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पहली ही मीटिंग में बिफरे बावनकुले

सीएस और नगर रचना के अलोने पर गाज

* 600 करोड की बनाएं जिला विकास योजना
* फंड का पूरा उपयोग करने के कडे निर्देश
* कलेक्टर और सभी अफसरान को स्पष्ट हिदायतें
* मेलघाट के लिए जल्द दोबारा आएंगे
अमरावती/दि.31-पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने पहली ही गेंद पर मानों सिक्सर के अंदाज में बडे ही आक्रामक रूख में जिला नियोजन समिति की बैठक में बैटिंग की. उन्होंने कलेक्टर से लेकर सभी अधिकारियों के एक अंदाज में मानों कान उमेठे कि उनके अमरावती आते ही घंटे भर में यहां उन्हें 350 निवेदन प्राप्त होते हैं. फिर यहां का अधिकारी वर्ग कर क्या रहा है? जनता की किसी भी समस्या, शिकायत के निवारण के लिए अधिकारियों को अधिकाधिक समय तक उपलब्ध रहने के निर्देश उन्होंने दिए. प्रदेश में राजस्व महकमा संभाल रहे बावनकुले ने सभी विभाग प्रमुखों और बडे अधिकारियों से स्पष्ट लहजे में कहा कि, जनता के काम तत्परता से होने चाहिए. फिर वह बिजली की समस्या हो या पानी की. बावनकुले ने स्पष्ट कर दिया कि, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के काम उनके अजेंडा में सबसे उपर रहेंगे. एक सडक कम बनी तो चलेगा, लेकिन मरीज को तत्पर स्वास्थ्य सेवा और बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने पर उनका ध्यान रहेगा. पालकमंत्री ने यह कहते हुए शिक्षा मद में डीपीसी के बचे संपूर्ण 16 करोड मनपा को उसकी शालाओं के डिजिटायजेशन हेतु देने के निर्देश कलेक्टर को दिए.
जिला नियोजन भवन में डीपीसी की अपनी पहली बैठक में पालकमंत्री का कडा रवैया देखकर मौजूद सभी अफसरान की सीट्टी-पिट्टी गुम हो गई थी. मंच पर जिलाधीश और संभागीय आयुक्त का पद संभाल रहे सौरभ कटियार, मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे, जिला परिषद सीईओ संजीता मोहपात्रा, सीपी रेड्डी, एसपी विशाल आनंद, नियोजन अधिकारी मस्के, और अन्य अधिकारी विराजमान थे तो सामने डीपीसी के पदेन सदस्य सांसद बलवंत वानखडे, विधायक सर्वश्री रवि राणा, प्रताप अडसड, उमेश यावलकर, प्रवीण तायडे, राजेश वानखडे, केवलराम काले, श्रीमती सुलभा खोडके, गजानन लवटे, आदि के साथ अन्य विराजमान थे. सवालों की झडी लगा रहे थे.
* सीएस और अलोने नपे
बैठक में विविध विभागों और विषयों के प्रस्तावों और प्रत्यक्ष खर्च का जायजा लेने पश्चात पालकमंत्री बावनकुले ने स्वास्थ्य विभाग की अखर्चित नियोजित राशि को लेकर जिला शल्य चिकित्सक डॉ. सौंदले की कार्यप्रणाली को आडे हाथ लिया. उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य जैसी सेवाओं का फंड रोका ही नहीं जाना चाहिए. हर हाल में संपूर्ण राशि खर्च होनी चाहिए. इसके बाद नगर रचना विभाग के सुमित अलोने का नंबर आया. उन्हें भी पालकमंत्री ने डांट पिलायी. इतने पर ही नहीं रुके बल्कि उनकी विभागीय जांच और एक्शन के निर्देश कलेक्टर कटियार को दिए.
* मंत्रालय में फोन
चंद्रशेखर बावनकुले ने अनेक विभागों की समस्या और शिकायतों को लेकर नियोजन भवन से दो-तीन बार सीधे मंत्रालय और संबंधित मंत्री व प्रधान सचिव को फोन लगा दिए. उन्हें निर्देश दिए. विभाग संबंधी समस्याओं के तत्काल निपटारे के लिए कहा. वन मंत्री गणेश नाईक को फोन मिलाकर बावनकुले ने अमरावती के वन अधिकारियों की जांच कर कडे एक्शन लेने कह दिया. पालकमंत्री ने मेलघाट के दुर्गम भागों में बिजली योेजनाओं, उपकेेंद्रों में वन विभाग की आडे आ रही शर्तों और बाधाओं को दूर करने कहा. बावनकुले ने स्पष्ट कहा कि, हर हाल में मेलघाट का प्रत्येक भाग उजियारा करना है.
* 600 करोड की बनाए विकास योजना
अमरावती जैसे संभाग मुख्यालय जिले की विकास योजना 417 करोड की बनाई गई है, इसे बढाकर 600 करोड तक प्रावधान करने और आगामी सोमवार 3 फरवरी को संभावित प्रदेश के वित्त मंत्री अजीत पवार की बैठक से मंजूर करवाने के निर्देश भी पालकमंत्री ने दिए. उन्होंने कहा कि, अमरावती का विकास तेजी से करने पर उनका जोर है. इसलिए वे बारंबार अमरावती आएंगे. मेलघाट के लिए तो विशेष दौरा और बैठकें करेंगे.
* टोटल भी करते नहीं आती
बावनकुले अनेक बातों से खफा दिखाई दिए. उन्होंने अमरावती जिले के अधिकारियों को टोटल करनी नहीं आती, इस प्रकार का दावा कर डीपीसी की अखर्चित 123 करोड की राशि का विकास कार्यों हेतु अगले सात दिनों में प्रावधान करने और वर्क ऑर्डर जारी करने के निर्देश दिए. उल्लेखनीय है कि, बैठक में विधायक सुलभा खोडके, रवि राणा, केवलराम काले, तथा सांसद वानखडे ने अनेक मुद्दे उपस्थित किए. जिन पर पालकमंत्री ने अफसरान को आडे हाथ लिया.

