प्रतिनिधि/दि.२९
अमरावती-शहर में इन दिनों कोरोना का संक्रमण लगातार बढ रहा है और विभिन्न उपाययोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी मनपा प्रशासन पर है. ऐसे में यदि मनपा कर्मचारियों द्वारा काम बंद आंदोलन किया जाता है तो, ऐसे कर्मचारियों को ब्नक्षा नहीं जायेगा. इस आशय की चेतावनी मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे द्वारा दी गई है. बता दें कि, मंगलवार से मनपा कर्मचारियों ने अपनी प्रलंबित मांगों के लिए आंदोलन का आवाहन किया है और आंदोलन के पहले दिन मनपा कर्मचारियों ने काले फीतें लगाकर काम किया. इस संदर्भ में मनपा आयुक्त ने आंदोलनकारी कर्मचारियों को जमकर आडे हाथ लेते हुए कहा कि, अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का दावा करनेवाले कर्मचारी खुद से यह सवाल पूछे कि, जिस संस्था के लिए वे काम कर रहे है, उस संस्था के लिए उनका क्या योगदान है. उन्होंने कहा कि, खुद मनपा कर्मचारियों की वजह से ही उनकी मांगे प्रलंबित है. मनपा कर्मचारियों की सेवा जेष्ठता सूची तैयार करने का आदेश दिये हुए एक माह बीत चुका है. किंतु अब तक यह सूची तैयार नहीं की गई. ऐसे में खुद आयुक्त द्वारा बैठकर तो यह सूची तैयार नहीं की जा सकती है. अत: आंदोलन का झंडा उठानेवाले कर्मचारी नेताओं ने पहले खुद इमानदारी से काम करना चाहिए और स्वास्थ्य को लेकर उपजे आपात स्थिति में काम बंद कर शहर के लिए दिक्कत नहीं पैदा करनी चाहिए. किंतु यदि इसके बावजूद ऐसा होता है तो संबंधित कर्मचारियों को ब्नशा नहीं जायेगा. वहीं दूसरी ओर आंदोलन करने पर अडे मनपा कर्मियों का कहना है कि, सभी कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद केवल मनपा की सेवा में रहनेवाले शिक्षकों को ही सातवां वेतन आयोग लागू किया गया है, जबकि शिक्षक इस समय अपने घर में बैठे है. वहीं कोरोना संक्रमण काल के दौरान फिल्ड पर काम करनेवाले लोगों को सातवे वेतन आयोग की सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा.