
* साईबर अपराधों में आई अच्छी-खासी तेजी
अमरावती /दि.7– राज्य में विगत एक वर्ष के दौरान साईबर अपराधियों द्वारा करीब 4634 करोड रुपयों का ऑनलाइन चूना नागरिकों को लगाए जाने की जानकारी मुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा विधानसभा में दी गई थी. जिसके जरिए यह जानकारी भी सामने आई थी कि, ऐसे मामलों केवल 11 फीसद आरोपी ही पकडे जा सके. इसी विषय को लेकर अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र अंतर्गत स्थिति का जायजा लिए जाने पर पता चला कि, विगत तीन वर्ष के दौरान साईबर अपराधियों ने अमरावतीवासियों की जेबों पर करीब 14 करोड रुपए का ऑनलाइन डाका डाला है. जिसके चलते विभिन्न कंपनियों के कस्टमर केअर सर्च करते समय अथवा अन्य ऑनलाइन व्यवहार करते समय या फिर किसी अनजान लिंक पर क्लिक करते समय सावधान व सतर्क रहने का आवाहन शहर पुलिस द्वारा किया गया है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक सन 2022 से फरवरी 2025 इन तीन वर्षों के दौरान अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय के साईबर पुलिस थाने में कुल 166 अपराधिक मामले दर्ज किए गए. जिनमें जालसाजी की रकम 13 करोड 80 लाख 76 हजार 732 रुपए रही. इन 166 में से 16 मामलों की सफलतापूर्वक जांच करते हुए 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं 11 मामलो में दोषारोपपत्र दायर किया गया. साथ ही साईबर पुलिस ने ऑनलाइन तरीके से हडपे गए 13.80 करोड रुपयों में से 1.34 करोड रुपए को फ्रीज व होल्ड करने में सफलता भी हासिल की.
विशेष उल्लेखनीय है कि, साईबर फ्रॉड के तार अन्य राज्यों सहित विदेशों भी जुडे रहते है. जिसके चलते साईबर पुलिस को ऐसे मामलों की जांच-पडताल करने में काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है. हालांकि इसके बावजूद शहर साईबर पुलिस ने ऑनलाइन जालसाजी के कई मामलों की सफलतापूर्वक जांच करते हुए ऐसे मामलों का पर्दाफाश कर साईबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता भी हासिल की है.
* दो माह में 13 मामले दर्ज
शहर पुलिस की साईबर सेल में जनवरी व फरवरी इन दो माह के दौरान ऑनलाइन जालसाजी के कुल 7 मामले दर्ज किए गए. जिनमें 87.62 लाख रुपए की ऑनलाइन जालसाजी हुई, वहीं मार्च व अप्रैल माह के दौरान भी 5 से 6 मामले दर्ज होने की जानकारी है.
* रोजाना 7 से 8 शिकायते
कोविडकाल के बाद ऑनलाइन फ्रॉड व साईबर क्राईम की घटनाओं में बडे पैमाने पर वृद्धि हुई है और शहर साईबर पुलिस थाने में रोजाना औसतन 7 से 8 शिकायते आती है.
* कई शिकायते प्रलंबित
साईबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराते समय निश्चित तौर पर जालसाजी कैसे हुई, इसका कुछ प्रमाण देना आवश्यक रहता है और ऐसे प्रमाण नहीं दिए जाने पर शिकायत को जांच के लिए प्रलंबित रखा जाता है.
* गोल्डन अवर को माना जाता है महत्वपूर्ण
ऑनलाइन जालसाजी की घटना घटित होने के बाद अगले एक घंटे के भीतर यानि गोल्डन अवर में तत्काल शिकायत दर्ज कराए जाने पर ऑनलाइन तरीके से लूट ली गई रकम के वापिस मिलने की पूरी संभावना रहती है. फ्रेजरपुरा पुलिस ने इसी गोल्डन अवर के दौरान तीन मामलो में 1.66 लाख रुपए वापिस हासिल की है.
* ऑनलाइन व्यवहार पूरी सजकता के साथ किया जाना चाहिए. किसी भी तरह की ऑनलाइन जालसाजी होने या डिजिटल अरेस्ट जैसा मामला होने पर तुरंत पुलिस के साथ संपर्क किया जाना चाहिए.
गोरखनाथ जाधव
पीआई, शहर साईबर सेल.