानकारी मिलते ही अचलपुर नगर पालिका के प्रशासक संदीपकुमार अपार, पालिका मुख्याधिकारी राजेंद्र हाथले के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल से ही एक वीडियो संदेश जारी करते हुए नागरिकों को इसकी जानकारी दी. जिसमें उन्होंने अगले चार दिनों तक शहर की जलापूर्ति बंद रहने की बात कही.

* 29 माह से अटका है पुल और जलापूर्ति का काम
शहर के बीचोंबीच अंजनगांव-बहिरम-बैतुल राष्ट्रीय महामार्ग पर सफेद पुलिया का काम करना प्रस्तावित है. इसी पुल से होकर शहर को जलापूर्ति करनेवाली मुख्य पाईपलाईन भी गुजरती है. जिसे पूल का काम शुरू करने हेतु कहीं अन्यत्र स्थलांतरित करना है. लेकिन विगत 29 माह से अचलपुर नगर पालिका इस काम के लिए मुहूर्त ही नहीं निकाल पायी है. ऐसे में जलवाहिनी नहीं हटाये जाने की वजह से पुल का काम भी अधर में अटका पडा है. वहीं सापन नदी के जलपात्र से होकर डाली गई पाईप लाईन को लेकर भी विगत लंबे समय से आपत्ति दर्ज करायी जाती रही. लेकिन इस ओर भी प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया.

* पानी के तेज बहाव से काम करने में दिक्कतें
इस समय सापन नदी में बाढ आयी हुई है, क्योंकि नदी पर बनाये गये बांध के चारों दरवाजों को 30 सेंटीमीटर तक खोल दिया गया है. ऐसे में नदी में पानी का बहाव काफी तेज रहने के चलते जलापूर्ति करनेवाली पाईपलाईन को दुबारा जोडने में काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

बेंबला व मिलमिली नदी में बाढ
* चांदूर रेल्वे में हर ओर पानी ही पानी
लगातार हो रही बारिश की वजह से चांदूर रेल्वे तहसील के येरड गांव से होकर बहनेवाली बेंबला व मिलमिली नदी में बाढ आयी हुई है और बाढ का पानी रिहायशी इलाकों सहित खेतों में जा घुसा है. जिससे खरीफ फसलों के बर्बाद होने का खतरा मंडरा रहा है. इसके अलावा तेज बारिश और आंधी-तूफान को देखते हुए गांव में विद्युत आपूर्ति को भी खंडित कर दिया गया है.
बता दें कि, येरड गांव से होकर बेंबला व मिलमिली ये दो नदियां गुजरती है, जिनका गांव से थोडा ही आगे संगम होता है. विगत कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से दोनों नदियों में बाढ आयी हुई है और रविवार की शाम से शुरू हुई मूसलाधार बारिश की वजह से इन दोनोें नदियों का जलस्तर और भी अधिक बढ गया है. जिसके चलते येरड गांव सहित आसपास के कई गांवों के रिहायशी इलाकों व खेतों में जलजमाव की स्थिति बन गई है.

* बग्गी के लेंडी नाले में भी बाढ
– चांदूरखेडा में भी हर ओर जलजमाव
चांदूर रेल्वे तहसील के बग्गी गांव से होकर बहनेवाले लेंडी नाले में बाढ आयी हुई है. यह नाला गांव के बीच से होकर गुजरता है. ऐसे में गांव में हर ओर बाढ का पानी जा घुसा है. इसी नाले की वजह से सन 1994 में भी इस गांव में प्रलंयकारी बाढ आयी थी. इसके अलावा चांदूरखेडा से होकर गुजरनेवाले नाले में भी बाढ रहने की वजह से हर ओर जलजमाववाली स्थिति है.

* मोर्शी की चारगढ नदी में बाढ से पांच गांव बाधित
– लाडकी, खोपडा व बोडना गांव में भारी नुकसान
मोर्शी तहसील से होकर बहनेवाली चारगड नदी में बाढ आने की वजह से नदी के किनारे बसे लाडकी (बु.), खोपडा, बोडना, पोरगव्हाण तथा येवती गांवों का संपर्क अन्य इलाकों से टूट गया. साथ यह सभी परिसर बाढ के पानी में घिर जाने की वजह से इन गांवों के रिहायशी इलाकों व खेतों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. मोर्शी के तहसीलदार सागर ढवले ने इस बात का पता चलते ही अपने अधिनस्थ अधिकारियों के साथ बाढ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया तथा बाढ में फंसे कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थलांतरित किया गया.
चारगड नदी के साथ ही मोर्शी तहसील से होकर बहनेवाली दमयंती व नला नदी में भी बाढ आयी हुई है. जिसके चलते मोर्शी शहर के पेठपुरा व मच्छीपुरा परिसर सहित सुलतानपुरा व आठवडी बाजार परिसर में बाढ का पानी जा घुसा.

* नांदगांव खंडे. में बाढ व बारिश से भारी नुकसान
– नदी-नालोें के किनारे स्थित खेतों की जमीन बही
नांदगांव खंडेश्वर तहसील क्षेत्र में रविवार की रात 8 बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के चलते क्षेत्र से होकर गुजरनेवाली बेंबला नदी सहित सभी छोटे-बडे नालों में बाढ आ गई और रास्तों पर बने पूल बाढ के पानी में डूब गये. सडकों पर पानी का तेज बहाव और जलजमाव रहने की वजह से जहां एक ओर आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित हुई, वहीं बाढ व बारिश का पानी मकानोें व दुकानों सहित खेतों में घुस जाने की वजह से भी काफी नुकसान हुआ और पूरे परिसर में आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ. इसके अलावा नदी-नालों में पानी का बहाव काफी तेज रहने के चलते किनारों पर स्थित खेतों की जमीन बाढ के पानी में बह गई.

बाढ व बारिश से बुआई रूकी
* सैंकडों हेक्टेयर क्षेत्र में फसले पानी में डूबी
जारी जुलाई माह के प्रारंभ में संतोषजनक बारिश का दौर शुरू होने के साथ ही जिले में हर ओर खरीफ फसलों की बुआई का सिलसिला शुरू हो गया था और अब तक 5 लाख 91 हजार 300 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है, जो कुल बुआई क्षेत्र की तुलना में 84.6 फीसद है. वही अब भी करीब 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई होना बाकी है. लेकिन विगत एक सप्ताह से लगातार चल रही झमाझम बारिश की वजह से बुआई का काम रूका हुआ है. वहीं जिन स्थानों पर इससे पहले बुआई हो चुकी थी, वहां खेतों में बाढ व बारिश का पानी घुस जाने और पिछले एक सप्ताह से खेतो में जलजमाव की स्थिति बने रहने की वजह से बुआई के बर्बाद होने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में बहुत संभावना है कि, जिले के बाढ प्रभावित क्षेत्रों में दुबारा बुआई करनी पड सकती है. यदि जारी सप्ताह में मौसम थोडा खुल जाता है, और बारिश से राहत मिलती है, तो बुआई संबंधी कामों को थोडी-बहुत गति मिल सकती है. लेकिन यदि जारी सप्ताह में भी बारिश का दौर ऐसे ही चलता रहेगा, तो बुआई संबंधी कामों के आगे लटकने का खतरा पैदा होगा.

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