नए ग्रापं सदस्यों की वजह से बाजार समिति चुनाव में पेंच
पद पर नहीें रहने वाले सदस्यों को मताधिकार कैसे
अमरावती/दि.20- बाजार समिति चुनाव के लिए संकटों का सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ हैं. 23 दिसंबर का चुनावी कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही करीब 18 याचिकाएं नागपुर उच्च न्यायालय में दायर हो चुकी है. पद पर नहीं रहने वाले ग्राप सदस्यों को मताधिकार रहने के चलते मंगलवार को चुनकर आनेवाले नवनिर्वाचित सदस्यों का हक मारा जा रहा है, यह बात अदालत के ध्यान में लाई जा रही हैं.
बता दें कि इस समय जिले में अमरावती, दर्यापुर, अंजनगांव सुर्जी, अचलपुर, मोर्शी, वरुड, चांदूर बाजार, चांदूर रेलवे, नांदगांव खंडेश्वर व धामणगांव की फसल मंडियों में बाजार समितियोें के चुनाव की प्रक्रिया श्ाुरु है. जिसके तहत विगत 7 दिसंबर को जिला उपनिबंधक व निर्वाचन निर्णय अधिकारी ने अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की. ग्राम पंचायत निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में ग्राम पंचायत के पुराने व भूतपूर्व हो चुके सदस्यों के नाम है, ऐसे में मतदाता सूची में नाम रहने के चलते उन्हीं भूतपूर्व सदस्यों को मतदान करने का अधिकार रहेगा. जबकि अब जिले की 257 ग्राम पंचायतों के आम चुनाव हो चुके हैं. जिसके चलते 258 सरपंचों का सीधा एवं 2097 सदस्यों का मतदाताओं के जरिए निर्वाचन हो चुका हैं. परंतु इन सदस्यों को मतदान करने का अधिकार नहीं रहेगा और वे फसल मंडी चुनाव में प्रत्याशी भी नहीं बन सकेंगे. जिसे लेकर निर्वाचितों में अच्छी खासी नाराजगी है. यही वजह है कि ऐसे सदस्यों की ओर से नागपुर हाईकोर्ट में 18 याचिकाएं दायर की गई हैं और अब अदालती फैसले की ओर सहकार विभाग का ध्यान लगा हुआ हैं.
* कल नागपुर खंडपीठ में सुनवाई
मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दायर याचिकाओं का कल बुधवार 21 दिसंबर को सुनवाई होनी हैं. जिसके बाद अदालती निर्देशों के अनुसार 22 दिसंबर को राज्य सहकार प्राधिकरण व्दारा बाजार समितियों के नाम आदेश जारी किया जा सकता है, ऐसा होने पर 23 दिसंबर को घोषित होने वाले चुनावी कार्यक्रम के प्रभावित होने की पूरी संभावना है.
*किसान उम्मीदवारी को लेकर अनिश्चितता
10 गूंठे कृषिभूमि रहने वाले किसान को बाजार समिति ने प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने का अवसर देने के संदर्भ में सरकार व्दारा घोषणा की गई हैं. लेकिन 23 दिसंबर को निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा होना है और अब तक मंत्रिमंडल व्दारा इसे लेकर सहकार एवं पणन कानून ने कोई सुधार नहीं किया गया हैं. जिसके चलते यह तय है कि, फसल मंडी के चुनाव प्रचलित पद्धति से ही होंगे.
10 बाजार समितियों के लिए 23 दिसंबर को चुनावी कार्यक्रम घोषत होना हैं. जिसे लेकर जारी आदेशों के अनुसार सभी कार्य पूरे किए जाएंगे.
– महेंद्र चव्हाण,
जिला उपनिबंधक