अमरावतीमहाराष्ट्र

भगर खरीदते समय रखें सावधानी

अमरावती /दि.26– बाजार में उपलब्ध रहने वाले खाद्य पदार्थों में अक्सर मिलावट रहने के मामले सामने आते है. जिससे स्वास्थ्य को लेकर समस्या पैदा हो सकती है. जिले में बडी संख्या में लोगबाग उपवास करते है. जिनके द्वारा बडे पैमाने पर भगर का सेवन किया जाता है. लेकिन भगर का सेवन करने से भी कई बार अन्न विषबाधा होने के मामले सामने आये है. ऐसे में भगर खरीदते समय हर किसी ने बेहद सावधान व सतर्क रहना चाहिए. इस बात की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए कि, कही उस भगर में फफूंद यानि बुरशी तो नहीं लगी है. क्योंकि ऐसी बुरशी लगी भगर का सेवन करने से विषबाधा होने का खतरा होता है.

बता दें कि, भगर में बडे पैमाने पर अस्पारीविलस प्रजाति वाली बुरशी का प्रादुर्भाव होता है. जिससे फ्यूमिगाक्लोविन नामक टॉक्सीन यानि विषेला द्रव्य तैयार होता है. वातावरण में रहने वाली आद्रता और तापमान की वजह से इस बुरशी की वृद्धि होती है. अत: भगर खरीदते समय कही उसमें बुरशी तो नहीं लगी हुई है. इस बात की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए.

* क्यों होती हैं भगर से विषबाधा?

* मिलावट
भगर में कई बार सफेद रंग के बिल्कुल भगर की तरह दिखाई देने वाले छोटे-छोटे दाने होते है. जो भगर नहीं, बल्कि किसी अन्य वस्तु के दाने होते है. यद्यपि उनका प्रमाण कम होता है, परंतु इस मिलावट की वजह से पेटदर्द की तकलीफ बढ सकती है.

* मुदतबाह्य विक्री
– विक्रेताओं ने पैकबंद भगर की ही विक्री करनी चाहिए.
– भगर खरीदते समय थोक विक्रेता से इसकी पावती लेनी चाहिए.
– भगर के पैकेट अथवा बोरे पर उत्पादक का नाम व पता, लाईसेंस क्रमांक, पैकिंग दिनांक व अंतिम वापर की दिनांक रहने पर जरुर ध्यान दें.
– मुदतबाह्य भगर या भगर के आटे की विक्री न करें.
– खुली भगर या खुले भगर आटे की विक्री न करें.

* कौनसी सतर्कता जरुरी?
– बाजार से जहां तक संभव हो पैकेट बंद भगर की खरीदी करें.
– लेबन नहीं रहने वाली अथवा खुली भगर को बिल्कुल भी ना खरीदें.
– पैकेटबंद भगर खरीदते समय पैकेट पर पैकिंग की दिनांक तथा बेस्ट बिफोर यानि प्रयोग की अंतिम दिनांक जरुर देखे.
– बाजार से भगर खरीदकर लाने के बाद उसे चुनकर साफ करें.
– भगर को ज्यादा दिनों तक स्टॉक करके न रखे और ज्यादा दिनों से रखी भगर का इस्तेमाल भी न करें.
– भगर को हमेशा स्वच्छ एवं सूखे स्थान पर व्यवस्थित रुप से बंद डिब्बे में ढक्कन लगाकर रखे.
– भगर व फल्ली दाने ज्यादा प्रथिनयुक्त पदार्थ है, दो-तीन दिन का लगातार उपवास रहते समय इन दोनों पदार्थों के सेवन से एसिडीटी बढ सकती है.
– जहां तक संभव हो बाजार से भगर का आटा न खरीदें, क्योंकि उस आटे में वातावरण की नमी को शोष लेने की क्षमता रहती है और ऐसा होने से इस आटे में फफूंद लगने का खतरा रहता है.

अन्न व औषध प्रशासन द्वारा भगर की विक्री करने वाले सभी दुकानों की समय-समय पर जांच पडताल की जाती है. अन्न पदार्थों को लेकर नियमों का उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं पर अन्न सुरक्षा व मानके कानून 2006 अंतर्गत कार्रवाई करने का प्रावधान है.
– गजानन गोरे,
अन्न सुरक्षा अधिकारी,
अन्न व औषध प्रशासन, अमरावती.

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