अमरावतीमहाराष्ट्र

मानसून में सर्पदंश से रहे सावधान

सर्पमित्रो का आवाहन

* एक साल में 2142 सर्पदंश की घटना, 6 लोगों की मौत
अमरावती/दि.17– मानसून शुरु हो गया है. इस कारण नागरी बस्ती परिसर में सांप दिखाई देने का प्रमाण बढता है. इस अवधि में अनेक जाति के सापों का प्रजनन समय रहता है. साथ ही साप रहनेवाले बिलो में बारिश, नदी, नालो का पानी जाता है. इस कारण छिपने के लिए सुरक्षित जगह की तलाश में सांप जून से अगस्त की कालावधि में नागरी बस्ती के आसपास दिखाई देते है. इन दिनों में नागरिकों को सर्पदंश बचाव करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित सर्पमित्रो ने सावधानी बरतने का आवाहन किया है.
जिले में गत वर्ष सर्पदंश की 2142 घटना घटित हुई थी. इसमें 6 लोगों की मृत्यु हो गई थी. इस बार के मानसून में स्वास्थ्य विभाग के जरिए जिला शासकीय अस्पताल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर सर्पदंश प्रतिबंधक टीका भरपूर संख्या में उपलब्ध रखा गया है. औसतन 15 से 25 टीके का प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में भंडार किया गया है. जिला अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक 14 तहसीलों के 58 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर टीके का भंडार रखा गया है. मेलघाट, अचलपुर, अंजनगांव सुर्जी, चांदुर बाजार आदि क्षेत्र में मानसून में सर्पदंश होने का प्रमाण सर्वाधिक है.

* एक साल के सर्पदंश मरीज
जिला अस्पताल में 1142, अंजनगांव सुर्जी 29, भातकुली 9, चांदुर बाजार 66, चांदुर रेलवे 33, चिखलदरा 4, चुरणी 283, धामणगांव रेलवे 22, नांदगांव खंडेश्वर 39, वरुड 80, अचलपुर 168, दर्यापुर 48, धारणी 103, मोर्शी 85 और तिवसा तहसील में 31 ऐसे कुल 2142 नागरिको को गतवर्ष सर्पदंश हुआ है.

* अंधश्रद्धा के शिकार न हो
सर्पदंश होने पर जहर मुंह से खिंचकर न निकाले. सर्पदंश की जगह पर चीरा भी न मारे. किसी भूमका अथवा बाबा के पास न जाए. सांप तलाशने अथवा मारने में समय भी न गंवाए. तत्काल अस्पताल में भर्ती करें. साथ ही सांप दिखाई देने पर सर्पमित्र की सहायता ले.
– नीलेश कंचनपुरे
सर्पमित्र, अमरावती.

* सर्पदंश होने पर यह करे
शांत रहे और परिस्थिति पर नियंत्रण रखे, मरीज को मानसिक आधार दे, किस तरह का सांप कांटा इस ओर ध्यान दे. हाथ में अथवा पैर में सुजन आने पर मरीज को हलचल न करने दे. आवश्यकता रही तो ही उसे चलने दे, न्यूरोटॉक्सीक जहर रहनेवाला सांप कांटा तो काटी जगह पर स्प्लिंट बांधकर स्थिर करे. समय न गवाते हुए अस्पताल जाए, सर्पदंश का समय ध्यान रखे. मरीज के लक्षण की तरफ भी ध्यान रखे. डॉक्टरो को विस्तृत जानकारी दे.

Related Articles

Back to top button