मनपा की नई इमारत का प्रारूप
विधायक रवि राणा ने महापालिका की ब्रिटिशकालीन इमारत रहने का उल्लेख कर सभी विभागों के कार्यालय एकही जगह स्थापित होने के लिए भव्य भवन की आवश्यकता बतलाई. उन्होंने 200 करोड के भवन का नियोजन करने की मांग रखी. जिस पर पालकमंत्री ने तत्काल आयुक्त कलंत्रे को अच्छे वास्तु विशारद से डिजाइन और डीपीआर बनवाने के निर्देश दिए. जिससे स्पष्ट हो गया कि, आने वाले समय में महापालिका की उसी जगह पर भव्य इमारत साकार हो सकती है.

सभी शालाएं बनाओ शानदार
महापालिका की सभी शालाएं डिजिटाइज करने के निर्देश भी पालकमंत्री ने आयुक्त कलंत्रे को दिए. उन्होंने कहा कि, अच्छे से अच्छी डिजिटल शाला का स्वयं अवलोकन कर आए और बेहतर डिजाइन के साथ मनपा की शालाएं बनाने का काम शुरु करें. पालकमंत्री ने शिक्षा हेड के शेष 16 करोड का हाथोंहाथ मनपा को आवंटन कर देने के निर्देश दिए. उन्होंने वडाली क्षेत्र में रामवाटिका के फंड के मंजूरी के बाद भी काम शुरु नहीं होने पर गुस्सा जाहिर किया. अफसरान को तत्काल वर्क ऑर्डर जारी करने और अब समयसीमा में काम पूर्ण करने के निर्देश दिए. समाचार लिखे जाने तक डीपीसी की बैठक जारी थी.

 

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