अमरावती प्रतिनिधि/दि.२ – प्रतिवर्ष १ नवंबर को विश्व शाकाहारी दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का प्रमुख उद्देश्य शाकाहार भोजन में लोगों की रूचि को बढाना और उसके साथ पर्यावरण की रक्षा को प्रोत्साहित करना है. लेकिन दुनिया समेत अपने आसपास भी ‘नॉन वेज‘ का फैड अधिक है. युवा वर्ग मांसाहार की ओर अधिक आकर्षित होता है. इसके बावजूद शाकाहार का अपना अस्तित्व कायम है. अनेक लोग शाकाहार में विश्वास रखते हैं और वे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से शाकाहार को प्रोत्साहित करते हैं. पूरी दुनिया में शाकाहारी भोजन के तौर-तरीके बढ रहे हैं. शाकाहारी खान- पान काफी पसंद भी किया जा रहा है, हालांकि दुनिया में केवल आठ प्रतिशत आबादी ही शाकाहारी है, जबकि भारत में लगभग ३१ प्रतिशत लोग शाकाहारी होने की जानकारी विभिन्न सर्वेक्षणों में पायी गयी है. शाकाहार में सब्जियों, फलों और अनाज का सेवन किया जाता है. जिससे प्राकृतिक रूप से ही शरीर में बननेवाले इंसुलिन को कम करने में मदद मिलती है. इस वजह से शाकाहारी खाना खाने से डायबिटीज टाइप २ में राहत मिलती है. जिसमें मखाने, जामुन और करेला आदि अहम भुमिका निभाते है. शाकाहारी भोजन से वजन कम करने में मदद मिलती है. अगर आप रोजाना दिन में तीन-चार बार थोडा-थोडा फल, सब्जियां अनाज और सूखे मेवे का संतुलित मात्रा में सेवन करते है, तो इससे आप कुछ ही दिनोें में अपने बढते वजन को नियंत्रित करते हुए कम कर सकते है.
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दिल की बीमारियों में कारगर
दिल से जुडी बीमारियों में शाकाहारी भोजन बहुत कारगर होता है. नियमित फल और सब्जियों का सेवन करने से शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है. साथ ही गुड कोलेस्ट्रॉल बढाने में मदद मिलती है. जिससे दिल पर ए्नस्ट्रा दबाव नहीं पडता है. आज के दौर में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होना बेहद कॉमन है. ऐसे में अगर आप प्याज, लहसुन और अन्य शाकाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन नियमित रूप से करते हैं, तो इससे बिना किसी तरह की दवाई के भी अपने रक्तचाप को सामान्य बना सकते है. शाहाकारी भोजन पेट से जुडे रोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित होता है, क्योंकि ये मांसाहार की तुलना में पचाने में बेहद आसान होता है.
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मानसिक सेहत के लिए भी लाभकारी
संपूर्ण संतुलित आहार शाकाहार में ही मिलता हैं. उसी प्रकार मानसिक सेहत के लिए भी शाकाहार सर्वोत्तम है. मांसाहार से तामस वृत्ती में वृध्दि होती है. जबकि शाकाहारियों में दया, करूणा का भाव अधिक होता है. जो मानसिक सेहत में महत्वपूर्ण होता है. अध्यात्मिक दृष्टि से भी शाकाहार को महत्व है. मानव की रचना भी शाकाहार के मुताबिक ही बनी है. – डॉ. आशीष साबू, सचिव, आयएमए
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एकाग्रता और बढता है जीवन
शाकाहारी रहने का सबसे बडा फायदा यह है कि शाकाहारी रहने से एकाग्रता और जीवन बढता है. विचार शक्ति में भी बदलाव हो सकता है.क्योंकि पहले के ऋषिमुनि संत महंतों शाकाहारी थे. इसलिए वर्षों तक जीवित रहते थे. इसलिए आयुर्वेद में भी शाकाहारी जीवन का भी महत्व है. – डॉ. कालिंदी जोशी