* गिट्टी बोल्डर के ट्रकों पर नियंत्रण जरुरी
* राजापेठ व फ्रेजरपुरा थाना क्षेत्र में खुलेआम होता है नो एन्ट्री का उल्लंघन
अमरावती/दि.6– स्थानीय पुरानी बियानी चौक पर एक तेज रफ्तार ट्रक द्वारा सहायक महिला पुलिस निरीक्षक को कुचल दिए जाने की घटना बीते दिनों घटित हुई थी. जिसके चलते शहर में एक बार फिर भारी वाहनों की आवाजाही का मुद्दा चर्चा में है. साथ ही गिट्टी, बोल्डर, रेती, मुरुम, मलबा व डांबर की ढुलाई करने वाले भारी वाहनों की आवाजाही पर अंकुश लगाए जाने की जरुरत महसूस हो रही है. जिसके चलते शहर पुलिस द्वारा अपनी ही अधिसूचना पर कडाई से अमल किया जाए तथा यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले ट्रकों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग अमरावतीवासियों द्वारा उठाई जा रही है.
उल्लेखनीय है कि, राजापेठ पुलिस थाने में कार्यरत सहायक पुलिस निरीक्षक प्रियंका कोठावार को विगत माह पुरानी बियानी चौक पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी थी और इस हादसे में एपीआई प्रियंका कोठावार को अपना एक पांव हमेशा के लिए गवा देना पडा था. उस समय से राजापेठ व फ्रेजरपुरा पुलिस थाना क्षेत्र में रोजाना सुबह के वक्त सडकों पर तेज रफ्तार ढंग से दौडते गिट्टी बोल्डर वाले ट्रकों की रफ्तार और उनके शहर में प्रवेश पर अंकुश लगाए जाने की मांग जोर पकड रही है.
* सुबह 10 के बाद शहर में भारी वाहनों को ‘नो एन्ट्री’
बता दें कि, सुबह 6 से 8 बजे तक, सुबह10 से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 4 से रात 9 बजे तक अमरावती शहर में गिट्टी, बोल्डर, रेती, मुरुम, मलबा व डांबर की ढुलाई करने वाले वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध है.
* सुबह के वक्त सभी रास्तों पर फर्राटा भरते है भारी वाहन
नो एंट्री को लेकर जारी अंतिम अधिसूचना में अलग-अलग रास्तों का प्रयोग करने तथा शहर में प्रवेश हेतु अनुमति रहने अथवा नहीं रहने का स्पष्ट उल्लेख है. परंतु कई रास्तों पर अधिसूचना में उल्लेखित समय की अनदेखी करते हुए भारी वाहनों द्वारा माल ढुलाई की जाती है. साथ ही जल्दी निकलने की हडबडी में इन वाहनों को तेज रफ्तार ढंग से दौडाया जाता है. साथ ही साथ पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अलग-अलग रास्तों का पर्याय भी खोजा जाता है. जिसके चलते आए दिन किसी ना किसी रास्ते पर सडक हादसा घटित होने की संभावना बनी रहती है.
* शहर में भी 80-90 की रफ्तार
शहर में भारी वाहनों के लिए 20 से 30 किमी प्रतिघंटा की अधिकतम वेग मर्यादा तय है. लेकिन इसके बावजूद ऐसे वाहन 80 से 90 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से फर्राटा भरते है.
* छोटे वाहनों व राहगिरों के लिए खतरा
शहर की सडकों पर अधिकतम गति सीमा का उल्लंघन करते हुए दौडने वाले इन भारी वाहनों की वजह से छोटे वाहनों एवं पैदल राहगिरों के लिए काफी खतरा पैदा हो जाता है. साथ ही इससे पहले घटित कई सडक हादसों में कुछ दुपहिया चालकों व पैदल राहगिरों की जान भी जा चुकी है.
* नियमों की खुले आम ‘ऐसी-तैसी’
भारी वाहनों के चालकों द्वारा यातायात संबंधित नियमों की खुलेआम ‘ऐसी-तैसी’ की जाती है. यह वाहन कब कहा बिना इशारे दिए मुडेंगे और कब कोई दुपहिया वाहन इन भारी वाहनों के चपेट में आएगा, इसका कोई भरोसा नहीं होता.
* नियमों का उल्लंघन करने पर दंड
यातायात संबंधी अधिसूचना का उल्लंघन करने वाले ट्रकों तथा अन्य भारी वाहनों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाती है और यह अभियान सतत शुरु रहता है.
– मनीष ठाकरे,
एसीपी (यातायात)