अमरावतीमहाराष्ट्र

रक्त संबंध में विवाह करते समय रहे सतर्क

अमरावती /दि.23– अक्सर लोगों की यह इच्छा होती है कि, उनकी बेटी अपने रिश्ते-नाते व जान-पहचान वाले घर में बहू बनकर जाये. साथ ही रिश्ते-नाते व जान-पहचान वाले घर की बेटी अपने घर में बहू बनकर आये. जिसके चलते कही बाद बेहद नजदीकी रक्तसंबंध वाले परिवारों के बीच अपने विवाहयोग्य बच्चों का वैवाहिक संबंध करवाया जाता है. लेकिन विवाह की यह पद्धति आने वाली पीढी के लिए घातक साबित हो सकती है. संभवत: यह वजह है कि, शास्त्रों में भी जनदीकी रिश्ते-नातों तथा एक ही कुल के लडके-लडकियों का विवाह निषिद्ध माना गया है. साथ ही अब इसे वैद्यकीय आधार भी मिल गया.

* क्या होता है आपसी रिश्ते में विवाह करने पर?
आपसी रिश्ते-नाते में विवाह करने पर कई अनुवांशिक बीमारियां एक पीढी से दूसरी पीढी तक पहुंचने की संभावना होती है. साथ ही आपसी रिश्ते-नाते में विवाह करने की वजह से आगे चलकर होने वाली संतान में सिकलसेल व थैलिसिमिया सहित कुछ जेनेटीक बीमारियां होने का अंदेशा भी रहता है.

* क्या सतर्कता है जरुरी?
जहां तक संभव हो, आपसी रिश्ते-नातों में वैवाहिक संबंध जोडने में टाला जाना चाहिए. साथ ही ऐसा विवाह करना जरुरी रहने पर विवाह से पहले युवक व युवती की स्वास्थ्य व रक्तसंबंधि जांच जरुर करवाई जानी चाहिए.

* कौनसी जांच करवाना होता है जरुरी?
यदि पति-पत्नी का रक्तगुट एक-दूसरे के साथ सुसंगत नहीं रहता है, तो गर्भधारणा के दौरान कई समस्याएं पैदा हो सकती है. ऐसे में विवाह से पहले ही दोनों का रक्तगुट एक-दूसरे के लिए अनुकूल है अथवा नहीं इसकी जांच करवानी चाहिए. साथ ही विवाह से पहले युवतियों ने ब्लड डिसऑर्डर टेस्ट यानि रक्त विकार जांच जरुर करवानी चाहिए.

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